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करनाल शुगर मिल पर किसानों का धरना: गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग - करनाल शुगर मिल पर किसानों का धरना

हरियाणा में शुगर मिलों के बाहर किसानों ने प्रदर्शन किया. किसान गन्ने के भाव बढ़ाकर 450 रुपए (farmers demand to increase sugarcane rate) करने की मांग कर रहे हैं. पंजाब में गन्ने का भाव 450 रुपए से अधिक है.

Farmers protest in Karnal farmers protest at sugar mill farmers demand to increase sugarcane rate
करनाल शुगर मिल पर किसानों का धरना: गन्ने की रेट बढ़ाने की मांग, बोले-पंजाब की तर्ज पर 450 रुपए प्रति क्विंटल हो दाम
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Published : Dec 12, 2022, 7:02 PM IST

करनाल: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के आह्वान पर करनाल की शुगर मिल पर भी गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों (Farmers protest in Karnal) ने धरना शुरू किया है. किसान शुगर मिल के मुख्य गेट पर दरी बिछाकर धरने (farmers protest at sugar mill) पर बैठ गए. प्रदर्शन में जिलेभर के गन्ना किसान एकत्रित हुए. हरियाणा के किसान भी पंजाब की तर्ज पर गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

किसानों ने कहा कि सरकार किसानों को गन्ने के बेहद कम दाम दे रही है, जो 400 रुपये से भी कम है. वहीं पंजाब में गन्ने का भाव 450 रुपये से अधिक है. किसानों ने कहा कि आश्वासन के बावजूद सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के एलान पर आज गन्ना किसानों ने धरना दिया. गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर हरियाणा के सभी शुगर मिलों के बाहर प्रदर्शन किया गया.

किसानों ने बढ़ा हुआ मूल्य इसी पेराई सत्र से ही लागू करने की मांग की है. गन्ना किसानों ने बताया कि मशीन से कटाई किए गए गन्ने पर लगने वाली काट को सरकार ने बढ़ाकर 7% कर दिया है. जबकि पंजाब में काट केवल 3% है और महाराष्ट्र में यह काट 4.5% है. किसान बलजीत सिंह ने कहा कि गन्ने का मूल्य 362 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि खोई जो चीनी बनाने के बाद वेस्ट के रूप में बचती है, उसका मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल है.

पढ़ें: भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह का खुला पत्र, एसकेएम नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप

इस तरह फसल का मूल्य कम है और वेस्टेज का ज्यादा. उन्होंने कहा कि सरकार से मौजूदा पेराई सत्र के लिए सरकार गन्ने का रेट बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करे. इसके साथ ही काट को 7% से कम करके पंजाब की तर्ज पर 3% करे, ताकि गन्ना किसान घाटे में ना जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने गन्ने का मूल्य मौजूदा पेराई सत्र में नहीं बढ़ाया तो भाकियू (चढूनी) अगले महीने बड़ा आंदोलन करेगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. चढूनी के द्वारा पहले ही किसानों को आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

पढ़ें: रोहतक में गन्ने का सही भाव नहीं मिलने से किसान मायूस

करनाल: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के आह्वान पर करनाल की शुगर मिल पर भी गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों (Farmers protest in Karnal) ने धरना शुरू किया है. किसान शुगर मिल के मुख्य गेट पर दरी बिछाकर धरने (farmers protest at sugar mill) पर बैठ गए. प्रदर्शन में जिलेभर के गन्ना किसान एकत्रित हुए. हरियाणा के किसान भी पंजाब की तर्ज पर गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

किसानों ने कहा कि सरकार किसानों को गन्ने के बेहद कम दाम दे रही है, जो 400 रुपये से भी कम है. वहीं पंजाब में गन्ने का भाव 450 रुपये से अधिक है. किसानों ने कहा कि आश्वासन के बावजूद सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के एलान पर आज गन्ना किसानों ने धरना दिया. गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर हरियाणा के सभी शुगर मिलों के बाहर प्रदर्शन किया गया.

किसानों ने बढ़ा हुआ मूल्य इसी पेराई सत्र से ही लागू करने की मांग की है. गन्ना किसानों ने बताया कि मशीन से कटाई किए गए गन्ने पर लगने वाली काट को सरकार ने बढ़ाकर 7% कर दिया है. जबकि पंजाब में काट केवल 3% है और महाराष्ट्र में यह काट 4.5% है. किसान बलजीत सिंह ने कहा कि गन्ने का मूल्य 362 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि खोई जो चीनी बनाने के बाद वेस्ट के रूप में बचती है, उसका मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल है.

पढ़ें: भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह का खुला पत्र, एसकेएम नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप

इस तरह फसल का मूल्य कम है और वेस्टेज का ज्यादा. उन्होंने कहा कि सरकार से मौजूदा पेराई सत्र के लिए सरकार गन्ने का रेट बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करे. इसके साथ ही काट को 7% से कम करके पंजाब की तर्ज पर 3% करे, ताकि गन्ना किसान घाटे में ना जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने गन्ने का मूल्य मौजूदा पेराई सत्र में नहीं बढ़ाया तो भाकियू (चढूनी) अगले महीने बड़ा आंदोलन करेगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. चढूनी के द्वारा पहले ही किसानों को आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

पढ़ें: रोहतक में गन्ने का सही भाव नहीं मिलने से किसान मायूस

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