करनालः घरौंडा में बना रैनबसेरा, आश्रितों की सुविधाओं का खास ख्याल - घरौंडा करनाल न्यूज
रैन बसेरे में आने वाले लोगों की सुविधाओं का खासा ख्याल रखा गया है. रैन बसेरे का निर्माण पफ शीट से किया गया, जो सर्दियों में अंदर से गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती है. आश्रय स्थल में पांच कमरे हैं, प्रत्येक कमरे में सुलभ शौचालय बनाया गया है. साथ ही एक रसोईघर की व्यवस्था भी की गई है.
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करनालः घरौंडा में डिंगर माजरा रोड पर पर बेसहारा और बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए स्थाई रैन बसेरा बनाया गया है. दो मंजिले रैन बसेरे में आश्रितों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी. रैनबसेरे में गरीबों को निःशुल्क भोजन और आराम करने के लिए बेड और बिस्तर मिलेंगे. रैनबसेरे का निर्माण सरकार की ओर से करवाया गया, लेकिन इसकी देखरेख का जिम्मा नगरपालिका को दिया गया है. जहां पर नगरपालिका का एक कर्मचारी चौबीस घंटें ड्यूटी पर तैनात रहेगा. इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा.
विधायक हरविंद्र कल्याण ने दिया था प्रस्ताव
इससे पहले शहर के रेलवे रोड पर नगरपालिका की बिल्डिंग में एक अस्थायी रैन बसेरा बनवाया गया था. लेकिन रैन बसेरे में आश्रितों के लिए हर प्रकार की सुविधा नहीं थी. जिस कारण रात के समय ठहरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ठंड को देखते हुए विधायक हरविंद्र कल्याण ने स्थाई रैन बसेरे के निर्माण के लिए सरकार को प्रपोजल भेजी थी. विधायक के प्रयासों से डिंगर माजरा रोड पर स्थाई रैन बसेरा बनाया गया है.
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रैन बसेरे में मिलेंगी ये सुविधाएं
रैन बसेरे का निर्माण एचसीएल कंपनी ने किया. रैन बसेरे में आने वाले लोगों की सुविधाओं का खासा ख्याल रखा गया है. रैन बसेरे का निर्माण पफ शीट से किया गया, जो सर्दियों में अंदर से गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती है. आश्रय स्थल में पांच कमरे हैं, प्रत्येक कमरे में सुलभ शौचालय बनाया गया है. साथ ही एक रसोईघर की व्यवस्था भी की गई है. सोलर सिस्टम, बिजली, पानी और सीसीटीवी जैसी तमाम सुविधाओं से लैस इस रैन बसेरे में 25 से 30 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. आकस्मिक तौर पर यहां 50 से ज्यादा लोग ठहर सकते हैं.
महिलाओं और छात्रों को भी मिलेगी सहूलियत
नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा के मुताबिक, रैन बसेरे में महिला और पुरूषों के ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था होगी. कोई आश्रित रैन बसेरा में भूखा ना सोए, इसके लिए नगरपालिका समाजिक संस्थाओं के सहयोग से भोजन की व्यवस्था करेगी. इस रैन बसेरे का फायदा उन युवकों को भी मिल पाएगा, जो कंपीटिटिव एग्जाम के लिए अपने क्षेत्रों से बाहर जाते हैं और उन्हें रात के समय ठहरने में दिक्कत होती है, वे सब यहां पर ठहर सकते हैं.
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Body:बेसहारा लोगों को अब ठिठुरना नहीं पड़ेगा। डिंगर माजरा रोड़ पर बेसहारा व बेघर लोगों को ठंड से बचाने के लिए स्थाई रैन बसेरा बनाया गया है। लाखों रुपए की लागत से बनाए गए इस दो मंजिला रैन बसेरा में आश्रितों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। इतना ही नहीं यहां पर गरीबों को निशुल्क भोजन व आराम करने के लिए बेड व बिस्तर मिलेंगे। इस आश्रय स्थल का निर्माण सरकार द्वारा करवाया गया, लेकिन इसकी देखरेख का जिम्मा नगरपालिका को दिया गया है। जहां पर नगरपालिका का एक कर्मचारी चौबीस घंटें ड्यूटी पर तैनात होगा।
ठंड से ठिठुर रहे लोगो के लिए शहर के रेलवे रोड़ पर नगरपालिका की बिल्डिंग में अस्थायी तौर पर एक रैन बसेरा बनवाया गया था। रैन बसेरे में आश्रितों के लिए हर प्रकार की सुविधा नहीं थी। जिस कारण रात के समय ठहरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ठंड को देखते हुए विधायक हरविंद्र कल्याण ने स्थाई रैन बसेरे के निर्माण के लिए सरकार को प्रपोजल भेजी थी। विधायक के प्रयासों से डिंगर माजरा रोड पर स्थाई रैन बसेरा तैयार हो चुका है। इस रैन बसेरे का निर्माण एचसीएल कंपनी द्वारा किया गया। अब नगरपालिका की देखरेख में यह रैन बसेरा संचालित होगा। इससे यहां पर गरीबों को राहत मिलेगी। इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
रैन बसेरा में आश्रितों की सुविधाओं का खासा ख्याल रखा गया है। रैन बसेरा का निर्माण पफ शीट से किया गया, जो सर्दियों में अंदर से गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती है। आश्रय स्थल में पांच कमरे है, प्रत्येक कमरें में सुलभ शौचालय बनाया गया है। साथ ही एक रसोईघर की व्यवस्था भी की गई है। सोलर सिस्टम, बिजली, पानी व सीसीटीवी जैसी तमाम सुविधाओं से लैस इस रैन बसेरा में 25 से 30 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। आकस्मिक तौर पर यहां 50 से ज्यादा लोग ठहर सकते है।
Conclusion:नगरपालिका सचिव रविप्रकाश शर्मा के मुताबिक, रैन बसेरे में महिला और पुरूषों के ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था होगी। यहां आने वाले लोगों को अक्सर भूखे पेट ही रहना पड़ता है। कोई आश्रित रैन बसेरा में भूखा ना सोय, इसके लिए नगरपालिका समाजिक संस्थाओं के सहयोग से भोजन की व्यवस्था करेगी। इतना ही नहीं इस रैन बसेरे का फायदा उन युवकों को भी मिल पाएगा, जो कंपीटिटिव एग्जाम के लिए अपने क्षेत्रों से बाहर जाते है और उन्हें रात के समय ठहरने में दिक्कत होती है, वे सब यहां पर ठहर सकते है।
बाइट- रविप्रकाश शर्मा, सचिव नगरपालिका घरौंडा