करनाल: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. आंदोलन को मजबूती देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में करनाल जिले में भी किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की.
महापंचायत को मुख्य रूप से किसान नेता राकेश टिकैत ने संबोधित किया और सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसान तब तक हार नहीं मानेगा जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते. टिकैत ने कहा कि सरकार किसान और आढ़ती का भाईचारा खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला बिल्कुल गलत है.
करनाल में टिकैत की दूसरी महापंचायत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह जिले में राकेश टिकैत दूसरी बार किसान महापंचायत करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यहां आना चाहिए था और किसानों की बात सुननी चाहिए थी. राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री हमें तारीख दें और हम आएंगे उनसे मिलने. उन्होंने कहा कि हम राज्य में महापंयाचत कर रहे हैं और ऐसे ही अपनी बात रखेंगे.
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पश्चिम बंगाल में कौन जीत रहा है?
राकेश टिकैत ने इस सवाल का जवाब देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि हम किसी की हार या जीत के पक्ष में नहीं हैं, हम सिर्फ किसानों की तरफ हैं. टिकैत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी हर एक किसान के घर से एक मुट्ठी चावल मांग रही है, लेकिन ये तो बता दे कि उस किसान के धान को कोड़ियों के दाव में क्यों खरीद रही है.
'बीजेपी-जेजेपी नेताओं का करो विरोध'
गुरनाम सिंह चढूनी ने भी भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पास करवाने के लिए विधायकों ने समर्थन नहीं दिया, जिससे स्पष्ट होता है कि ये विधायक किसानों के साथ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को बीजेपी और जेजेपी के नेताओं का विरोध करना जारी रखना होगा.
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