करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार आज (मंगलवार, 10 अक्टूबर) इंदिरा एकादशी है. आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु के साथ-साथ पितरों की भी पूजा अर्चना की जाती है. वहीं शास्त्रों में बताया गया है कि इंदिरा एकादशी के दिन श्राद्ध करने से इंसान को विशेष फल मिलता है.
इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार 1 साल में 24 एकादशी आती है.सभी का अपने आप में विशेष महत्व होता है. अगर आश्विन महीने में आने वाली एकादशी की बात करें तो इस एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इंदिरा एकादशी का आरंभ 9 अक्टूबर को दोपहर 12:36 बजे से होगा, जबकि इसका समापन अगले दिन 10 अक्टूबर को दोपहर 3:08 बजे होगा. इसलिए इंदिरा एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. वहीं, विष्णु भगवान और पितरों की पूजा अर्चना करने के लिए शुभ मुहूर्त का समय 10 अक्टूबर को सुबह 9:13 बजे से दोपहर 12:08 बजे तक होगा. अगर इस समय में भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अनुष्ठान किया जाताहै तो जिसके लिए ये अनुष्ठान हुआ है उसको सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इंदिरा एकादशी के दिन व्रत का पारण का समय 11 अक्टूबर को सुबह 6:19 बजे से 8:45 बजे तक होगा.
इंदिरा एकादशी का महत्व: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि इंदिरा एकादशी का सनातन धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व है क्योंकि यह पितृ पक्ष के दौरान आती है. विष्णु भगवान के साथ-साथ पितरों को भी यह एकादशी समर्पित होती है. दोनों की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि इंदिरा एकादशी के दिन विधिवत व्रत रखने से फल सात पीढ़ियों के लोगों को मिलता है. पूर्वज और पिता प्रसन्न हो जाते हैं. मान्यता है कि जो भी इस दिन अपने पितरों की पूजा अर्चना करने के उपरांत दान करता है तो उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही उसको बैकुंठ मिलता है.
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इंदिरा एकादशी व्रत का विधि विधान: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि इंदिरा एकादशी के व्रत के दिन इंसान को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान इत्यादि करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करनी चाहिए. एकादशी के दिन पितरों की पूजा भी करें. इन दोनों की पूजा करने के बाद व्रत रखने का प्रण लें, लेकिन एक बात ध्यान रहे कि यह व्रत जो भी इंसान रखना चाहता है. वह व्रत से एक दिन पहले शुद्ध सात्विक भोजन करें.
इंदिरा एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी ना करें यह गलती: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि इंदिरा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए. व्रत रखने वालों के साथ अन्य लोगों को भी इसका पालन करना चाहिए. इस दिन किसी भी इंसान से लड़ाई झगड़ा नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी की बुराई करनी चाहिए.
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