करनाल: गर्मियां शुरू होते ही आगजनी के मामले बढ़ने शुरू हो जाते हैं. वहीं, अगर गेहूं के सीजन की बात करें गेहूं के सीजन में गेंहू कटाई के समय आग लगने के मामले और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं. हर साल हजारों एकड़ गेहूं की फसल आग की चपेट में आकर तबाह हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है. ज्यादातर मामले बिजली विभाग के शॉर्ट सर्किट की वजह से होते हैं.
दमकल विभाग में गाड़ी कम होने के चलते भारी नुकसान: ज्यादा नुकसान होने का मुख्य कारण यह है कि जिले में अग्निशमन विभाग में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बहुत कम हैं, या फिर ज्यादा दूरी के अंतराल में गाड़ियों को रखा गया है. अगर कहीं आग लग जाती है तो जाने में समय लग जाता है और इतने में आग तेजी से फैल जाती है, जिसके चलते काफी नुकसान हो जाता है. या फिर संख्या कम होने के चलते गाड़ी कहीं आग बुझाने गई हुई होती है. ऐसे में गेहूं में कहीं और अगर आग लग जाती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी की कमी के चलते भारी नुकसान हो जाता है.
गेहूं सीजन के लिए दमकल विभाग की तैयारी: अभी गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है तो हमने फायर ब्रिगेड विभाग में जाकर अधिकारियों से जानकारी ली. आखिर जिले में आग बुझाने के लिए कितनी गाड़ियां मौजूद हैं और गेहूं के सीजन में जो आग के मामले बढ़ जाते हैं उनके लिए क्या प्रबंध किए गए हैं. दमकल विभाग करनाल के जिला अधिकारी राजीव भारद्वाज ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि करनाल जिले में दमकल विभाग के पास छोटी-बड़ी 34 गाड़ियां हैं, जिसमें 7 बाइक शामिल हैं. ऐसे में दमकल विभाग के पास फायर ब्रिगेड की 27 गाड़ियां ही पूरे जिले में हैं.
गेहूं सीजन में ज्यादा आग लगने के कारण कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द: राजीव भारद्वाज ने कहा कि किसी भी तरीके की घटना से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है. गेहूं के सीजन में ज्यादा आग लगने के कारण जितने भी कर्मचारी हैं उनकी छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है और 12 -12 घंटे की ड्यूटी तैनात कर दी गई है. मौजूदा समय में विभाग के पास 48 ड्राइवर हैं.
करनाल में साढ़े चार लाख एकड़ में गेहूं की फसल: वहीं, करनाल जिले में इस साल करीब साढ़े 4 लाख एकड़ में गेहूं की फसल लगी है. कुछ ऐसे ब्लॉक हैं जहां पर गाड़ियों की संख्या कम है. जिले में 7 फायर स्टेशन बनाए गए हैं. इनमें घरौंडा, इंद्री, तरावड़ी, नीलोखेड़ी और असंध में एक-एक फायर स्टेशन बना हुआ है, जबकि करनाल अर्बन में दो फायर स्टेशन बने हुए हैं.
हर साल आग लगने से किसानों को होता है भारी नुकसान: हर वर्ष हजारों एकड़ फसल आग में जलकर तबाह हो जाती है, लेकिन विभाग है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में बढ़ोतरी नहीं कर रहा जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी करनाल दमकल विभाग गेहूं के सीजन में आग के ज्यादा मामले बढ़ने से रोकने के लिए पूरे प्रबंध बता रहा है.
दमकल विभाग से किसानों की अपील: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विभाग ने कोई खास काम नहीं किया. इसका परिणाम यह होता है कि जब किसानों के खेतों में आग लगनी शुरू हो जाती है तो देखते ही देखते किसानों की आंखों के सामने उनकी 6 महीने की हुई फसल आग में जलकर राख हो जाती है. अगर करनाल दमकल विभाग थोड़ा सा प्रयास करे और गाड़ियों की संख्या 1 महीने के दौरान बढ़ा दे तो बहुत से किसानों को आग से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. वहीं, किसानों ने दमकल विभाग से गेहूं सीजन में आगजनी की समस्या से निपटने के लिए गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी करने की मांग की है.
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