करनाल: ट्रेडर्स की मनमानी से परेशान हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अंडा उत्पादकों ने आज हरियाणा के करनाल में एक बैठक की. इस बैठक में अंडे की वित्तीय नीति और अंडा उत्पादक किसानों को रोजाना अंडे की कीमतों को लेकर आने वाली समस्या पर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में पंजाब उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के लगभग 150 अंडा उत्पादकों ने भाग लिया.
बैठक के दौरान अंडा उत्पादकों ने अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि कुछ निजी कंपनियां अंडे की कीमतों को प्रतिदिन हर घंटे अपने फायदे के अनुसार उतार-चढ़ाव करती है जिसके कारण अंडा उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. नुकसान के चलते कई किसान अपना कारोबार बंद कर चुके हैं. इतना ही नहीं पिछले दिनों 3 किसान कारोबार में हुए नुकसान के कारण आत्महत्या भी कर चुके हैं. इन किसानों ने बताया कि बरवाला में अंडा बेचने के लिए हरियाणा की सबसे बड़ी मंडी है. यहां के अंडा ट्रेडर्स द्वारा की जा रही मनमानी और अपने फायदे के अनुसार अंडे की कीमतों में उतार-चढ़ाव करने के कारण अंडा उत्पादक किसानों ने ट्रेडर्स को नुकसान का जिम्मेदार ठहराया.
करनाल के अंडा उत्पादक पप्पू लाठर ने कहा कि हालांकि अंडे की कीमतों का निर्धारण 24 घंटे के लिए तय होता है, लेकिन बरवाला के ट्रेडर्स अपने फायदे के लिए हर घंटे अंडे की कीमतों में बदलाव करते रहते हैं. जिसके चलते अंडे की कीमतें शेयर मार्केट की तरह चलने लगी है. कई बार लोग अंडे की कीमतों को इतना नीचे तक गिरा देते हैं कि अंडा उत्पादन में हुई लागत भी पूरी नहीं हो पाती है, जिसके कारण अंडा उत्पादक बर्बादी की कगार तक पहुंच गए हैं.
अंडा उत्पादक मनमोहन सिंह ने कहा कि पोल्ट्री फार्मिंग का कारोबार पशुपालन विभाग के अंतर्गत आता है, लेकिन विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यही कारण है कि अंडे के व्यापारी अपनी मनमानी करते हुए अंडे के भाव ऊपर नीचे कर लेते हैं. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रतिदिन अंडे का भाव सरकार द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए.
अंडा उत्पादकों का कहना है कि सरकार को अंडा उत्पादकों की ओर ध्यान देते हुए इस कारोबार को वैध किया जाए. क्योंकि इसके बड़े कारोबारी इसे अपने फायदे के अनुसार चला रहे हैं जिसमें सभी लेनदेन नगद रूप से किए जाते हैं जो गलत है. इससे न केवल अंडा उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
हरियाणा के अंडा के व्यापारी कम कीमत में अंडा खरीद कर उसका बड़े स्तर पर उसका भंडारण कर लेते हैं और इस कालाबाजारी के कारण न केवल अंडे में मौजूद प्रोटीन की गुणवत्ता में बदलाव आता है बल्कि आम जन को अंडा महंगे भाव पर भी खरीदना पड़ता है. हरियाणा के साथ लगते राज्य उत्तर प्रदेश में सरकार की अंडा नीति के तहत कोई भी व्यापारी अंडे का भंडारण नहीं कर सकता है. इसके साथ ही जो कंपनियां अंडे को बड़े पैमाने पर भेज रही हैं, उन्हें अंडे पर अंडे की पैकिंग और एक्सपायरी डेट को लिखना जरूरी होता है ताकि अंडे की गुणवत्ता में कोई कमी न हो. साथ ही इसके प्रयोग करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी इसका कोई बुरा असर न पड़े.
ये भी पढ़ें: Surajkund Mela 2023: सूरजकुंड मेले में आकर्षण का केंद्र बना मेघालय का स्टॉल, लोगों को भा रहे सॉफ्टवुड से बने गुलदस्ते