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करनाल में किसान महापंचायत में गरजे चढूनी, मांगे नहीं मानी तो गन्ने की छिलाई बंद करने की दी चेतावनी - Farmers protest in Karnal

करनाल में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in Karnal) में किसानों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 17 जनवरी से वह गन्ना की छिलाई बंद कर देंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है.

Farmers protest in Karnal
करनाल में किसान महापंचायत
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Published : Jan 10, 2023, 8:22 PM IST

करनाल में किसान महापंचायत.

करनाल: भीषण सर्दी में गन्ना के रेट बढ़ाए जाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ग्रुप के बैनर तले नई अनाजमंडी में किसानों की प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in Karnal) हुई. किसान महापंचायत में किसानों ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए आह्वान किया कि जब तक प्रदेश सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती, तब तक किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.

हालांकि दोपहर बाद किसान प्रतिनिधियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में फैसला हुआ कि किसान प्रतिनिधि आगामी 16 जनवरी को विधायकों की कमेटी के सामने अपनी बात रखेंगे. जिसके बाद किसान महापंचायत समाप्त हो गई. लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार गन्ने के रेट नहीं बढ़ाती है तो किसान 17 जनवरी के बाद गन्ने की छिलाई बंद कर मिलों में गन्ना भेजना बंद (sugarcane rate increase) कर देंगे.

मांगे न मानी तो शुगर मिल होगी बंद: किसानों का कहना है कि फिर भी सरकार अगर गन्ने के रेट नहीं बढ़ाती को 20 जनवरी को प्रदेश के शुगर मिलों में तालाबंदी कर देंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 16 जनवरी को किसानों का शिष्ट मंडल सरकार की बनाई गई विधायकों की गन्ने का रेट बढ़ाने वाली कमेटी से बातचीत करेगा. अगर 16 जनवरी की मीटिंग में सरकार मांग नहीं मानती तो 17 जनवरी को गन्ने की छिलाई बन्द कर देंगे. साथ ही 20 जनवरी से हरियाणा की सभी शुगर मिल को किसान ताले लगा (Farmers protest in Karnal) देंगे.

Farmers protest in Karnal
किसानों का विरोध प्रदर्शन

डीसी अनीश यादव ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बातचीत हुई है. बातचीत में आने वाली 16 जनवरी को गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर सरकार की बनाई गई कमेटी के साथ किसान प्रतिनिधियों की बातचीत होगी. बातचीत के बाद विधायकों के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेजेगी, जिस पर सरकार फैसला लेगी.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में दो चरणों में हुई भारत जोड़ो यात्रा, जानिए राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा में क्या है मायने

किसान महापंचायत से प्रशासन में मचा हड़कंप: किसानों की महापंचायत में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनता देख जिले के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. मंच से यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान कर दिया है कि किसान महांपचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. किसानों को जब तक गन्ने के उचित रेट नहीं मिलता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा. किसान महापंचायत के किसानों के रुख को देखते हुए डीसी ने किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में बुलाया गया, जहां पर एसडीएम, डीसी व गुरनाम सिंह चढूनी के बातचीत चली.

Farmers protest in Karnal
करनाल में किसान महापंचायत
सरकार किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गन्ना के रेट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लगातार सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. सरकार द्वारा किसानों की गन्ना वृद्धि की मांग की अनदेखी करने के खिलाफ किसानों ने महांपचायत बुलाने का आह्वान किया था. किसान महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं, किसान महापंचायत में कोई न कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महापंचायत में प्रशासन की तरफ से संदेश आया है कि बैठकर बातचीत से कोई रास्ता निकाला जाएगा. अब क्या बातचीत होती है, उसके बाद ही कुछ बताया जाएगा.यह भी पढ़ें-Plantation in Haryana: घर-घर जाकर वृक्षों की गणना करवाएगी हरियाणा सरकार

इस बार गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं हुई: करनाल में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने कहा कि किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के रेट की मांग कर रहे हैं. फिलहाल हरियाणा में गन्ने का रेट 362 रुपये प्रति क्विंटल है. हालांकि हरियाणा में किसानों की कोई भी गन्ने की राशि अभी तक सरकार के पास बकाया नहीं है. किसानों का कहना हर बार सरकार द्वारा हरियाणा में गन्ने के रेट को बढ़ाया जाता था, इस बार गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं हुई. (Demand to increase sugarcane rate in Haryana)

मांगे न मानने पर करेंगे आंदोलन: किसान नेता से पूछा गया कि राहुल गांधी के साथ काफी किसान नेता यात्रा में शामिल हैं. इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज हम सब किसान गन्ने के रेट में वृद्धि को लेकर एकत्रित हुए हैं. राहुल गांधी की यात्रा के बारे में बाद में बातचीत करेंगे. किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तो किसान बड़ा आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे.

करनाल में किसान महापंचायत.

करनाल: भीषण सर्दी में गन्ना के रेट बढ़ाए जाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ग्रुप के बैनर तले नई अनाजमंडी में किसानों की प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in Karnal) हुई. किसान महापंचायत में किसानों ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए आह्वान किया कि जब तक प्रदेश सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती, तब तक किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.

हालांकि दोपहर बाद किसान प्रतिनिधियों और जिला प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में फैसला हुआ कि किसान प्रतिनिधि आगामी 16 जनवरी को विधायकों की कमेटी के सामने अपनी बात रखेंगे. जिसके बाद किसान महापंचायत समाप्त हो गई. लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार गन्ने के रेट नहीं बढ़ाती है तो किसान 17 जनवरी के बाद गन्ने की छिलाई बंद कर मिलों में गन्ना भेजना बंद (sugarcane rate increase) कर देंगे.

मांगे न मानी तो शुगर मिल होगी बंद: किसानों का कहना है कि फिर भी सरकार अगर गन्ने के रेट नहीं बढ़ाती को 20 जनवरी को प्रदेश के शुगर मिलों में तालाबंदी कर देंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 16 जनवरी को किसानों का शिष्ट मंडल सरकार की बनाई गई विधायकों की गन्ने का रेट बढ़ाने वाली कमेटी से बातचीत करेगा. अगर 16 जनवरी की मीटिंग में सरकार मांग नहीं मानती तो 17 जनवरी को गन्ने की छिलाई बन्द कर देंगे. साथ ही 20 जनवरी से हरियाणा की सभी शुगर मिल को किसान ताले लगा (Farmers protest in Karnal) देंगे.

Farmers protest in Karnal
किसानों का विरोध प्रदर्शन

डीसी अनीश यादव ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बातचीत हुई है. बातचीत में आने वाली 16 जनवरी को गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर सरकार की बनाई गई कमेटी के साथ किसान प्रतिनिधियों की बातचीत होगी. बातचीत के बाद विधायकों के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेजेगी, जिस पर सरकार फैसला लेगी.

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किसान महापंचायत से प्रशासन में मचा हड़कंप: किसानों की महापंचायत में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनता देख जिले के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. मंच से यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान कर दिया है कि किसान महांपचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. किसानों को जब तक गन्ने के उचित रेट नहीं मिलता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा. किसान महापंचायत के किसानों के रुख को देखते हुए डीसी ने किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में बुलाया गया, जहां पर एसडीएम, डीसी व गुरनाम सिंह चढूनी के बातचीत चली.

Farmers protest in Karnal
करनाल में किसान महापंचायत
सरकार किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गन्ना के रेट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लगातार सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. सरकार द्वारा किसानों की गन्ना वृद्धि की मांग की अनदेखी करने के खिलाफ किसानों ने महांपचायत बुलाने का आह्वान किया था. किसान महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं, किसान महापंचायत में कोई न कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महापंचायत में प्रशासन की तरफ से संदेश आया है कि बैठकर बातचीत से कोई रास्ता निकाला जाएगा. अब क्या बातचीत होती है, उसके बाद ही कुछ बताया जाएगा.यह भी पढ़ें-Plantation in Haryana: घर-घर जाकर वृक्षों की गणना करवाएगी हरियाणा सरकार

इस बार गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं हुई: करनाल में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने कहा कि किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के रेट की मांग कर रहे हैं. फिलहाल हरियाणा में गन्ने का रेट 362 रुपये प्रति क्विंटल है. हालांकि हरियाणा में किसानों की कोई भी गन्ने की राशि अभी तक सरकार के पास बकाया नहीं है. किसानों का कहना हर बार सरकार द्वारा हरियाणा में गन्ने के रेट को बढ़ाया जाता था, इस बार गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं हुई. (Demand to increase sugarcane rate in Haryana)

मांगे न मानने पर करेंगे आंदोलन: किसान नेता से पूछा गया कि राहुल गांधी के साथ काफी किसान नेता यात्रा में शामिल हैं. इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज हम सब किसान गन्ने के रेट में वृद्धि को लेकर एकत्रित हुए हैं. राहुल गांधी की यात्रा के बारे में बाद में बातचीत करेंगे. किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तो किसान बड़ा आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे.

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