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हरियाणा का एक ऐसा अनोखा अस्पताल जहां बेजुबां पक्षियों का होता है मुफ्त इलाज - जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें रंग-बिरंगे परिंदों से भरा आसमान या छोटे-छोटे पक्षियों को देखकर जितनी खुशी महसूस होती है, उन्हें जख्मी देखने पर आपका दिल उतना ही दर्द से भी भर उठता है. आप समझ नहीं पाते कि उनके इस दर्द कम करने के लिए क्या करें तो जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल आपके इस सवाल का जवाब है.

Jeevo Manglam Hospital Karnal
हरियाणा का एक ऐसा अनोखा अस्पताल जहां बेजुबां पक्षियों का होता है मुफ्त इलाज
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Published : Dec 1, 2022, 10:21 AM IST

Updated : Dec 1, 2022, 10:32 AM IST

करनाल : प्रकृति पर जितना हक हम इंसानों का है. उतना ही हक उन बेजुबान पक्षियों का भी है जिन्हें हमारी आधुनिकता की वजह से बेघर होना पड़ रहा है. आज शहरी इलाकों में विकास की अंधी दौड़ में इंसान ने पशु-पक्षियों के जीने की उम्मीदें खत्म कर दी हैं. इससे शहरों में अब बेजुबानो के लिए कोई ठिकाने नहीं बचे हैं. इंसानों की तरह आकाश में उड़ने वाले इन मूक प्राणियों की सेहत भी खराब हो सकती है. हालांकि खास बात यह है कि आकाश में उड़ने वाले इन पक्षियों का भी इलाज हो सकता है. सुखद यह भी है कि जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल (Jeevo Manglam Hospital Karnal) में पिछले बीस सालों से इन बेजुबान पक्षियों का मुफ्त इलाज होता आ रहा है.

आसमान की उचाई नापने वाले ये बेजुबान पक्षी ना सिर्फ हरियाणा में ही नहीं बल्कि देशभर में आज मरने की कगार पर हैं. कबूतर, तोता कौआ जैसे इन मूक पक्षियों की मौत का कारण चाइनिज मांझे और बढ़ते मोबाइल टावर हैं. जी हां बात अगर यकीन ना हो तो तस्वीरें देख लीजिये. कैसे खुले आसमान में जीने वाले आज घुट- घुटकर जी रहे हैं. इन्हें डर है कि अगर यह कहीं बाहर निकले तो किसी पतंग के मांझे में उलझ ना जाए. अगर उलझ गए तो उनका वहां से निकल पाना काफी मुश्किल है. वहीं बढ़ते मोबाइल टावरों ने इनसे इनके आशियाने छीन लिए हैं. इस कारण आज यह बेसहारा हैं. ना ही इनके रहने का पता है. ना खाने का पता जिससे यह बेजुबान पक्षियो की मौत हो रही है और गगन सूना पड़ता जा रहा है.

free treatment of birds
यहां पर बटेर,कबूतर, छोटी घुगी, तोते,और लव बर्ड्स और उल्लू हैं

मुफ्त में हो रहे पक्षियों का इलाज- जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल पूरे हरियाणा का इकलौता हॉस्पिटल है, जहां पर बेजुबान पक्षियों का मुफ्त इलाज किया जाता है. यह हॉस्पिटल जीवो मंगलम चैरिटेबल ट्रस्ट (Jeevo Manglam charitable trust) द्वारा चलाया जा रहा है. यहां पर हर रोज डॉक्टर आते हैं और निशुल्क पक्षियों का इलाज करते हैं. साध्वी अर्चिता ने बताया कि हॉस्पिटल में सभी प्रकार के पर पक्षी आते हैं. यहां पर बटेर,कबूतर, छोटी घुगी, तोते,और लव बर्ड्स और उल्लू है. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में ना सिर्फ हरियाणा से बल्कि पंजाब, उत्तरप्रदेश से भी लोग घायल पक्षियों का मुफ्त इलाज (free treatment of birds) कराने आते है.

free treatment of birds
यहां पर इलाज के लिए एक उल्लू आया हुआ है. उसके पंख खराब हैं.

पेड़ कटने से छिना बेजुबानों का आशियाना- संस्था की देखभाल करने वाली साध्वी अर्चिता का कहना है कि आज इंसान ने अपने सुख के लिए सब कुछ बदल दिया है. पेड़ काटे दिए गए हैं जिनसे इन बेजुबानों का आशियाना इनसे छीन गया. थोड़े बहुत पेड़ बचे हैं तो वहां यह बैठ नही सकते क्यूंकि बढ़ते मोबाइल टावर के कारण इन पक्षियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. इसके अलावा ये पक्षी कई प्रकार की बीमारियों के चपेट में आ रहे है. इसमें एक बीमारी तो कैंसर की है. यह इंसानों को तो होता ही है लेकिन पक्षियों में भी कैंसर के मामले देखने को मिल रहे है. जिसका सीधा असर इन पक्षियों के उड़ने की क्षमता पर पड़ रहा है. इन सब वजहों वजहो से यह बेजुबान इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

free treatment of birds
हर रोज डॉक्टर यहां आकर पक्षियों का इलाज करते हैं.

ठीक होने पर खुले गगन में उड़ते हैं पक्षी- साध्वी ने बताया कि फिलहाल यहां पर इलाज के लिए एक उल्लू आया हुआ है. उसके पंख खराब हैं जिसकी वजह से वो उड़ भी नही सकता. इसके अलावा कुछ कबूतर भी हैं जो लकवा की बीमारी से पीड़ित हैं. इन सभी का इलाज चल रहा है. साध्वी ने कहा कि जब ये पक्षी ठीक हो जाते हैं तो उनको उड़ने के लिए खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है.

free treatment of birds
अब तक जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल में हजारों की संख्या में पक्षियों का इलाज हो चुका है.

हजारों पक्षियों का हो चुका है इलाज- साध्वी अर्चिता ने बताया कि जीवो मंगलम ट्रस्ट की प्रमुख साध्वी संतोष कुमारी जी हैं. करीब बीस साल पहले जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल (Jeevo Manglam Hospital Karnal) की शुरूआत हुई थी. अब संस्था द्वारा दूसरा हॉस्पिटल पंजाब में बनाया जा रहा है. जहां पर भी पक्षियों का फ्री में इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके पास घायल पक्षी ही नहीं, बीमार पक्षी भी आते हैं. अब तक जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल में हजारों की संख्या में पक्षियों का इलाज हो चुका है.

free treatment of birds
हॉस्पिटल में करीब पांच सौ से ज्यादा पक्षियों का मुफ्त इलाज हो रहा है.

पांच सौ से ज्यादा पक्षियों का हो रहा मुफ्त इलाज- उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 550 पक्षी हैं जिनका फ्री में इलाज चल रहा है. जो पक्षी ठीक हो जाते हैं वह यहां से उड़कर चले जाते हैं. जो बीमार रहते हैं उनका इलाज चलता रहता है. ज्यादा संख्या में कबूतर ही उनके पास पहुंचते हैं. साध्वी अर्चिता का कहना है कि आगे भी वह लगातार निस्वार्थ भावना से ऐसे ही पक्षियों की सेवा करते रहेंगी.

करनाल : प्रकृति पर जितना हक हम इंसानों का है. उतना ही हक उन बेजुबान पक्षियों का भी है जिन्हें हमारी आधुनिकता की वजह से बेघर होना पड़ रहा है. आज शहरी इलाकों में विकास की अंधी दौड़ में इंसान ने पशु-पक्षियों के जीने की उम्मीदें खत्म कर दी हैं. इससे शहरों में अब बेजुबानो के लिए कोई ठिकाने नहीं बचे हैं. इंसानों की तरह आकाश में उड़ने वाले इन मूक प्राणियों की सेहत भी खराब हो सकती है. हालांकि खास बात यह है कि आकाश में उड़ने वाले इन पक्षियों का भी इलाज हो सकता है. सुखद यह भी है कि जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल (Jeevo Manglam Hospital Karnal) में पिछले बीस सालों से इन बेजुबान पक्षियों का मुफ्त इलाज होता आ रहा है.

आसमान की उचाई नापने वाले ये बेजुबान पक्षी ना सिर्फ हरियाणा में ही नहीं बल्कि देशभर में आज मरने की कगार पर हैं. कबूतर, तोता कौआ जैसे इन मूक पक्षियों की मौत का कारण चाइनिज मांझे और बढ़ते मोबाइल टावर हैं. जी हां बात अगर यकीन ना हो तो तस्वीरें देख लीजिये. कैसे खुले आसमान में जीने वाले आज घुट- घुटकर जी रहे हैं. इन्हें डर है कि अगर यह कहीं बाहर निकले तो किसी पतंग के मांझे में उलझ ना जाए. अगर उलझ गए तो उनका वहां से निकल पाना काफी मुश्किल है. वहीं बढ़ते मोबाइल टावरों ने इनसे इनके आशियाने छीन लिए हैं. इस कारण आज यह बेसहारा हैं. ना ही इनके रहने का पता है. ना खाने का पता जिससे यह बेजुबान पक्षियो की मौत हो रही है और गगन सूना पड़ता जा रहा है.

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यहां पर बटेर,कबूतर, छोटी घुगी, तोते,और लव बर्ड्स और उल्लू हैं

मुफ्त में हो रहे पक्षियों का इलाज- जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल पूरे हरियाणा का इकलौता हॉस्पिटल है, जहां पर बेजुबान पक्षियों का मुफ्त इलाज किया जाता है. यह हॉस्पिटल जीवो मंगलम चैरिटेबल ट्रस्ट (Jeevo Manglam charitable trust) द्वारा चलाया जा रहा है. यहां पर हर रोज डॉक्टर आते हैं और निशुल्क पक्षियों का इलाज करते हैं. साध्वी अर्चिता ने बताया कि हॉस्पिटल में सभी प्रकार के पर पक्षी आते हैं. यहां पर बटेर,कबूतर, छोटी घुगी, तोते,और लव बर्ड्स और उल्लू है. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में ना सिर्फ हरियाणा से बल्कि पंजाब, उत्तरप्रदेश से भी लोग घायल पक्षियों का मुफ्त इलाज (free treatment of birds) कराने आते है.

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यहां पर इलाज के लिए एक उल्लू आया हुआ है. उसके पंख खराब हैं.

पेड़ कटने से छिना बेजुबानों का आशियाना- संस्था की देखभाल करने वाली साध्वी अर्चिता का कहना है कि आज इंसान ने अपने सुख के लिए सब कुछ बदल दिया है. पेड़ काटे दिए गए हैं जिनसे इन बेजुबानों का आशियाना इनसे छीन गया. थोड़े बहुत पेड़ बचे हैं तो वहां यह बैठ नही सकते क्यूंकि बढ़ते मोबाइल टावर के कारण इन पक्षियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. इसके अलावा ये पक्षी कई प्रकार की बीमारियों के चपेट में आ रहे है. इसमें एक बीमारी तो कैंसर की है. यह इंसानों को तो होता ही है लेकिन पक्षियों में भी कैंसर के मामले देखने को मिल रहे है. जिसका सीधा असर इन पक्षियों के उड़ने की क्षमता पर पड़ रहा है. इन सब वजहों वजहो से यह बेजुबान इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

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हर रोज डॉक्टर यहां आकर पक्षियों का इलाज करते हैं.

ठीक होने पर खुले गगन में उड़ते हैं पक्षी- साध्वी ने बताया कि फिलहाल यहां पर इलाज के लिए एक उल्लू आया हुआ है. उसके पंख खराब हैं जिसकी वजह से वो उड़ भी नही सकता. इसके अलावा कुछ कबूतर भी हैं जो लकवा की बीमारी से पीड़ित हैं. इन सभी का इलाज चल रहा है. साध्वी ने कहा कि जब ये पक्षी ठीक हो जाते हैं तो उनको उड़ने के लिए खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है.

free treatment of birds
अब तक जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल में हजारों की संख्या में पक्षियों का इलाज हो चुका है.

हजारों पक्षियों का हो चुका है इलाज- साध्वी अर्चिता ने बताया कि जीवो मंगलम ट्रस्ट की प्रमुख साध्वी संतोष कुमारी जी हैं. करीब बीस साल पहले जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल (Jeevo Manglam Hospital Karnal) की शुरूआत हुई थी. अब संस्था द्वारा दूसरा हॉस्पिटल पंजाब में बनाया जा रहा है. जहां पर भी पक्षियों का फ्री में इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके पास घायल पक्षी ही नहीं, बीमार पक्षी भी आते हैं. अब तक जीवो मंगलम हॉस्पिटल करनाल में हजारों की संख्या में पक्षियों का इलाज हो चुका है.

free treatment of birds
हॉस्पिटल में करीब पांच सौ से ज्यादा पक्षियों का मुफ्त इलाज हो रहा है.

पांच सौ से ज्यादा पक्षियों का हो रहा मुफ्त इलाज- उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 550 पक्षी हैं जिनका फ्री में इलाज चल रहा है. जो पक्षी ठीक हो जाते हैं वह यहां से उड़कर चले जाते हैं. जो बीमार रहते हैं उनका इलाज चलता रहता है. ज्यादा संख्या में कबूतर ही उनके पास पहुंचते हैं. साध्वी अर्चिता का कहना है कि आगे भी वह लगातार निस्वार्थ भावना से ऐसे ही पक्षियों की सेवा करते रहेंगी.

Last Updated : Dec 1, 2022, 10:32 AM IST
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