करनाल: हरियाणा गुरुद्वारा सिख मैनेजमेंट कमेटी में जब से हरियाणा में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया और हरियाणा के सभी गुरुद्वारों की बागडोर हरियाणा के ही मैनेजमेंट कमेटी को दी गई थी. उस समय से हरियाणा गुरुद्वारा सिख मैनेजमेंट कमेटी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था. हरियाणा में नई हरियाणा गुरुद्वारा सिख मैनेजमेंट कमेटी का कई लोगों के द्वारा विरोध किया जा रहा था और एक बार फिर से निष्पक्ष तौर पर इलेक्शन करवाने की मांग चल रही थी. मामला कई बार इतना बढ़ गया कि जब उनके संगठन की मीटिंग होती थी तो कई बार आपसी मतभेद के चलते कार्यकारिणी के सदस्य एक दूसरे पर कई आरोप लगाते थे, जिससे आपस में हाथापाई तक की नौबत पहुंच आ जाती थी.
एचएसजीपीसी अध्यक्ष और महासचिव ने दिया इस्तीफा: इसी को देखते हुए अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत करमजीत सिंह और महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से सलाह करने के बाद अपने त्यागपत्र गृह सचिव को सौप दिए हैं. बताया जा रहा है कि, दोनों सिख नेता अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के लिए विधिवत निर्वाचन प्रक्रिया के तहत चुनाव लड़ेंगे.
पंजोखरा साहिब गुरुद्वारा में एग्जीक्यूटिव मीटिंग के दौरान हंगामा: इस संबंध में गुरविंद्र सिंह धमीजा का कहना है कि, उन्होंने अपना त्यागपत्र 30 अगस्त को ही सौंप दिया था, ताकि श्री अकाल तख्त द्वारा विवाद को लेकर कराई जा रही जांच सही तरीके से हो सके. बता दें कि 14 अगस्त के दिन पंजोखरा साहिब गुरुद्वारा में एग्जीक्यूटिव मीटिंग में हुए हंगामा के बाद महासचिव और प्रधान गुट आमने-सामने आ गए थे और आपस में काफी बहस हुई थी. वहीं, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की फाइनल कमेटी में पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल की ओर से की गई आपत्ति के बाद यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच गया था जिसके हरियाणा सिख राजनीति सुर्खियों में बन गई थी.
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इस्तीफे को लेकर लगाए जा रहे कई कायास: इतना ही नहीं, प्रधान कर्मजीत सिंह की ओर से भी पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल के ऊपर करीब 98 लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया था. इसी के साथ हरियाणा के सिख राजनीति में एक बदलाव और हुआ है. करनाल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के सदस्य से अपना इस्तीफा दे दिया है. इस इस्तीफा को भी हरियाणा सिख राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन, देखने वाली बात यह होगी कि कब एक बार फिर से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव होते हैं और कौन प्रधान बनता है.
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