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अगर आप लगातार आरओ का पानी पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं, ये गंभीर बीमारियां दे सकती हैं दस्तक

पानी शुद्ध करने के लिए आरओ वाटर प्यूरिफायर लगवाना अब एक आम चलन है. ऐसा इसलिए भी है कि महानगरों में या तो पानी पीने लायक नहीं है या फिर लोग ग्राउंड वॉटर पीने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में आरओ लगवाना अब एक मजबूरी बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पानी से भी कई बीमारियों (Disadvantages of drinking RO water) का खतरा है.

Ro Water Purifier
लंबे समय तक आर ओ का पानी पीने से हम कई बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं.
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Published : Apr 12, 2022, 2:15 PM IST

करनाल: जैसे-जैसे हमारा लाइफस्टाइल बदलता जा रहा है. वैसे- वैसे हमारा खान पान भी बदलता जा रहा है. पहले हम साधारण पानी पीते थे. इसे हम पूरी तरीके से स्वस्थ रहते थे. लेकिन बदलते लाइफ़स्टाइल से हम सभी के घरों में दुकानों में ऑफिस इत्यादि में अब आर ओ लगा दिए गए (Ro Water Purifier) हैं. इससे पानी फिल्टर होकर पहुंचता है और उसको हम पीते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि लंबे समय तक आर ओ का पानी पीने से हम कई बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं.

आरओ के पानी से होने वाली बीमारियां-आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर कुरुक्षेत्र डॉ. मीनाक्षी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के अनुसार पैकिंग वाला बोतल बंद आरओ का पानी लगातार लंबे समय तक पीने से आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके लगातार सेवन से आपको हृदय संबंधी विकार, थकान महसूस होना, मानसिक कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन या सिरदर्द, आयरन की कमी जैसे रोग हो सकते हैं.

अगर आप लगातार आरओ का पानी पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं, ये गंभीर बीमारियां दे सकती हैं दस्तक

आरओ का पानी पीने से मानव शरीर को भारी नुकसान पहुंचता है. शोध से पता चला है कि जब आरओ पानी फिल्टर करता है तो वह इस पानी में से अच्छे और बुरे मिनरल को पूरी तरीके से निकाल देता है. क्योंकि मशीन को अच्छे या बुरे मिनरल की पहचान नहीं होती. इस तरह का पानी पीने से आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंचता (Disadvantages of drinking RO water) है.

करनाल में हरियाणा वाटर लैब टेस्टिंग के इंचार्ज डॉ अमित राणा ने कहा कि आरओ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जहां पानी में टीडीएस (tds in water) की मात्रा बहुत ज्यादा हो ऐसे क्षेत्रों में आप आरओ की मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिनके घरों में आरओ मशीन लगी है उन्होंने बीमार बनने का सामान अपने घर में लगा दिया है. लंबे समय तक इसका उपयोग करना नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसलिए जहां तक संभव हो क्लोरीन का इस्तेमाल करें. जिसे पानी में उपस्थित लाभदायक बैक्टीरिया नष्ट नहीं होते और इसकी तुलना में यह काफी सुरक्षित होता है.

डॉ. अमित राणा ने कहा कि करनाल एक ऐसा जिला है जहां हमें फिल्टर पानी की जरूरत नहीं. क्योंकि यहां पर पानी काफी अच्छा है. जहां पर पानी में टीडीएस 500 से ज्यादा हो वहां पर ही आरओ सिस्टम लगाना चाहिए. करनाल में ऐसा कहीं भी नहीं है तो लोग एक दूसरे को देख कर लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के चक्कर में अपने स्वच्छता के साथ खिलवाड़ करते जा रहे हैं.

आरओ के पानी से नष्ट हो जाते हैं जरूरी तत्व- डॉ अमित राणा ने कहा कि आरओ से पानी फिल्टर करने में जरूरी कैल्शियम और मैग्नीशियम 90% से 99% तक नष्ट हो जाते हैं. इस तरीके का पानी पीने से आपके शरीर में नुकसान होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वास्थ्य विभाग, एनजीटी ने भी पूरे देश के सभी राज्यों से जानकारी मांगी है जिसमें उन्होंने कहा है कि जहां पर जिस क्षेत्र में पानी का टीडीएस 500 से नीचे है वहां पर आरो लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि आरो लगाने से 70% पानी की बर्बादी भी होती है. सभी को अपने लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने की बजाय अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना चाहिए. जहां पर पानी खराब है वहीं पर ही आरो लगाना चाहिए. क्योंकि लंबे समय तक आरो का पानी पीने से हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. ऐसे में हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी हम आरो का पानी दे रहे हैं. इससे हमारे आने वाले बच्चे कमजोर और स्वस्थ होंगे तो अपनी आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए हमें मिनरल पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

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करनाल: जैसे-जैसे हमारा लाइफस्टाइल बदलता जा रहा है. वैसे- वैसे हमारा खान पान भी बदलता जा रहा है. पहले हम साधारण पानी पीते थे. इसे हम पूरी तरीके से स्वस्थ रहते थे. लेकिन बदलते लाइफ़स्टाइल से हम सभी के घरों में दुकानों में ऑफिस इत्यादि में अब आर ओ लगा दिए गए (Ro Water Purifier) हैं. इससे पानी फिल्टर होकर पहुंचता है और उसको हम पीते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि लंबे समय तक आर ओ का पानी पीने से हम कई बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं.

आरओ के पानी से होने वाली बीमारियां-आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर कुरुक्षेत्र डॉ. मीनाक्षी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की रिपोर्ट के अनुसार पैकिंग वाला बोतल बंद आरओ का पानी लगातार लंबे समय तक पीने से आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके लगातार सेवन से आपको हृदय संबंधी विकार, थकान महसूस होना, मानसिक कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन या सिरदर्द, आयरन की कमी जैसे रोग हो सकते हैं.

अगर आप लगातार आरओ का पानी पी रहे हैं तो सावधान हो जाएं, ये गंभीर बीमारियां दे सकती हैं दस्तक

आरओ का पानी पीने से मानव शरीर को भारी नुकसान पहुंचता है. शोध से पता चला है कि जब आरओ पानी फिल्टर करता है तो वह इस पानी में से अच्छे और बुरे मिनरल को पूरी तरीके से निकाल देता है. क्योंकि मशीन को अच्छे या बुरे मिनरल की पहचान नहीं होती. इस तरह का पानी पीने से आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंचता (Disadvantages of drinking RO water) है.

करनाल में हरियाणा वाटर लैब टेस्टिंग के इंचार्ज डॉ अमित राणा ने कहा कि आरओ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जहां पानी में टीडीएस (tds in water) की मात्रा बहुत ज्यादा हो ऐसे क्षेत्रों में आप आरओ की मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिनके घरों में आरओ मशीन लगी है उन्होंने बीमार बनने का सामान अपने घर में लगा दिया है. लंबे समय तक इसका उपयोग करना नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसलिए जहां तक संभव हो क्लोरीन का इस्तेमाल करें. जिसे पानी में उपस्थित लाभदायक बैक्टीरिया नष्ट नहीं होते और इसकी तुलना में यह काफी सुरक्षित होता है.

डॉ. अमित राणा ने कहा कि करनाल एक ऐसा जिला है जहां हमें फिल्टर पानी की जरूरत नहीं. क्योंकि यहां पर पानी काफी अच्छा है. जहां पर पानी में टीडीएस 500 से ज्यादा हो वहां पर ही आरओ सिस्टम लगाना चाहिए. करनाल में ऐसा कहीं भी नहीं है तो लोग एक दूसरे को देख कर लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के चक्कर में अपने स्वच्छता के साथ खिलवाड़ करते जा रहे हैं.

आरओ के पानी से नष्ट हो जाते हैं जरूरी तत्व- डॉ अमित राणा ने कहा कि आरओ से पानी फिल्टर करने में जरूरी कैल्शियम और मैग्नीशियम 90% से 99% तक नष्ट हो जाते हैं. इस तरीके का पानी पीने से आपके शरीर में नुकसान होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वास्थ्य विभाग, एनजीटी ने भी पूरे देश के सभी राज्यों से जानकारी मांगी है जिसमें उन्होंने कहा है कि जहां पर जिस क्षेत्र में पानी का टीडीएस 500 से नीचे है वहां पर आरो लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि आरो लगाने से 70% पानी की बर्बादी भी होती है. सभी को अपने लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने की बजाय अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना चाहिए. जहां पर पानी खराब है वहीं पर ही आरो लगाना चाहिए. क्योंकि लंबे समय तक आरो का पानी पीने से हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. ऐसे में हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी हम आरो का पानी दे रहे हैं. इससे हमारे आने वाले बच्चे कमजोर और स्वस्थ होंगे तो अपनी आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए हमें मिनरल पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

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