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करनाल टोल प्लाजा हथियार रिकवरी की चार्जशीट पेश, NIA जांच में हुआ खुलासा देश के कई राज्य में करने थे धमाके

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Published : Nov 5, 2022, 12:00 PM IST

हरियाणा के करनाल जिले में बसताड़ा टोल प्लाजा पर विस्फोटक बरामदगी मामले (karnal toll plaza weapon recovery Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट पेश कर दी है. इस दौरान एनआईए की जांच में कुछ चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं

karnal toll plaza weapon recovery Case
करनाल टोल प्लाजा हथियार रिकवरी की चार्जशीट पेश, NIA जांच में हुआ खुलासा देश के कई राज्य में करने थे धमाके

करनाल: सीएम सिटी करनाल में बीते 5 मई को बसताड़ा टोल प्लाजा पर भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद ((karnal toll plaza weapon recovery Case) की गई थी. अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट पेश कर दी है. इसमें कुछ चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. एनआईए ने दावा किया कि इसके पीछे खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा (Khalistani terrorist organization Babbar Khalsa) इंटरनेशनल का हाथ है. इसके इशारे पर ही पंजाब-हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में 15 अगस्त के मौके पर बड़े धमाके करने थे.

बब्बर खालसा के पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरिवंदर सिंह रिंदा ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए विस्फोटक और हथियार भारत मे अंदर पहुंचाए थे. इन हथियारों के जरिए पूरे देश को धमाके से दहलाने की साजिश थी. रिंदा का सबसे बड़ा टारगेट पंजाब सहित उत्तरी भारत था. वह पंजाब के नए नए लड़कों को बहला-फुसलाकर पैसों का लालच देकर उनसे यह काम करवाता था.

पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटक की सप्लाई (Supply of arms and explosives from Pakistan) ड्रोन से करवाई जाती थी. पाकिस्तान से लगते पंजाब के जरिए यह हथियार व विस्फोटक सामग्री भारत मे भेजी जाती थी जिस दिन करनाल के टोल प्लाजा पर पुलिस के द्वारा इनको पकड़ा गया था उस सामग्री को इनोवा कार में विशेष रूप से डिजाइन की गई. कैविटी में रखकर आदिलाबाद, तेलंगाना पहुंचाने जा रहे थे.

टोल प्लाजा करनाल पर इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. इसके बाद हरियाणा व केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले पर सक्रिय हो गई थी. करनाल के बाद कुरुक्षेत्र और कैथल से भी एसटीएफ की टीम के द्वारा विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी. यह सामग्री भी आंतकी रिंदा के गुर्गो के द्वारा ही रखी गई थी. ताकि देश में कई जगह विस्फोट करके दहशत का माहौल बनाया जाए.

जांच एजेंसी एनआईए की दायर की चार्जशीट (Chargesheet filed by investigating agency NIA) में चारो आतंकी पंजाब के हैं. इनमें दो सगे भाई हैं. इनमें गुरप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह दोनों फिरोजपुर से हैं. फिरोजपुर मक्खू का ही परमिंदर सिंह के अलावा भूपिंदर सिंह लुधियाना, राजबीर सिंह जिला गुरदासपुर और हरविंदर सिंह रिंदा निवासी नांदेड़ शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी मामला: दो को 3 दिन की पुलिस रिमांड, पूछताछ के लिए ले जाया जाएगा तेलंगाना

इस मामले में 5 मई को हरियाणा पुलिस ने करनाल के पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. बाद में एनआईए के द्वारा फिर से मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. गिरफ्तार किए गए सभी आंतकी एनआईए ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद उन्हीं की निशानदेही पर पंजाब में भी कई स्थानों पर छापेमारी की गई थी.

करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा से आईईडी हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से संबंधित है जिसमें एक सफेद इनोवा कार से तीन IED, 1 पिस्तौल, 2 मैगजीन, 31 जिंदा कारतूस, छह मोबाइल और 1.30 लाख नकद बरामद किए गए और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि आईएसआई के कहने पर ही आंतकी रिंदा इन गतिविधियों को कर रहा था और भारत के कई हिस्सों को 15 अगस्त के अवसर पर दिलाने की साजिश कर रहा था जिसको करनाल पुलिस व जांच एजेंसियों ने नाकाम कर दिया.

करनाल: सीएम सिटी करनाल में बीते 5 मई को बसताड़ा टोल प्लाजा पर भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद ((karnal toll plaza weapon recovery Case) की गई थी. अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट पेश कर दी है. इसमें कुछ चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. एनआईए ने दावा किया कि इसके पीछे खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा (Khalistani terrorist organization Babbar Khalsa) इंटरनेशनल का हाथ है. इसके इशारे पर ही पंजाब-हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में 15 अगस्त के मौके पर बड़े धमाके करने थे.

बब्बर खालसा के पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरिवंदर सिंह रिंदा ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए विस्फोटक और हथियार भारत मे अंदर पहुंचाए थे. इन हथियारों के जरिए पूरे देश को धमाके से दहलाने की साजिश थी. रिंदा का सबसे बड़ा टारगेट पंजाब सहित उत्तरी भारत था. वह पंजाब के नए नए लड़कों को बहला-फुसलाकर पैसों का लालच देकर उनसे यह काम करवाता था.

पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटक की सप्लाई (Supply of arms and explosives from Pakistan) ड्रोन से करवाई जाती थी. पाकिस्तान से लगते पंजाब के जरिए यह हथियार व विस्फोटक सामग्री भारत मे भेजी जाती थी जिस दिन करनाल के टोल प्लाजा पर पुलिस के द्वारा इनको पकड़ा गया था उस सामग्री को इनोवा कार में विशेष रूप से डिजाइन की गई. कैविटी में रखकर आदिलाबाद, तेलंगाना पहुंचाने जा रहे थे.

टोल प्लाजा करनाल पर इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. इसके बाद हरियाणा व केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले पर सक्रिय हो गई थी. करनाल के बाद कुरुक्षेत्र और कैथल से भी एसटीएफ की टीम के द्वारा विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी. यह सामग्री भी आंतकी रिंदा के गुर्गो के द्वारा ही रखी गई थी. ताकि देश में कई जगह विस्फोट करके दहशत का माहौल बनाया जाए.

जांच एजेंसी एनआईए की दायर की चार्जशीट (Chargesheet filed by investigating agency NIA) में चारो आतंकी पंजाब के हैं. इनमें दो सगे भाई हैं. इनमें गुरप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह दोनों फिरोजपुर से हैं. फिरोजपुर मक्खू का ही परमिंदर सिंह के अलावा भूपिंदर सिंह लुधियाना, राजबीर सिंह जिला गुरदासपुर और हरविंदर सिंह रिंदा निवासी नांदेड़ शामिल हैं.

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इस मामले में 5 मई को हरियाणा पुलिस ने करनाल के पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. बाद में एनआईए के द्वारा फिर से मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. गिरफ्तार किए गए सभी आंतकी एनआईए ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इसके बाद उन्हीं की निशानदेही पर पंजाब में भी कई स्थानों पर छापेमारी की गई थी.

करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा से आईईडी हथियार और गोला-बारूद की जब्ती से संबंधित है जिसमें एक सफेद इनोवा कार से तीन IED, 1 पिस्तौल, 2 मैगजीन, 31 जिंदा कारतूस, छह मोबाइल और 1.30 लाख नकद बरामद किए गए और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि आईएसआई के कहने पर ही आंतकी रिंदा इन गतिविधियों को कर रहा था और भारत के कई हिस्सों को 15 अगस्त के अवसर पर दिलाने की साजिश कर रहा था जिसको करनाल पुलिस व जांच एजेंसियों ने नाकाम कर दिया.

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