करनाल: हरियाणा में जनवरी के महीने से ही रुक-रुक कर बरसात हो रही है, जिससे किसानों की फसल बहुत ज्यादा खराब (karnal crop damaged after rain) हो चुकी है. यह सब बरसात की वजह से कोई है, लेकिन कुछ ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने अपनी फसल का बीमा किया हुआ है, लेकिन उनको मुआवजे से किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं. किसानों का कहना है कि अभी तक कोई भी सरकारी अधिकारी गिरदावरी के लिए नहीं आया है, जिससे उन्हे इस बार कर्ज के बोझ तले दबने का डर सता रहा है.
किसानों का कहना है कि हमारी फसल बरसात की वजह से काफी खराब हो चुकी है, जिसमें गेहूं सरसों और सब्जियों की फसल शामिल है बरसात ने ऐसी नौबत सामने खड़ी कर दी है कि पशु के लिए चारा भी किसानों के पास बरसात के कारण खराब हो चुका है. किसान नरेश ने कहा कि उन्होंने फसल का बीमा भी किया हुआ है, लेकिन बीमे का फायदा तब होगा जब विभाग का कोई अधिकारी उनके खेत में उनकी फसल की गिरदावरी करने के लिए आएगा. फसल खराब होकर पीली पड़ चुकी है, लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी उनके खेत में उनकी फसल देखने नहीं आया.
किसान नरेश का कहना है कि जो सरकार दावा करती है कि किसानों को उनकी फसल खराब का मुआवजा दिया जाएगा, वह किस आधार पर दिया जाएगा यह समझ नहीं आ रहा. एक अन्य किसान ने कहा कि उन्होंने तो ठेके पर जमीन ली हुई है और फसल आधी से ज्यादा खराब हो चुकी है, जिससे वो कर्ज के नीचे दब जाएंगे. उन्होंने सरकार से अपील की है कि जल्द ही उनके मुआवजे (Karnal Farmers Demanding Compensation) का प्रावधान किया जाए, ताकि उनको कुछ राहत मिल जाए.
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सरकार ने कुछ दिन पहले ही हरियाणा के किसानों के लिए मुआवजे के तौर पर कई करोड़ रुपये जारी करने की बात की है, लेकिन जब किसान के खेत में कोई भी कृषि और विभाग का अधिकारी गिरदावरी करने के लिए ही नहीं पहुंचा, तो किस आधार पर यह मुआवजा दिया जाएगा. किन-किन लोगों को मुआवजा दिया जाएगा, इसका अभी कुछ नहीं पता. किसानों का कहना है कि जिनकी सच में गेहूं खराब या अन्य फसल हुई है उनको मुआवजा नहीं मिलता और जो जान पहचान वाले लोग होते हैं उनको मुवावजा अधिकारियों के द्वारा दिया जाता है.
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