करनाल: हरियाणा में रविवार को फल-सब्जियों के दाम (Fruits and Vegetables Price in Haryana) जारी हो गए हैं. प्रदेश में हरी सब्जियों की कीमत में रोजाना उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. प्रदेश में सब्जियों की महंगाई से थोड़ी-बहुत राहत जरूर मिली है. हफ्ते भर पहले हरियाणा फल-सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा था. हालांकि 80 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 35 रुपये किलो बिक रहा है. आलू, प्याज के दाम भी फिलहाल सामान्य हैं जबकि मटर, शिमला मिर्च, मशरूम, मिर्च, नीबू और भिंडी के दाम तो आसमान पर हैं. इसके साथ साथ फलों की कीमतों में भी उछाल आया है.
सब्जियों के दामों में थोड़ी कमी दिखी (vegetable price in haryana) है. वहीं दूसरी ओर फलों के दाम में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद है कि जैसे-जैसे मंडियों में फल पहुंचने लगेंगे फलों के दाम भी कम होने लगेंगे. फिलहाल इन दिनों मंडियों में फल-सब्जियों की आवक में सुधार हो रहा है. लोकल सब्जियों के मंडी पहुंचने से और बाकी राज्यों से आवक पूर्ति होने से आम आदमी को हल्की राहत जरूर मिली है, लेकिन मांग अधिक होने के कारण दाम अभी उतने नहीं घटे हैं जितने होने चाहिए.
हरियाणा की मंडियों में आलू, गोभी जैसी सब्जियां जो पहले 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही थी वो अब 15 रुपये से 30 रुपये प्रति किलो बिक रही (vegetable price in haryana) हैं. कुछ वक्त पहले लोगों की थालियों से गायब होने वाला टमाटर अब 35 रुपये प्रति किलो बिक (Tomato Price In Haryana) रहा है. ऐसे ही प्याज और खीरा भी 20-30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है.
कोरोना के इस दौर फलों की मांग भी ठीक-ठाक बनी हुई है. सर्दियों के इस मौसम में अमरूद काफी पसंद किया जा रहा है जो कि स्वाभाविक है. क्योंकि सीजनल फल जो ठहरा. इसके साथ ही केला, सेब, संतरा समेत तमाम फलों की बिक्री काफी हो रही है. हरियाणा में फलों की कीमत (Fruits Price in Haryana) भी रोजाना बदल रही है. ताजा जारी कीमतों के मुताबिक हरियाणा में केला 50 रुपये दर्जन के हिसाब से बिक रहा है. वहीं सेब आज 100 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है.
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बता दें कि पिछले एक महीने में महंगाई तेजी से बढ़ी है. इस दौरान खाने-पीने की चीजें, जैसे- आटा, चावल, घी, दूध के साथ राेजमर्रा के सामान जैसे पेट्राेल-डीजल, रसाेई गैस के दाम भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. महंगाई से त्रस्त आम आदमी काे फिलहाल राहत की उम्मीद मिलती नहीं दिखाई दे रही है. मंडी से जितने तरह के खाद्यान का काराेबार हाेता है, सभी की कीमतें बढ़ती चली जा रही है.