करनालः सरकार गरीब जनता के लिए योजनाएं बनाकर उनका लाभ जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है तो वहीं सरकारी अधिकारी ही सरकार के इस कदम पर मिट्टी पलीत कर रहे हैं. भ्रष्ट अधिकारी सरकार की योजनाओं से मिलने वाले लाभ को गरीब जनता तक पहुंचाने में उनसे रिश्वत लेते हैं. ताजा मामला करनाल के श्रम विभाग से सामने आया है. जिसमे सुरेन्द्र नाम का अधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा डीसी रेट कर इसी विभाग में कार्यरत था.
कन्यादान के पैसों से मांग रहा था रिश्वत
चुरनी गांव की रहने वाले एक मजदूर परिवार में कन्या कविता की बुआ की लड़की की शादी थी जिसने सरकार की योजना मुख्यमंत्री कन्यादान की राशि एक लाख रुपये के लिए पार्थना पत्र दिया हुआ था. उसी कन्यादान की राशि को पास करवाने हेतु आरोपी सुरेन्द्र ने 50 हजार रुपये की मांग की. बाद में 40 हजार देने की सहमति बनी. जिसकी शिकायत कविता ने विजिलेंस विभाग करनाल में की.
रिश्वत लेते रंगे-हाथों गिरफ्तार
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर आज विजिलेंस की टीम ने सुरेन्द्र को करनाल के पुराने बस स्टैंड के पास बने अटल सेवा केंद्र के पास 40 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
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पहले था डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर
विजिलेंस अधीक्षक शाम लाल ने बताया कि शिकायत के अनुसार कार्रवाई करते हुए विजिलेंस टीम ने रेड कर आरोपी सुरेंद्र को रंगे हाथों 40 हजार रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि सुरेन्द्र पहले श्रम विभाग में डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर था अब दोबारा सहायक लेबर अधिकारी के पद पर तैनात था.