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फसल खरीद से पहले ऐसे हैं सीएम सिटी की मंडियों के हालात, कैसे फसल बेचेगा किसान? - करनाल अनाज मंडी फसल खरीद तैयारी

हरियाणा में कल से सरकारी फसल खरीद शुरू हो जाएगी. फसल खरीद को लेकर करनाल की अनाज मंडी की कैसी तैयारियां हैं, इसके लिए देखिए हमारी ये ग्राउंड रिपोर्ट.

karnal grain market
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Published : Mar 31, 2021, 5:03 PM IST

करनाल: सरकार के निर्देश के बाद जिले की मंडियों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जाएगी. उससे पहले बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने करनाल की मंडियों में सुविधाओं का जायजा लिया, और जाना कि सीएम सिटी करनाल की नई अनाज मंडी में गेहूं खरीद को लेकर किस तरीके के प्रबंध किए गए हैं.

मंडी में लगा है गंदगी का अंबार

हमारी टीम ने नई अनाज मंडी का दौरा किया और देखा कि वहां जगह-जगह कचरे के ढेर लगे पड़े हैं. फसल डालने के लिए जो शेड बनाए गए हैं उनके नीचे भी कचरा दिखाई दिया और पशुओं का गोबर भी पड़ा हुआ दिखाई दिया.

फसल खरीद से पहले ऐसे हैं सीएम सिटी की मंडियों के हालात, कैसे फसल बेचेगा किसान?

कल सुबह 6 बजे ही किसान करनाल की नई अनाज मंडी में अपनी गेहूं की फसल लेकर आएंगे, लेकिन उससे पहले सफाई व्यवस्था बिल्कुल लचर दिखाई दी. इतना ही नहीं जब हमने पूरी अनाज मंडी का दौरा किया तो कई जगह कीचड़ युक्त पानी भी पड़ा हुआ दिखाई दिया. अगर किसान अपनी फसल लेकर आता है तो क्या वह है इस कीचड़ में अपनी फसल डालेगा.

मंडी अधिकारियों का पूरी तैयारी का दावा

जब करनाल की नई अनाज मंडी के मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुरेंद्र से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारी पूरी तैयारी है. गेहूं खरीद को लेकर सभी तरह की व्यवस्था की हुई है ताकि किसानों को किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो.

ये भी पढे़ं- हरियाणा में बढ़ रहे कोरोना केस, सीएम बोले- जरूरत पड़ी तो उठाएंगे कड़े कदम

वहीं गेहूं तैयारियों को लेकर जब हमने किसान नरेश से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने तो सरकार से उम्मीद ही छोड़ दी है. पिछले गेहूं के सीजन में किसानों को एक 1 महीने तक अपनी फसल बेचने के लिए फोन पर आने वाले मैसेज का इंतजार करना पड़ा.

सीधे खाते में पैसा नहीं चाहते किसान

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह नहीं चाहते कि उनका फसल का पैसा सीधे उनके खाते में जाए क्योंकि कमीशन एजेंट और किसानों का रिश्ता काफी पुराना है और पैसे के लेनदेन में अगर रात के 12:00 बजे भी उनको छूट पड़ जाए तो कमीशन एजेंट कहीं से भी उनके लिए पैसे लेकर आता है. अगर कमीशन एजेंट का रोल ही खत्म हो जाता है तो किसान इमरजेंसी में पैसे कहां से लेकर आएगा.

बहरहाल, मंडी अधिकारियों का दावा है कि फसल खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं, लेकिन करनाल की नई अनाज मंडी में सफाई व्यवस्था बदहाल है. अब जब सीएम सिटी करनाल की मंडी की ये स्थिति है तो आप हिसाब लगा सकते हो कि राज्य की दूसरी मंडियों की स्थिति कैसी होगी.

ये भी पढ़ें- गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने के लिए उपायुक्तों को सप्ताह का लक्ष्य दोगुना करने के निर्देश

करनाल: सरकार के निर्देश के बाद जिले की मंडियों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जाएगी. उससे पहले बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने करनाल की मंडियों में सुविधाओं का जायजा लिया, और जाना कि सीएम सिटी करनाल की नई अनाज मंडी में गेहूं खरीद को लेकर किस तरीके के प्रबंध किए गए हैं.

मंडी में लगा है गंदगी का अंबार

हमारी टीम ने नई अनाज मंडी का दौरा किया और देखा कि वहां जगह-जगह कचरे के ढेर लगे पड़े हैं. फसल डालने के लिए जो शेड बनाए गए हैं उनके नीचे भी कचरा दिखाई दिया और पशुओं का गोबर भी पड़ा हुआ दिखाई दिया.

फसल खरीद से पहले ऐसे हैं सीएम सिटी की मंडियों के हालात, कैसे फसल बेचेगा किसान?

कल सुबह 6 बजे ही किसान करनाल की नई अनाज मंडी में अपनी गेहूं की फसल लेकर आएंगे, लेकिन उससे पहले सफाई व्यवस्था बिल्कुल लचर दिखाई दी. इतना ही नहीं जब हमने पूरी अनाज मंडी का दौरा किया तो कई जगह कीचड़ युक्त पानी भी पड़ा हुआ दिखाई दिया. अगर किसान अपनी फसल लेकर आता है तो क्या वह है इस कीचड़ में अपनी फसल डालेगा.

मंडी अधिकारियों का पूरी तैयारी का दावा

जब करनाल की नई अनाज मंडी के मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुरेंद्र से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारी पूरी तैयारी है. गेहूं खरीद को लेकर सभी तरह की व्यवस्था की हुई है ताकि किसानों को किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो.

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वहीं गेहूं तैयारियों को लेकर जब हमने किसान नरेश से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने तो सरकार से उम्मीद ही छोड़ दी है. पिछले गेहूं के सीजन में किसानों को एक 1 महीने तक अपनी फसल बेचने के लिए फोन पर आने वाले मैसेज का इंतजार करना पड़ा.

सीधे खाते में पैसा नहीं चाहते किसान

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह नहीं चाहते कि उनका फसल का पैसा सीधे उनके खाते में जाए क्योंकि कमीशन एजेंट और किसानों का रिश्ता काफी पुराना है और पैसे के लेनदेन में अगर रात के 12:00 बजे भी उनको छूट पड़ जाए तो कमीशन एजेंट कहीं से भी उनके लिए पैसे लेकर आता है. अगर कमीशन एजेंट का रोल ही खत्म हो जाता है तो किसान इमरजेंसी में पैसे कहां से लेकर आएगा.

बहरहाल, मंडी अधिकारियों का दावा है कि फसल खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं, लेकिन करनाल की नई अनाज मंडी में सफाई व्यवस्था बदहाल है. अब जब सीएम सिटी करनाल की मंडी की ये स्थिति है तो आप हिसाब लगा सकते हो कि राज्य की दूसरी मंडियों की स्थिति कैसी होगी.

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