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करनाल में उर्स मुबारक पर सजी कव्वाली की महफिल - इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब

हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की सालाना उर्स मुबारक पर कव्वाली की महफिल का धूमधाम से आयोजन किया गया, दरगाह कमेटी की ओर से कव्वाली की महफिल और शोभा यात्रा निकाली गई.

उर्स मुबारक पर सजी कव्वाली की महफिल
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Published : Nov 19, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 8:13 PM IST

करनाल: हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की सालाना उर्स मुबारक पर कव्वाली की महफिल का धूमधाम से आयोजन किया गया. इस मौके पर दरगाह कमेटी की ओर से कव्वाली की महफिल व शोभा यात्रा निकाल कर शहर को कलंदरमय बनाया गया.

वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक में दोनों ही दिन कव्वाली की महफिल सजाई जाती है. इस वर्ष कव्वाली की महफिल में कई मशहूर कव्वालों ने बाबा कलंदर साहिब का गुणगान कर समां बांधा.

'देशभक्ति की कव्वालियों से बांधा समां'
विभिन्न प्रसिद्ध कलाकारों ने देश भक्तिपूर्ण कव्वाली गाकर पूरी महफिल की वाहवाही लूटी. उन्होंने कव्वाली के माध्यम से कहा कि मंदिर हो, चाहे मस्जिद हो, चर्च हो, चाहे गुरूद्वारा ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा. धरती बट गई, धर्म बाट लिया और बाट ली भाषा और बाट लिए भगवान सोचा नहीं जरा सा, हिम्मत है तो करके दिखा दो नीलगगन का बंटवारा, नीलगगन एक है हमारा तुम्हारा. बदल नहीं सकते खून का रंग एक है हमारा तुम्हारा, जान से बढ़ कर है प्यारी हिंद की प्यारी बातें, भारत की सीमा पर जाकर देखों करते हैं रखवाले, अतुल हरि आजाद भगत ने मिलकर पुकारा भारत का तिरंगा एक है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा.

करनाल में उर्स मुबारक पर सजी कव्वाली की महफिल

ये भी पढ़ें:बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने ऊर्जा विभाग की बैठक ली, लटकती हुई तारों को 15 दिन में हटाने के दिए निर्देश

कव्वाली की महफिल में उत्तर प्रदेश के रासिद साबारी, जुनेद साबरी ने अपने फन का जादू इस तरह से बिखेरा कि वहां उपस्थित श्रोतागण झूम उठे. बू अली शाह कलंदर साहिब के उर्स पर दमा-दमा मस्त कलंदर अली दा पहला नंबर की कव्वाली का जलवा कुछ ओर ही होता है.

कोई भी कव्वाल इस कलाम को गाए बिना नही रह सकता. इस सालाना उर्स मुबारक के दो दिन तक चले कार्यक्रम में कई समाजसेवी व राजनीतिक नेताओं ने दरगाह शरीफ पर माथा टेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी.

ये भी पढ़ें:गीतांजलि मर्डर केस: कोर्ट में नहीं पेश हुए आरोपी, 17 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

करनाल: हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की सालाना उर्स मुबारक पर कव्वाली की महफिल का धूमधाम से आयोजन किया गया. इस मौके पर दरगाह कमेटी की ओर से कव्वाली की महफिल व शोभा यात्रा निकाल कर शहर को कलंदरमय बनाया गया.

वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक में दोनों ही दिन कव्वाली की महफिल सजाई जाती है. इस वर्ष कव्वाली की महफिल में कई मशहूर कव्वालों ने बाबा कलंदर साहिब का गुणगान कर समां बांधा.

'देशभक्ति की कव्वालियों से बांधा समां'
विभिन्न प्रसिद्ध कलाकारों ने देश भक्तिपूर्ण कव्वाली गाकर पूरी महफिल की वाहवाही लूटी. उन्होंने कव्वाली के माध्यम से कहा कि मंदिर हो, चाहे मस्जिद हो, चर्च हो, चाहे गुरूद्वारा ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा. धरती बट गई, धर्म बाट लिया और बाट ली भाषा और बाट लिए भगवान सोचा नहीं जरा सा, हिम्मत है तो करके दिखा दो नीलगगन का बंटवारा, नीलगगन एक है हमारा तुम्हारा. बदल नहीं सकते खून का रंग एक है हमारा तुम्हारा, जान से बढ़ कर है प्यारी हिंद की प्यारी बातें, भारत की सीमा पर जाकर देखों करते हैं रखवाले, अतुल हरि आजाद भगत ने मिलकर पुकारा भारत का तिरंगा एक है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा.

करनाल में उर्स मुबारक पर सजी कव्वाली की महफिल

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कव्वाली की महफिल में उत्तर प्रदेश के रासिद साबारी, जुनेद साबरी ने अपने फन का जादू इस तरह से बिखेरा कि वहां उपस्थित श्रोतागण झूम उठे. बू अली शाह कलंदर साहिब के उर्स पर दमा-दमा मस्त कलंदर अली दा पहला नंबर की कव्वाली का जलवा कुछ ओर ही होता है.

कोई भी कव्वाल इस कलाम को गाए बिना नही रह सकता. इस सालाना उर्स मुबारक के दो दिन तक चले कार्यक्रम में कई समाजसेवी व राजनीतिक नेताओं ने दरगाह शरीफ पर माथा टेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी.

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Intro:उर्स मुबारक पर कव्वाली की महफिल सजी ,हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की करनाल के इन्द्री दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक मनाया गया बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से,दरगाह कमेटी की ओर से कव्वालीयों किया गया आयोजन। 

  
          
Body:हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की करनाल के इन्द्री दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर दरगाह कमेटी की ओर से कव्वाली की महफिल सजाई गई ,जिसमे  प्रसिद्ध कव्वालों द्वारा कव्वालियों के माध्यम से बाबा जी का गुणगान किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कव्वाल अनवर साबरी इंटरनैशनल फिरोजाबाद वालों द्वारा समां बाध दिया। उन्होंने देश भक्तिपूर्ण कव्वाली गाकर पूरी संगत की वाहवाही लूटी। उन्होंने कव्वाली के माध्यम से कहा कि मंदिर हो चाहे मस्जिद हो चर्च हो चाहे गुरूद्वारा ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा, धरती बट गई धर्म बट गया बाट ली भाषा ओर बाट लिये भगवान सोचा नहीं जरा सा, हिम्मत है तो करके दिखा दो नीलगगन का बंटवारा, नीलगगन एक है हमारा तुम् हारा हमारा तुम्हारा, बदल गये तुम चारों भाई तेवर बदले बदले, बदले बदले जिस्म सोच में, नहीं बदल सकते लेकिन यह चैंलेज हमारा, खून का रंग एक है हमारा तु हारा हमारा तु हारा, जान से बढ़ कर है प्यारी हिंद की प्यारी बातें, भारत की सीमा पर जाकर देखों करते है रखवाली, अतुल हरि आजाद भगत ने मिलकर है पुकारा भारत का तिरंगा एक है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा।
Conclusion:  कव्वाली की महफिल में जुनेद वारसी एंड बर्दर्स ने अपने फन का जादू इस तरह से बिखेरा कि वहां उपस्थित श्रोतागण झूम उठें। बू अली शाह कलंदर साहिब के  उर्स पर दमा-दमा मस्त कलन्दर अली दा पहला न बर की कव्वाली का जलवा कुछ ओर ही होता है। कोई भी कव्वाल इस कलाम को गाये बिना नही रह सकता।  

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Last Updated : Nov 19, 2019, 8:13 PM IST
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