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करनाल में 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची हार गई जिंदगी की जंग, डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

करनाल में 5 साल की मासूम बच्ची रविवार करीब 3 बजे बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची का पता करीब 5 घंटे बाद चल पाया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्ची को बाहर निकाल लिया है लेकिन बच्ची जिंदगी की जंग हार गई.

karnal 5 year old girl fell into
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Published : Nov 4, 2019, 8:23 AM IST

Updated : Nov 4, 2019, 1:26 PM IST

करनाल: घरौंडा के गांव हरसिंहपुरा में बोरवेल में 5 साल की मासूम गिर गई थी. देर रात ही बचाव दल ने रेस्क्यू शुरु कर दिया था. लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची को गड्ढे से बाहर निकाल लिया, लेकिन मासूम बच्ची जिंदगी की जंग हार गई. करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

घर से 20 फीट दूर बोरवेल में गिरी बच्ची

बच्ची का नाम शिवानी है जो खेलते-खेलते करीब 50 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. ये गड्ढा घर से करीब 20 फुट दूरी पर ही बना हुआ है. करीब 18 घंटे तक बच्ची का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया जब जाकर एनडीआरएप की टीम बच्ची को बाहर निकाल पाई.

बोरवेल में गिरी 5 साल की मासूम

रविवार को करीब 3:00 बजे खेलते हुए अपने खेत में बने बोरवेल के गड्ढे में शिवानी गिर गई थी. घर वालों ने करीब 2 घंटे बाद बच्ची की तलाश शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला. बच्ची को आस पड़ोस में तलाश जिसके करीब 5 घंटे बाद बच्ची का पता चला कि वो बोरवेल में गिर गई है. घर वालों ने गड्ढे में मोबाइल डाला तब जाकर बच्ची का पता चला था.

करनाल में 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची को बाहर निकाला, हालत नाजुक

एनडीआरएफ ने किया रेस्क्यू

इसकी सूचना तुरंत परिजनों ने पुलिस को दी. तुरंत ही मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंची. प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया. बोरबेल से कुछ दूरी पर जेसीबी से खुदाई कर दूसरा गड्ढा किया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार रेत गरने से एनडीआरएफ की टीम को काफी परेशानी हुई.

ये भी पढ़ें:-आज से हरियाणा सरकार का पहला विधानसभा सत्र, नवनिर्वाचित विधायक लेंगे शपथ

बच्ची को सुनाई मां की आवाज

देर रात ही मां की आवाज फोन में रिकॉर्ड कर बोरवेल में भेजी गई थी, जिससे की मासूम बच्ची इस भयानक खौफ का सामना कर सके लेकिन इस खौफनाक मंजर ने बच्ची की जिंदगी छीन ली. हरियाणा में यह कोई पहला मामला नहीं जब कोई बच्चा बोरवेल में गिरा हो, इससे पहले भी कई बच्चे गिर चुके हैं लेकिन फिर भी लोग लापवाही से बाज नहीं आ रहे.

करनाल: घरौंडा के गांव हरसिंहपुरा में बोरवेल में 5 साल की मासूम गिर गई थी. देर रात ही बचाव दल ने रेस्क्यू शुरु कर दिया था. लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एनडीआरएफ की टीम ने बच्ची को गड्ढे से बाहर निकाल लिया, लेकिन मासूम बच्ची जिंदगी की जंग हार गई. करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में भर्ती बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

घर से 20 फीट दूर बोरवेल में गिरी बच्ची

बच्ची का नाम शिवानी है जो खेलते-खेलते करीब 50 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. ये गड्ढा घर से करीब 20 फुट दूरी पर ही बना हुआ है. करीब 18 घंटे तक बच्ची का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया जब जाकर एनडीआरएप की टीम बच्ची को बाहर निकाल पाई.

बोरवेल में गिरी 5 साल की मासूम

रविवार को करीब 3:00 बजे खेलते हुए अपने खेत में बने बोरवेल के गड्ढे में शिवानी गिर गई थी. घर वालों ने करीब 2 घंटे बाद बच्ची की तलाश शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला. बच्ची को आस पड़ोस में तलाश जिसके करीब 5 घंटे बाद बच्ची का पता चला कि वो बोरवेल में गिर गई है. घर वालों ने गड्ढे में मोबाइल डाला तब जाकर बच्ची का पता चला था.

करनाल में 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची को बाहर निकाला, हालत नाजुक

एनडीआरएफ ने किया रेस्क्यू

इसकी सूचना तुरंत परिजनों ने पुलिस को दी. तुरंत ही मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंची. प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया. बोरबेल से कुछ दूरी पर जेसीबी से खुदाई कर दूसरा गड्ढा किया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार रेत गरने से एनडीआरएफ की टीम को काफी परेशानी हुई.

ये भी पढ़ें:-आज से हरियाणा सरकार का पहला विधानसभा सत्र, नवनिर्वाचित विधायक लेंगे शपथ

बच्ची को सुनाई मां की आवाज

देर रात ही मां की आवाज फोन में रिकॉर्ड कर बोरवेल में भेजी गई थी, जिससे की मासूम बच्ची इस भयानक खौफ का सामना कर सके लेकिन इस खौफनाक मंजर ने बच्ची की जिंदगी छीन ली. हरियाणा में यह कोई पहला मामला नहीं जब कोई बच्चा बोरवेल में गिरा हो, इससे पहले भी कई बच्चे गिर चुके हैं लेकिन फिर भी लोग लापवाही से बाज नहीं आ रहे.

Intro:इंदिरा गांधी की कलम से ही बना था हरियाणा- सैलजा
सैलजा ने किए इंदिरा गांधी और पटेल को श्र्द्धासुमन अर्पितBody:हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस और वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि दोनों ने देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य किया था। भाजपा के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जो आजादी की लड़ाई से जुड़ा हो, बल्कि इनके नेता माफी मांगकर जेल से बाहर आते थे। इसलिए आज यह सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का सहारा लेते हैं और इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है।सैलजा ने हिसार के कांग्रेस भवन में इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस और वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं।उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी ने देश की अखंडता और एकता के लिए ही अपना बलिदान दिया था। इंदिरा गांधी का हरियाणा से विशेष लगाव था। उनका और हरियाणा का जन्म से नाता रहा। उन्हीं की कलम से हरियाणा बना था। जो हरित क्रांति इंदिरा गांधी की देन है, उसका सबसे अधिक लाभ हरियाणा प्रदेश के किसानों को मिला। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी इंदिरा जी की ही देन है। जबकि मौजूदा सरकार में किसान की हालत बदतर है। आज किसानों को जब अपनी फसल का न्यूनतम न्यूनतम मूल्य नहीं मिल पाता, उन्हें मंडियों में नहीं जाने दिया जाता और उनकी फसल की खरीद नहीं हो पाती तो उन्हें इंदिरा गांधी याद आती है, जिन्होंने हमेशा किसान वर्ग के अनेकों कार्य किए।Conclusion: सैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी जी ने देश की गरीबों के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने कई बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। आज देश उनका ऋणी है कि उन्होंने गरीब, आम आदमी, किसानों और दलित समेत सभी वर्गों को आवाज दी।उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जिसका योगदान आजादी के लडाई में रहा हो, इसलिए यह भाजपाई सरदार पटेल जी का सहारा ले रहे हैं। सरदार पटेल कट्टरवाद के खिलाफ थे और छुआछूत समाप्त करने का पहला प्रस्ताव उन्हीं की अध्यक्षता में वर्ष 1931 में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में पारित हुआ था। सरदार पटेल हमेशा धर्मनिरपेक्षता के लिए खड़े रहे।उन्होंने कहा कि आज भाजपा ने सरदार जी की स्टेचू ऑफ यूनिटी बनाई है। लेकिन यह भूल जाते हैं कि जिस सरदार सरोवर डैम के पास यह मूर्ती बनी है, यह डैम कांग्रेस की और नेहरू जी की ही देन है। इस डैम का नाम सरदार पटेल जी के नाम पर नेहरु जी ने ही रखा था।सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संघर्ष किया है। चाहे वह आजादी की लड़ाई हो या असमानता के खिलाफ लड़ाई हो। किसानों की लड़ाई, गरीबों की लड़ाई, देश को आगे ले जाने की लड़ाई, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा लड़ी है।हमें इंदिरा जी के बलिदान और सरदार पटेल जी की जीवनी से प्रेरणा लेकर आगे बढना है और कांग्रेस की नीतियों को जन जन तक पहुंचाना है। क्योंकि कांग्रेस की नीतियाँ ही प्रत्येक वर्ग के लिए लाभकारी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं।
बाईट -कुमारी सेलजा ,प्रदेश अध्य्क्ष ,कांग्रेस पार्टी
Last Updated : Nov 4, 2019, 1:26 PM IST
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