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गीता महोत्सव में लोगों की पहली पसंद बनी शिल्पकार मोहम्मद इमरान का स्टॉल, अंतरराष्ट्रीय स्तर तक है पहचान - गीता महोत्सव मोहम्मद इमरान स्टॉल

कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव जारी है. इस उत्सव में शिल्पकार मोहम्मद इमरान का स्टॉल (Geeta Mahotsav Mohd Imran Stall) लोगों की पहली पहचान बना हुआ है.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
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Published : Dec 8, 2021, 8:45 PM IST

कुरुक्षेत्र: 2 दिसंबर से कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (International Gita Jayanti Utsav Kurukshetra) जारी है. 19 दिसंबर तक चलने वाले इस उत्सव में शिल्पकार सरस और क्राफ्ट मेला लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. देश-विदेश से कलाकार इस मेले में स्टॉल लगाते हैं. कुछ ऐसे भी शिल्पकार हैं जो अपने कला से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने को मजूबर कर देते हैं. ऐसे ही कलाकार हैं शिल्पकार मोहम्मद इमरान (Craftsman Mohammad Imran), जो उत्तर प्रदेश के रहारनपुर जिले के रहने वाले हैं.

16 साल की उम्र से इमरान ने लकड़ी से सामान बनाना शुरू किया. आज इनकी मांग विदेशों तक है. भारत में जहां भी सरस और क्राफ्ट मेला (Craftsman Saras and Craft Mela) लगता है वहां मोहम्मद इमरान का स्टॉल जरूर होता है. इस स्टॉल में लकड़ी से बना सामान, जैसे- कुर्सी, मेज, गुलदस्ता, साज-सजावट की चीजें, हर तरह का छोटा-बड़ा सामान मिलता है.

गीता महोत्सव में लोगों की पहली पसंद बनी शिल्पकार मोहम्मद इमरान का स्टॉल, अंतरराष्ट्रीय स्तर तक है पहचान

कई बार वो इस प्रदर्शनी के लिए पुरस्कार भी जीत चुके हैं. दिल्ली हॉट में उनकी एक कलाकृती 11 लाख रुपये में एक विदेशी ने खरीदी थी. जिसके बाद इन्हें भारत सरकार की तरफ से राष्ट्रीय अवॉर्ड दिया गया. इसके बाद इमारन की अलग ही पहचान बन गई. आज लोग इमरान की कलाकृतियों को जमकर खरीद रहे हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
आकृषण का केंद्र बनीं लकड़ियों से बनी कुर्सियां

खास बात ये है कि मोहम्मद इमरान सैकड़ों लोगों को इस कला की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार दे चुके हैं. आर्थिक तंगी से जुट रहे इमरान पढ़ाई छोड़ इस काम में जुट गए. इमरान पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने लकड़ी की कारीगिरी शुरू की, लेकिन अब उनका परिवार भी इस काम में उनका साथ देता है. इमरान इन लकड़ी की कलाकृतियों को बनाने के लिए कई तरह की लकड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें शीशम, पॉपलर, नीम की लकड़ियां शामिल हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
साज-सजावट के सामान की लोग जमकर कर रहे खरीददारी

ये भी पढ़ें- कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जंयती का हुआ शानदार आगाज, 19 दिसंबर तक लगातार होंगे रंगारंग कार्यक्रम

ये मेहनत, लगन और जूनून ही है जो 8वीं पास मोहम्मद इमरान की ख्याति आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. 25 साल से इमरान कुरुक्षेत्र में अपनी स्टॉल (Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall) लगा रहे हैं. लोग भी इमरान के हाथ से बनी लकड़ी की कलाकृतियों की तारीफ करते नहीं थकते. चाहे वो बैठने का स्टूल हो, डाइनिंग टेबल हो या फिर साज सजावट का सामान लोग जमकर इन चीजों की खरीददारी कर रहे हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
16 साल की उम्र से इमरान ने लकड़ी से सामान बनाना शुरू किया

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कुरुक्षेत्र: 2 दिसंबर से कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (International Gita Jayanti Utsav Kurukshetra) जारी है. 19 दिसंबर तक चलने वाले इस उत्सव में शिल्पकार सरस और क्राफ्ट मेला लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. देश-विदेश से कलाकार इस मेले में स्टॉल लगाते हैं. कुछ ऐसे भी शिल्पकार हैं जो अपने कला से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने को मजूबर कर देते हैं. ऐसे ही कलाकार हैं शिल्पकार मोहम्मद इमरान (Craftsman Mohammad Imran), जो उत्तर प्रदेश के रहारनपुर जिले के रहने वाले हैं.

16 साल की उम्र से इमरान ने लकड़ी से सामान बनाना शुरू किया. आज इनकी मांग विदेशों तक है. भारत में जहां भी सरस और क्राफ्ट मेला (Craftsman Saras and Craft Mela) लगता है वहां मोहम्मद इमरान का स्टॉल जरूर होता है. इस स्टॉल में लकड़ी से बना सामान, जैसे- कुर्सी, मेज, गुलदस्ता, साज-सजावट की चीजें, हर तरह का छोटा-बड़ा सामान मिलता है.

गीता महोत्सव में लोगों की पहली पसंद बनी शिल्पकार मोहम्मद इमरान का स्टॉल, अंतरराष्ट्रीय स्तर तक है पहचान

कई बार वो इस प्रदर्शनी के लिए पुरस्कार भी जीत चुके हैं. दिल्ली हॉट में उनकी एक कलाकृती 11 लाख रुपये में एक विदेशी ने खरीदी थी. जिसके बाद इन्हें भारत सरकार की तरफ से राष्ट्रीय अवॉर्ड दिया गया. इसके बाद इमारन की अलग ही पहचान बन गई. आज लोग इमरान की कलाकृतियों को जमकर खरीद रहे हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
आकृषण का केंद्र बनीं लकड़ियों से बनी कुर्सियां

खास बात ये है कि मोहम्मद इमरान सैकड़ों लोगों को इस कला की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार दे चुके हैं. आर्थिक तंगी से जुट रहे इमरान पढ़ाई छोड़ इस काम में जुट गए. इमरान पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने लकड़ी की कारीगिरी शुरू की, लेकिन अब उनका परिवार भी इस काम में उनका साथ देता है. इमरान इन लकड़ी की कलाकृतियों को बनाने के लिए कई तरह की लकड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें शीशम, पॉपलर, नीम की लकड़ियां शामिल हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
साज-सजावट के सामान की लोग जमकर कर रहे खरीददारी

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ये मेहनत, लगन और जूनून ही है जो 8वीं पास मोहम्मद इमरान की ख्याति आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. 25 साल से इमरान कुरुक्षेत्र में अपनी स्टॉल (Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall) लगा रहे हैं. लोग भी इमरान के हाथ से बनी लकड़ी की कलाकृतियों की तारीफ करते नहीं थकते. चाहे वो बैठने का स्टूल हो, डाइनिंग टेबल हो या फिर साज सजावट का सामान लोग जमकर इन चीजों की खरीददारी कर रहे हैं.

Geeta Mahotsav Mohammad Imran Stall
16 साल की उम्र से इमरान ने लकड़ी से सामान बनाना शुरू किया

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