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मरते दम तक लड़ता रहा हरियाणा का बेटा, आतंकवादियों ने धोखे से किया था हमला

जम्मू-कश्मीर में आए दिन सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ देखने को मिलती रहती है. इन मुठभेड़ों में आतंकवादियों की कायराना हरकतों से भी हर कोई वाकिफ है. ऐसी ही एक और हरकत सामने आई है जिसमें देश की हिफाजत करते हुए एक और फौजी वीरगति को प्राप्त हो गया.

शहीद की फाइल फोटो
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Published : Feb 12, 2019, 8:42 PM IST

Updated : Feb 13, 2019, 12:02 AM IST

करनालः जम्मू-कश्मीर में आए दिन सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ देखने को मिलती रहती है. इन मुठभेड़ों में आतंकवादियों की कायराना हरकतों से भी हर कोई वाकिफ है. ऐसी ही एक और हरकत सामने आई है जिसमें देश की हिफाजत करते हुए एक और फौजी वीरगति को प्राप्त हो गया.

haryana martyr karnal
शहीद की फाइल फोटो

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हम बात कर रहे हैं करनाल के डिंगर माजरा के रहने वाले हवलदार बलजीत की, जिन्होंने बीती रात आतंकवादियों से लोहा लेते हुए श्रीनगर के पुलवामा में देश की आन-बान और शान के खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.
एक और जवान हुआ शहीद
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जैसे ही शहीद की शहादत की सूचना गांव पहुंची, तो पूरे गांव में मातम पसर गया. एक ओर जहां पूरे गांव वासी शहीद की शहादत का गम मना रहे थे, तो वहीं दूसरी ओर शहीद बलजीत के पिता किशन चंद अपने बेटे की इस शहादत पर फख्र महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनके बेटे ने देश के लिए जो काम किया है, उसके लिए उन्हें उनपर गर्व है.

करनालः जम्मू-कश्मीर में आए दिन सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ देखने को मिलती रहती है. इन मुठभेड़ों में आतंकवादियों की कायराना हरकतों से भी हर कोई वाकिफ है. ऐसी ही एक और हरकत सामने आई है जिसमें देश की हिफाजत करते हुए एक और फौजी वीरगति को प्राप्त हो गया.

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शहीद की फाइल फोटो

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हम बात कर रहे हैं करनाल के डिंगर माजरा के रहने वाले हवलदार बलजीत की, जिन्होंने बीती रात आतंकवादियों से लोहा लेते हुए श्रीनगर के पुलवामा में देश की आन-बान और शान के खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.
एक और जवान हुआ शहीद
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जैसे ही शहीद की शहादत की सूचना गांव पहुंची, तो पूरे गांव में मातम पसर गया. एक ओर जहां पूरे गांव वासी शहीद की शहादत का गम मना रहे थे, तो वहीं दूसरी ओर शहीद बलजीत के पिता किशन चंद अपने बेटे की इस शहादत पर फख्र महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनके बेटे ने देश के लिए जो काम किया है, उसके लिए उन्हें उनपर गर्व है.

Intro:करनाल के डिंगर माजरा का हवलदार बलजीत आतंकवादियों से लोहा लेते हुए श्रीनगर के पुलवामा में हुए शहीद ,बुधवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव डिंगर मजरा में होगा अंतिम संस्कार ,पिता ने कहा बेटे की शहादत पर गर्व है हमें ,पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवादियों से बदला लेने की लगाई गुहार ।


Body:करनाल के डिंगर माजरा का 50 वर्षीय राइफल में हवलदार के पद पर तैनात 35 वर्षीय जवान बलजीत सिंह पुत्र कृष्ण चंद श्रीनगर के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया । सैनिक बलजीत सिंह के शहीद होने की सूचना जैसे ही पैतृक गांव में पहुंची तो गांव स्तब्ध रह गया । परिवार से प्राप्त जानकारी अनुसार हवलदार बलजीत सिंह इस समय श्रीनगर के पुलवामा में 50 राष्ट्रीय राइफल में तैनात था गत रात्रि को 2:30 बजे उनकी सेना के जवानों को पुलवामा के पास तीन आतंकवादियों के घुसे होने की सूचना पहुंची तो वह अपने साथी जवानों के साथ आतंकवादियों की घेराबंदी के लिए पहुंचे । इस दौरान आतंकवादियों को सेना के निकट आने की भनक लग गई । वह अपनी ओर से अंधेरे में फायर शुरू कर दिए। इधर हवलदार बलजीत अपने ऑफिसर जेसीओ के साथ सर्च अभियान की अगुवाई में शामिल थे । इस मुठभेड़ में बलजीत ने 1 आतंकवादी को फायर कर मार गिराया लेकिन सामने से आतंकवादियों की फायरिंग में बलजीत सिंह को तो गोली लगी व एक अन्य साथी सिपाही को गोली लगी जिसके बाद साथी सैनिक तुरंत सेना के अस्पताल दोनों गोली लगने से घायल जवानों को लेकर पहुंचे । लेकिन तब तक हवलदार बलजीत सिंह व दूसरा साथी सिपाही शहीद हो चुके थे ।

जनवरी 2002 से हवलदार बलजीत सिंह 2 मेक इन्फेंट्री में भर्ती हुआ था वह महाराष्ट्र के अहमदनगर में ट्रेनिंग की थी इसके बाद अपनी अच्छी फिटनेस के चलते हवलदार बलजीत एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग पूरी की थी । वह वर्ष 2015 से वर्ष 2017 तक नई दिल्ली में एन एस जी के वीवीआइपी ड्यूटी में तैनात रहा इससे पहले भी 3 साल तक हवलदार बलजीत राष्ट्रीय राइफल में पोस्टिंग रह चुका था । वह अब दोबारा से लगभग पिछले 3 वर्षों से 50 राष्ट्रीय राइफल में श्रीनगर क्षेत्र में पोस्टिंग था । हवलदार बलजीत का एक 3 वर्षीय बेटा वह 7 वर्षीय बेटी है । देश के लिए शहादत देने वाले हवलदार बलजीत की पत्नी अरुणा एक 3 वर्षीय बेटा अरनव 7 वर्षीय बेटी जन्नत 75 वर्षीय किसान पिता किशन चंद बड़ी बहन नीलम जो कि करनाल के नेवल गांव में शादीशुदा है । बड़ा भाई कुलदीप जो कि खेती-बाड़ी एक गाड़ी चला कर अपना जीवन निर्वाह कर रहा है । शहीद की माता मूर्ति का पहले ही देहांत हो चुका है इसके अलावा किसान परिवार है वह ताऊ का लड़का भी श्रीनगर में ही राष्ट्रीय राइफल में इस समय तैनात है ।


Conclusion:जैसे ही शहीद की शहादत की सूचना गांव पहुंची तो पूरा गांव बलजीत के घर का चित्र हो गया इस दौरान पिता किशन चंद खेत में पशुओं का चारा लेने गए हुए थे पत्नी घर ही घर का कार्य कर रही थी ।

वीओ - 1- पत्नी और अरुणा ने कहा कि 1 दिन पहले ही मुझसे वह बच्चों से मेरे पति की बात हुई थी अपने इस ऑपरेशन के बारे में उन्होंने हमें जानकारी नहीं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हुए पत्नी अरुणा ने कहा कि मेरे पति की शहादत का बदला जरूर लिया जाए ।

वीओ-2 - शहीद की शहादत पर भाई अमित राठौर ने बताया की बलजीत वास्तव में सच्चा देशभक्त था और हमें इस पर गर्व है मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन आतंकबाद पर और अच्छा काम करना चाहिए और इन को बिल्कुल खत्म करना चाहिए।

वीओ - घरौंडा विधायक हरविंदर कल्याण ने बताया कि बलजीत की शहीद होने की सूचना उन्हें भी प्राप्त हुई है बलजीत हमारे हलके के गांव डिंगर माजरा का रहने वाला था। देश की सेवा करते हुए उसने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। ऐसे सच्चे भक्तों को हम कोटि-कोटि नमन करते हैं । कल राजकीय सम्मान के साथ अजीत को अंतिम विदाई दी जाएगी ।
Last Updated : Feb 13, 2019, 12:02 AM IST
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