करनाल: कोरोना महामारी की वजह से पूरे विश्व को आर्थिक मंदी झेलनी पड़ी है. कोरोना का असर हर वर्ग और धंधे पर पड़ा है. हालांकि कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद अब धीरे-धीरे स्थिति पहले की तरह सामान्य हो रही है, लेकिन अब भी कोरोना की मार से पूरी तरह से उबरने में काफी वक्त लगने वाला है. इसी कोरोना की चपेट में आने से नर्सरी मालिकों को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है.
करनाल की 250 नर्सरियां हुईं प्रभावित
अगर बात करनाल की करें तो यहां करीब 250 ऐसी नर्सरी हैं, जिनपर कोरोना की मार पड़ी है. पेड़-पौधों की नर्सरी चला रहे दीपक ने कहा कि वो एक सामान्य सी नर्सरी चलाते हैं, लेकिन उन्हें भी पिछले साल करीब 10 लाख रुपये का नुकसान कोरोना की वजह से उठाना पड़ा है.
नर्सरी मालिकों को हुआ लाखों का नुकसान
नर्सरी मालिक दीपक ने कहा कि मार्च शुरू होते ही पेड़-पौधे लगाने का समय आ जाता है. उस दौरान उन लोगों ने मार्च के शुरुआती दिन में लाखों रुपये के पेड़-पौधों का माल बड़ी नर्सरी से उठाया था, ताकि वो उसे अपने क्षेत्र में दोगने दाम पर बेच सकें. उन्होंने कहा कि माल उठाने के बाद लॉकडाउन लग गया और उनके पौधे नर्सरी में रखे-रखे ही खराब हो गए.
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स्कूल-कॉलेज ना खुलने से नुकसान ज्यादा
दीपक ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वो भी अपनी नर्सरी नहीं आ सके. जिस वजह से वो पौधों को पानी नहीं डाल सके. जिसका नतीजा ये हुआ कि उनके लाखों के पौधे बर्बाद हो गए. उन्होंने कहा कि अब भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं, क्योंकि स्कूल और कॉलेज में काफी पौधे सप्लाई किए जाते थे, लेकिन अब भी ज्यादातर स्कूल-कॉलेज नहीं खुले हैं.
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वहीं एक दूसरे नर्सरी मालिक उधम ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन का उनपर भी काफी असर पड़ा है. उस दौरान वो पैसों के लिए दूसरों का मुंह देख रहे थे, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उनकी नर्सरी पर भी ताला लगा था.
नर्सरी मालिकों को सब सामान्य होने की उम्मीद
नर्सरी मालिकों ने कहा कि अब जब चीजें सामान्य हो रही है तो उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में उनकी नर्सरी भी पहले के जैसे सामान्य हो जाएगी और वो कोरोना की वजह से हुए आर्थिक नुकसान से बाहर निकल जाएंगे.