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करनाल की वाल्मीकि बस्ती पर चला पीला पंजा, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात, कई परिवार आए सड़क पर

करनाल सेक्टर-12 में वाल्मीकि बस्ती में प्रशासन ने की ओर से कार्रवाई की गई है. करनाल सेक्टर-12 में स्थित वाल्मीकि बस्ती प्रशासन ने कर्रवाई बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ दिया. इस दौरान कोई व्यवधान उत्पन्न हो इसको देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. (demolished illegal construction in karnal)

demolished illegal construction in karnal
करनाल की वाल्मीकि बस्ती पर चला पीला पंजा
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Published : Apr 7, 2023, 4:42 PM IST

करनाल की वाल्मीकि बस्ती पर चला पीला पंजा.

करनाल: सीएम सिटी करनाल में प्रशासन द्वारा पीले पंजे चलाने का दौर लगातार जारी है. आज भी करनाल सेक्टर-12 में स्थित वाल्मीकि बस्ती में प्रशासन के द्वारा पीला पंजा चलाया गया, जहां पर करीब आधा दर्जन मकान तोड़े गए. जब प्रशासन वहां पर जेसीबी मशीन लेकर मकान तोड़ने के लिए पहुंची तो वहां पर भारी संख्या में स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता इकट्ठे हो गए और उनका विरोध करने लगे. ऐसे में प्रशासन ने भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया और मकानों को गिराया गया. जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है. इस कार्रवाई को जिला करनाल नगर योजनाकार गुंजन वर्मा की देखरेख में अमल में लाया गया.

वहीं, बस्ती में रहने वाले लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन के द्वारा इस तरीके की कार्रवाई पहले भी की गई थी, उस समय भी काफी मकान बस्ती में तोड़े गए थे. स्थानीय लोगों ने कहा प्रशासन के द्वारा उन्हें 2013 में यहां पर रहने के लिए जगह दी गई थी. उसी समय से यहां पर मकान बने हुए हैं, लेकिन 2018 में प्रशासन ने यहां के लोगों को सेक्टर-16 में 2 मरले के प्लॉट दिए थे ताकि उनको यहां से सेक्टर-16 में शिफ्ट किया जा सके.

demolished illegal construction in karnal
करनाल सेक्टर-12 में वाल्मीकि बस्ती में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई.

यहां पर कुल 259 मकान थे, जिनमें से 238 लोगों को ही प्लॉट अलॉट किए गए थे. बचे हुए लोगों को अभी प्लॉट अलॉट नहीं किए गए, जिसके चलते उन्होंने यहीं पर रहने का फैसला लिया था, लेकिन आज अचानक प्रशासन के द्वारा इनके मकान तोड़ दिए गए. पीड़ित लोगों का कहना है कि कुछ लोगों के घर अभी बनकर तैयार नहीं हुए, जिसके चलते वह यहां रह रहे हैं. उन्होंने कुछ समय प्रशासन से मांगा था, लेकिन प्रशासन ने समय नहीं दिया.

demolished illegal construction in karnal
मकान टूटने के कारण कई परिवार आए सड़क पर!

हालांकि प्रशासन का दावा है कि पहले उन्हें मकान खाली करने के लिए बोल दिया गया था और नोटिस भी दे दिया गया था. ताकि किसी को सामान का नुकसान ना हो. आज भी कार्रवाई करने से पहले सभी मकानों प्रशासन के द्वारा खाली कर दिया गया था. वहीं, प्रशासन का यह भी कहना है कि इन लोगों को सेक्टर-16 में नए घर अलॉट किए गए हैं. जिनकी रजिस्ट्री भी इनके नाम हो चुकी है. उसके बावजूद भी यह यहां पर घर खाली ना करके उन पर कब्जा किए हुए हैं. इस संबंध में इन लोगों को कई बार नोटिस दिया गया है. अब हाईकोर्ट से आदेश आए हैं कि यहां से जगह खाली करवाई जाए. इसी के चलते आज प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की गई है.

demolished illegal construction in karnal
अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात.

वहीं, मौके पर पहुंची कांग्रेस की पूर्व विधायक सुमिता सिंह ने कहा कि सीएम सिटी करनाल में सरकार के कहने पर गरीब लोगों का आशियाना उजाड़ दिया गया है. पहले भी लगातार प्रशासन के द्वारा ऐसी कार्रवाई की गई है. हालांकि हम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं प्रशासन को मकान तोड़ने से पहले इतना इंतजार जरूर करना चाहिए था कि जब तक इनके मकान सेक्टर-16 में बन रहे थे तब तक का समय है इन्हें रहने देना चाहिए था. लेकिन, प्रशासन के रूखे रवैया से कई परिवार अपने बच्चों सहित सड़कों पर आने को मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद में 2 एकड़ में फैले अवैध निर्माण पर चला पीला पंजा, मौके पर भारी पुलिस बल रहा तैनात

करनाल की वाल्मीकि बस्ती पर चला पीला पंजा.

करनाल: सीएम सिटी करनाल में प्रशासन द्वारा पीले पंजे चलाने का दौर लगातार जारी है. आज भी करनाल सेक्टर-12 में स्थित वाल्मीकि बस्ती में प्रशासन के द्वारा पीला पंजा चलाया गया, जहां पर करीब आधा दर्जन मकान तोड़े गए. जब प्रशासन वहां पर जेसीबी मशीन लेकर मकान तोड़ने के लिए पहुंची तो वहां पर भारी संख्या में स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता इकट्ठे हो गए और उनका विरोध करने लगे. ऐसे में प्रशासन ने भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया और मकानों को गिराया गया. जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई है. इस कार्रवाई को जिला करनाल नगर योजनाकार गुंजन वर्मा की देखरेख में अमल में लाया गया.

वहीं, बस्ती में रहने वाले लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन के द्वारा इस तरीके की कार्रवाई पहले भी की गई थी, उस समय भी काफी मकान बस्ती में तोड़े गए थे. स्थानीय लोगों ने कहा प्रशासन के द्वारा उन्हें 2013 में यहां पर रहने के लिए जगह दी गई थी. उसी समय से यहां पर मकान बने हुए हैं, लेकिन 2018 में प्रशासन ने यहां के लोगों को सेक्टर-16 में 2 मरले के प्लॉट दिए थे ताकि उनको यहां से सेक्टर-16 में शिफ्ट किया जा सके.

demolished illegal construction in karnal
करनाल सेक्टर-12 में वाल्मीकि बस्ती में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई.

यहां पर कुल 259 मकान थे, जिनमें से 238 लोगों को ही प्लॉट अलॉट किए गए थे. बचे हुए लोगों को अभी प्लॉट अलॉट नहीं किए गए, जिसके चलते उन्होंने यहीं पर रहने का फैसला लिया था, लेकिन आज अचानक प्रशासन के द्वारा इनके मकान तोड़ दिए गए. पीड़ित लोगों का कहना है कि कुछ लोगों के घर अभी बनकर तैयार नहीं हुए, जिसके चलते वह यहां रह रहे हैं. उन्होंने कुछ समय प्रशासन से मांगा था, लेकिन प्रशासन ने समय नहीं दिया.

demolished illegal construction in karnal
मकान टूटने के कारण कई परिवार आए सड़क पर!

हालांकि प्रशासन का दावा है कि पहले उन्हें मकान खाली करने के लिए बोल दिया गया था और नोटिस भी दे दिया गया था. ताकि किसी को सामान का नुकसान ना हो. आज भी कार्रवाई करने से पहले सभी मकानों प्रशासन के द्वारा खाली कर दिया गया था. वहीं, प्रशासन का यह भी कहना है कि इन लोगों को सेक्टर-16 में नए घर अलॉट किए गए हैं. जिनकी रजिस्ट्री भी इनके नाम हो चुकी है. उसके बावजूद भी यह यहां पर घर खाली ना करके उन पर कब्जा किए हुए हैं. इस संबंध में इन लोगों को कई बार नोटिस दिया गया है. अब हाईकोर्ट से आदेश आए हैं कि यहां से जगह खाली करवाई जाए. इसी के चलते आज प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की गई है.

demolished illegal construction in karnal
अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात.

वहीं, मौके पर पहुंची कांग्रेस की पूर्व विधायक सुमिता सिंह ने कहा कि सीएम सिटी करनाल में सरकार के कहने पर गरीब लोगों का आशियाना उजाड़ दिया गया है. पहले भी लगातार प्रशासन के द्वारा ऐसी कार्रवाई की गई है. हालांकि हम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं प्रशासन को मकान तोड़ने से पहले इतना इंतजार जरूर करना चाहिए था कि जब तक इनके मकान सेक्टर-16 में बन रहे थे तब तक का समय है इन्हें रहने देना चाहिए था. लेकिन, प्रशासन के रूखे रवैया से कई परिवार अपने बच्चों सहित सड़कों पर आने को मजबूर हो गए हैं.

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