करनाल: हरियाणा सरकार कैमला गांव में रविवार को मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत के दौरान हुए उपद्रव में किसानों की 12 एकड़ गेहूं की फसल का नुकसान हो गया. ऐसे में अब ऐलान किया गया है कि सरकार उनके फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी.
बता दें कि इस हंगामें में 12 एकड़ गेहूं की फसल के साथ कार्यक्रम के लिए टेंट मुहैया कराने वाली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को 2,60,000 रुपये का नुकसान हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के माइक, स्पीकर और बाकी उपकरणों को भी तोड़ दिया था.
ईटीवी भारत से ग्रामीणों की बातचीत
कैमला गांव मे हुए हंगामे के बाद ईटीवी भारत की टीम ने भी ग्रामीणों से बातचीत की. कैमला गांव के 65 वर्षीय बलबीर सिंह ने कहा रविवार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, क्योंकि ऐसा नहीं होना चाहिए था. इससे अशांति फैल गई, लेकिन बुजुर्गों द्वारा शांत किए जाने के बाद गांव में युवा शांत थे. अगर कोई अप्रिय घटना हुई तो है गांव पर कलंक लग जाता हो जाता. ग्रामीणों का कहना था कि मुख्यमंत्री को अपनी बात रखने का अधिकार है. उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.
बलविंदर सिंह ने कहा मेरे खेतों पर हेलीपैड स्थापित किया गया. पंडाल के आसपास किसानों की लगभग 12 एकड़ गेहूं की फसल खराब हो गई. जो विरोध प्रदर्शन की वजह से हुआ. उसमें बलविंदर सिंह के अकेले की ढाई एकड़ फसल खराब हो गई.
70 वर्षीय राम सिंह का भी कहना था कि भगवान का शुक्रगुजार हूं कि रविवार को जान माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ. वरना इस युद्ध जैसी स्थिति में कुछ भी अनहोनी हो सकती थी. सब कुछ फिर भी शांति से गुजर गया. उन्होंने कहा कि सरकार को तीन कृषि कानूनों पर अशांति के बीच इस कार्यक्रम से बचना चाहिए था. एक अन्य स्थानीय निवासी राजेंद्र ने मूकदर्शक बने रहने के लिए पुलिस को दोषी ठहराया पंडाल में तोड़फोड़ से बचाया जा सकता था. पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
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नुकसान का आंकलन किया जा रहा है- डीसी
जब हमारी टीम ने इन सभी मामलों पर जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि नुकसान का आंकलन करने के लिए एक राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा था. 12 एकड़ में लगी गेहूं की फसल खराब हो गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार नुकसान के ले किसानों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को मुआवजा देगी.