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विश्व दुग्ध दिवसः दुग्ध उत्पादन में दूसरे नंबर पर देश, हरियाणा दे रहा साथ - karnal news

1 जून को पूरे विश्व में दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया.

करनाल में मना विश्व दुग्ध दिवस
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Published : Jun 1, 2019, 8:42 PM IST

करनाल: एक जून को पूरे विश्व में दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को दूध के महत्व और इसकी शुद्धता की जांच के बारे में बताया गया.

देश में करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेयरी व्यवसाय होता है
संस्थान के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने इस मौके पर कहा की देश में इस समय करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेयरी का व्यवसाय होता है. कृषि फसलों की बात की जाए तो देश में फसलों से ज्यादा डेयरी व्यवसाय किया जाता है. इस समय देश में डेयरी का एक तिहाई सेक्टर संगठित है और दो तिहाई सेक्टर असंगठित हैं. इसलिए संगठित क्षेत्र में दूध को ओर अधिक लाने की जरूरत है.

क्लिक कर देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि पशुपालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों की आय दोगुनी करने में समक्ष है. इस क्षेत्र में रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में मिलावट, पशुओं की लॉ प्रोडक्टिविटी ऑफ मिल्क प्रोडक्शन, पशुओं के लिए चारे की कमी, दूसरे देशों के साथ निशुल्क व्यापार समझौता न होना और दूध व्यवसाय में आयकर की छूट न होना सहित कई चुनौतियां हैं.

उन्होंने कहा कि इस समय देश में करीब 9 करोड़ लीटर दूध का प्रबंधन किया जा रहा है और वर्ष 2030 तक यह 30 करोड़ लीटर होने की संभावना है.

करनाल: एक जून को पूरे विश्व में दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को दूध के महत्व और इसकी शुद्धता की जांच के बारे में बताया गया.

देश में करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेयरी व्यवसाय होता है
संस्थान के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने इस मौके पर कहा की देश में इस समय करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेयरी का व्यवसाय होता है. कृषि फसलों की बात की जाए तो देश में फसलों से ज्यादा डेयरी व्यवसाय किया जाता है. इस समय देश में डेयरी का एक तिहाई सेक्टर संगठित है और दो तिहाई सेक्टर असंगठित हैं. इसलिए संगठित क्षेत्र में दूध को ओर अधिक लाने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा कि पशुपालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों की आय दोगुनी करने में समक्ष है. इस क्षेत्र में रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में मिलावट, पशुओं की लॉ प्रोडक्टिविटी ऑफ मिल्क प्रोडक्शन, पशुओं के लिए चारे की कमी, दूसरे देशों के साथ निशुल्क व्यापार समझौता न होना और दूध व्यवसाय में आयकर की छूट न होना सहित कई चुनौतियां हैं.

उन्होंने कहा कि इस समय देश में करीब 9 करोड़ लीटर दूध का प्रबंधन किया जा रहा है और वर्ष 2030 तक यह 30 करोड़ लीटर होने की संभावना है.

स्टोरी  -  भारत ने दुग्ध उत्पादन में लगाई बड़ी छलांग ,  करनाल के राष्ट्रिय डेयरी अनुसंधान संस्थान में मनाया गया विश्व दुग्ध दिवस , लोगों को किट के माध्यम से बताया दूध में मिलावट की पहचान करने का तरीका। 

एंकर  -  आज वर्ल्ड मिल्क डे है यानी विश्व दुग्ध दिवस है , 1 जून को पूरे विश्व में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है ! इस अवसर पर राष्ट्रिय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे लोगों को दूध के महत्व और इसकी शुद्धता की जाँच के बारे में बताया गया।   इसे मनाने के पीछे का मकसद प्राकृतिक दुध के सभी पहलूओं के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता को और बढ़ाना है ताकि लोगों को दूध के बारे में अधिक जानकारी मिल सके और उन्हें इस बात का एहसास हो की दूध हमारे जीवन में कितना अहमियत रखता है ! संस्थान के निदेशक डॉ आर आर बी सिंह ने इस मौके पर कहा की देश में इस समय करीब सात लाख करोड़ रुपये का डेरी का व्यवसाय होता है। कृषि फसलों की बात की जाए तो देश में फसलों से ज्यादा डेरी व्यवसाय किया जाता है। इस समय देश में डेरी का एक तिहाई सेेक्टर संगठित है तथा दो तिहाई सेक्टर असंगठित है। इसलिए संगठित क्षेत्र में दूध को ओर अधिक लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पशुपालन एक ऐसा क्षेत्र है, जो किसानों की आय दोगुणी करने में समक्ष है। इस क्षेत्र में रोजगार की भी अपार संभावनाएं है। डा. सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में मिलावट, पशुओं की लॉ प्रोडक्टिटी ऑफ मिल्क प्रोडक्शन, पशुओं के लिए चारे की कमी, दूसरे देशों के साथ निशुल्क व्यापार समझौता न होना, हाई जीएसटभ्रेट तथा दूध व्यवसाय में आयकर की छूट न होना सहित कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि इस समय देश में करीब 9 करोड़ लीटर दूध का प्रबंधन किया जा रहा है और वर्ष 2030 तक यह 30 करोड़ लीटर होने की संभावना है।

 उन्होंने कहा कि अगर एक लाख लीटर दूध संगठित क्षेत्र में आता है तो इससे करीब 6 हजार नौकरियां पैदा होती हैं।  आने वाले दो वर्षो में दूध के दाम बढऩे की संभावना है, जिससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। इस अवसर पर एन डी आर आई  में दूध में मिलावट को चैक करने की कीट का प्रदर्शन भी किया गया।  ये कीट मार्किट में आसानी से किसानो व् आम जान को मिल सकती है और इससे दूध  के अन्दर यूरिया व अन्य हानिकारक मिलावट का आसानी से पता लगाया जा सकता है ! 

बाइट -  संस्थान के निदेशक डॉ आर आर बी सिंह 

बाइट -  डॉ तृप्ति , डेयरी वैज्ञानिक 


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