करनाल: गन्ना रेट वृद्धि की मांग को लेकर किसानों ने हरियाणा की 14 शुगर मिलों को बंद कर दिया है. यहां पर धरना दे रहे किसान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान धरनास्थल पर पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने किसानों को उनके संघर्ष के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि किसानों का ही प्रयास है, जिसके चलते पहली बार हरियाणा में सभी 14 शुगर मिलों को किसानों ने बंद कर दिया है. उन्होंने कुरुक्षेत्र में 23 जनवरी को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा कर बड़ा फैसला लेने का एलान किया है.
करनाल पहुंचे गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा की प्रत्येक मिल के सामने भारी संख्या में किसान बैठे हुए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का इरादा बहुत मजबूत है. उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता अपना रही है. कई बार किसानों ने मंत्रियों को ज्ञापन दिए, लेकिन गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया गया. यहां तक कि किसानों ने कई बार प्रदर्शन किया और सरकार को चेताने के लिए पुतले भी जलाए हैं.
![gurnam singh chadhuni in Karnal farmers protest in Karnal farmers protest at sugar mill in Karnal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17545680_karnal345_aspera.jpg)
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सरकार की हठधर्मिता के कारण ही किसानों को शुगर मिले बंद करनी पड़ी है. चढूनी ने कहा कि 23 जनवरी को कुरूक्षेत्र की सैनी धर्मशाला में होगी बैठक, जिसमें सभी शुगर मिलों के प्रतिनिधि बुलाए गए हैं. इस मीटिंग में कोई कड़ा फैसला लिया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चढूनी ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत से कभी इंकार नहीं किया गया है. किसानों को सिर्फ अपनी गन्ने की फसल का भाव लेने से मतलब है.
जब भी सरकार उनसे बात करना चाहे, वह कर सकती है. किसान हर समय सरकार से बात करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार उन्हें वार्ता के लिए बुलाए तो सही. हरियाणा में गन्ना किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इसके गन्ने की फसल पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चढूनी ने कहा कि जब भी लड़ाई होती है, तो उसमें नुकसान होना लाजमी है. किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में किसानों के गन्ने की फसल पर प्रभाव पड़ सकता है.
![gurnam singh chadhuni in Karnal farmers protest in Karnal farmers protest at sugar mill in Karnal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17545680_karnal_aspera.jpg)
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इस लड़ाई के बारे में पहले ही किसानों को बता दिया गया था कि मिल बंद होने से किसानों को नुकसान होगा. इसके बावजूद किसानों ने फैसला लिया था और उसी के बाद कदम उठाया गया है. किसानों ने यहां तक भी कह दिया था कि अगर कोई रेट नहीं मिल पाता है, तो वे अपने गन्ने में आग लगा देंगे, लेकिन शुगर मिलों को अपना गन्ना नहीं देंगे. उन्होंने चेताया कि अभी तो किसान अपना नुकसान कर रहा है, ऐसा ना हो कि किसान सरकार का नुकसान करने पर उतर आए. किसानों को रास्ता जाम करना पड़े या फिर किसी अन्य तरह का उग्र प्रदर्शन करना पड़े.
करनाल शुगर मिल पर भी किसानों ने ताला लगाया: किसानों का कहना है कि शुक्रवार को बारिश थी और व्यवस्था भी सही नहीं थी, इसलिए शनिवार को करनाल शुगर मिल पर भी ताला लगा दिया है. किसानों का कहना है कि हरियाणा में शुक्रवार से ही तालाबंदी कर दी थी और सभी मिले बंद हो चुकी हैं. जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी, तब तक यह तालाबंदी जारी रहेगी. जब उनसे सरकार से वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है, सरकार को किसानों की मांगें माननी ही पड़ेगी.