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'तालिबानी नेता मुल्ला मनोहर लाल के आदेश पर पुलिस ने कत्ल के इरादे से बरसाई लाठियां' - करनाल लाठीचार्ज घायल किसान बातचीत

करनाल में किसानों पर पुलिस की लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) को लेकर सोमवार को घरौंडा में किसानों की महापंचायत (farmer mahapanchayat) हुई. इस महापंचायत में उन किसानों को सबसे आगे बैठाया गया जो लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए थे.

karnal farmer lathi charge
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Published : Aug 30, 2021, 5:35 PM IST

करनाल: हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) को लेकर गुस्साए किसानों ने सोमवार को करनाल के घरौंडा में महापंचायत (farmer mahapanchayat) की. ये महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बुलाई थी जिसकी अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam singh charuni) ने की. इस महापंचायत में किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी खास तौर पर शामिल हुए.

बता दें कि लाठीचार्ज के दौरान कई किसान बुरी तरह से घायल हुए थे. इस महापंचायत में उन किसानों को सबसे आगे बैठाया गया जो लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए थे. ईटीवी भारत ने उन्हें घायल किसानों से आज बात की. किसानों ने सीएम मनोहर लाल पर निशाना साधते हुए कहा कि शनिवार को तालिबानी नेता मुल्ला मनोहर लाल के आदेश पर पुलिस ने कत्ल के इरादे से लाठियां बरसाई थी. चाहे सरकार हमें जान से मार दे, लेकिन ये आंदोलन रुकने वाला नहीं है. हम लगातार अपनी मांगों के लिए आंदोलन करते रहेंगे और आज इस महापंचायत में जो फैसला लिया जाएगा वो इस आंदोलन के लिए ऐतिहासिक फैसला होगा.

लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों से बातचीत

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज मामले में बड़ा दावा, इनेलो नेता के इशारे पर SDM ने दिया सिर फोड़ने का आदेश?

लाठीचार्ज के दौरान एक किसान की नाक पर लाठी लगने से उसकी नाक की हड्डी टूट गई थी. उस किसान ने बताया कि कि मुझे एक आंख से दिखाई भी नहीं दे रहा है, चोट के कारण मेरी एक आंख की रोशनी चली गई है. हालांकि डॉक्टर का कहना है कि उसकी आंखों की रोशनी जल्द ही वापस आ जाएगी.

सोमवार को करनाल में हुई इस महापंचायत में किसान द्वारा कई बड़े फैसले भी लिए गए. किसानों ने पहला फैसला लिया कि करनाल के SDM आयुष सिन्हा समेत अन्य अधिकारियों पर मामले दर्ज हो, जिनकी वजह से लाठीचार्ज हुआ है. इस मांग को लेकर सरकार को 6 सितम्बर तक का समय दिया है. अगर सरकार नहीं मानी तो 7 सितंबर को करनाल में फिर बड़ी पंचायत होगी और उसके बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा. महापंचायत में दूसरा फैसला ये लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन इकट्ठा होकर संयुक्त किसान मोर्चा के आगे अपनी बात रहेंगे. अगर बात नहीं सुनी जाती तो हरियाणा के सभी किसान संगठन अलग से मीटिंग करके फैसला कोई बड़ा लेंगे.

ये भी पढ़ें- सिर फोड़ने वाले SDM पर सीएम मनोहर लाल का बड़ा बयान, कही ये बड़ी बात

वहीं महापंचायत में तीसरा फैसला ये हुआ कि जिस किसान की मौत हुई है उसके परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये का मुआवजा, बेटे को नौकरी और साथ ही घायलों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएं. बता दें कि, करनाल में शनिवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई थी. इस दौरान किसानों ने भी विरोध जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई थी. इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इसी बीच घायल हुए किसानों में से एक किसान की रविवार को मौत हो गई. मृतक किसान का नाम सुशील काजल है. किसान करनाल के घरौंडा के रायपुर जट्टान गांव का रहने वाला था.

करनाल: हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) को लेकर गुस्साए किसानों ने सोमवार को करनाल के घरौंडा में महापंचायत (farmer mahapanchayat) की. ये महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बुलाई थी जिसकी अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam singh charuni) ने की. इस महापंचायत में किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी खास तौर पर शामिल हुए.

बता दें कि लाठीचार्ज के दौरान कई किसान बुरी तरह से घायल हुए थे. इस महापंचायत में उन किसानों को सबसे आगे बैठाया गया जो लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए थे. ईटीवी भारत ने उन्हें घायल किसानों से आज बात की. किसानों ने सीएम मनोहर लाल पर निशाना साधते हुए कहा कि शनिवार को तालिबानी नेता मुल्ला मनोहर लाल के आदेश पर पुलिस ने कत्ल के इरादे से लाठियां बरसाई थी. चाहे सरकार हमें जान से मार दे, लेकिन ये आंदोलन रुकने वाला नहीं है. हम लगातार अपनी मांगों के लिए आंदोलन करते रहेंगे और आज इस महापंचायत में जो फैसला लिया जाएगा वो इस आंदोलन के लिए ऐतिहासिक फैसला होगा.

लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों से बातचीत

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लाठीचार्ज के दौरान एक किसान की नाक पर लाठी लगने से उसकी नाक की हड्डी टूट गई थी. उस किसान ने बताया कि कि मुझे एक आंख से दिखाई भी नहीं दे रहा है, चोट के कारण मेरी एक आंख की रोशनी चली गई है. हालांकि डॉक्टर का कहना है कि उसकी आंखों की रोशनी जल्द ही वापस आ जाएगी.

सोमवार को करनाल में हुई इस महापंचायत में किसान द्वारा कई बड़े फैसले भी लिए गए. किसानों ने पहला फैसला लिया कि करनाल के SDM आयुष सिन्हा समेत अन्य अधिकारियों पर मामले दर्ज हो, जिनकी वजह से लाठीचार्ज हुआ है. इस मांग को लेकर सरकार को 6 सितम्बर तक का समय दिया है. अगर सरकार नहीं मानी तो 7 सितंबर को करनाल में फिर बड़ी पंचायत होगी और उसके बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा. महापंचायत में दूसरा फैसला ये लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन इकट्ठा होकर संयुक्त किसान मोर्चा के आगे अपनी बात रहेंगे. अगर बात नहीं सुनी जाती तो हरियाणा के सभी किसान संगठन अलग से मीटिंग करके फैसला कोई बड़ा लेंगे.

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वहीं महापंचायत में तीसरा फैसला ये हुआ कि जिस किसान की मौत हुई है उसके परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये का मुआवजा, बेटे को नौकरी और साथ ही घायलों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएं. बता दें कि, करनाल में शनिवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई थी. इस दौरान किसानों ने भी विरोध जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई थी. इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इसी बीच घायल हुए किसानों में से एक किसान की रविवार को मौत हो गई. मृतक किसान का नाम सुशील काजल है. किसान करनाल के घरौंडा के रायपुर जट्टान गांव का रहने वाला था.

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