करनाल: भले सरकार की ओर से जिले की 10 मुख्य मंडियों और 15 खरीद सेंटरों पर रबी की फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है, लेकिन अब भी ऐसे कई किसान हैं जिनकी फसल खेतों में खड़ी है. ऐसे में किसानों का आरोप है कि अगर वो अपनी फसल को अभी काट लेंगे तो सरकार उनकी फसल ये कह कर खरीदने से मना कर देगी कि उनकी फसल में नमी है. ऐसे में उनकी फसलों की सरकारी खरीद नहीं हो पाएगी.
अनाज मंडी के आढ़ती मेहर सिंह ने बताया कि ना तो किसानों की फसल अभी मंडी में आने के लिए तैयार है और ना ही आढ़तियों को मंडी प्रशासन द्वारा अभी तक बारदाना उपलब्ध करवाया गया है, ताकि अगर किसानों की फसल मंडी में आ जाए तो उसका रखरखाव किया जा सके.
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कैलाश गांव के रहने वाले किसान मोहर सिंह ने बताया के प्रशासन की ओर से एडवांस में गेहूं की खरीद करने का कोई भी औचित्य नजर नहीं आता है. जब तक किसान की फसल पूरी तरह से पक नहीं जाती तब तक किसान उसको मंडी में नहीं लेकर आएगा. फसल तो अपने समय पर ही पकेगी. मोहर सिंह ने बताया जो फसल मशीन से कटती है वो तो और भी 15 दिन लेट होगी.
मंडी एनालिस्ट संजीव ग्रोवर ने बताया कि प्रशासन के आदेश अनुसार आज से गेहूं की खरीद शुरू कर दी है, लेकिन अभी किसानों का आना शुरू नहीं हुआ है. पिछली बार कोरोना के चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते इस बार समय से पहले ही गेहूं की खरीद शुरू की गई है.
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संजीव ग्रोवर ने कहा कि करनाल जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग स्तिथ मुख्य अनाज मंडी में 4 गेट हैं. चारों गेट सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं. अभी सिर्फ दो गेटों को ही चालू किया गया है. जैसे-जैसे किसानों का आवागमन बढ़ेगा चारों गेटों को चालू कर दिया जाएगा.