करनाल: हरियाणा में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण प्रदेश में किसानों को भारी नुकसान हुआ है. बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में 2,06,990 हेक्टेयर कृषि भूमि जलभराव से प्रभावित है. वहीं, मौजूदा समय में किसानों ने धान की रोपाई की है. धान की रोपाई के बाद हरियाणा सरकार द्वारा और कृषि विभाग के द्वारा किसानों की फसल का पंजीकरण करने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल खोला गया है.
-
हरियाणा सरकार ने बाढ़ ग्रसित किसानों हेतु खोला क्षतिपूर्ति पोर्टल
— MyGovHaryana (@mygovharyana) July 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' (https://t.co/V6DaKNVNjw) पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य pic.twitter.com/1CfiBM6IKg
">हरियाणा सरकार ने बाढ़ ग्रसित किसानों हेतु खोला क्षतिपूर्ति पोर्टल
— MyGovHaryana (@mygovharyana) July 24, 2023
'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' (https://t.co/V6DaKNVNjw) पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य pic.twitter.com/1CfiBM6IKgहरियाणा सरकार ने बाढ़ ग्रसित किसानों हेतु खोला क्षतिपूर्ति पोर्टल
— MyGovHaryana (@mygovharyana) July 24, 2023
'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' (https://t.co/V6DaKNVNjw) पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य pic.twitter.com/1CfiBM6IKg
ये भी पढ़ें: हरियाणा में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का पंजीकरण जरूरी, वरना नहीं होगी मंडी में फसल की खरीद
इसी के चलते कृषि विभाग और सरकार के द्वारा किसानों को कहा गया है कि वे अपनी खराब फसल की जानकारी देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर क्षतिपूर्ति कॉलम में आवेदन करें. फसल खराब का मुआवजा लेने के लिए आवेदन करें. किसान भारी संख्या में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपनी फसल का पंजीकरण करवाने जा रहे हैं, लेकिन पिछले तीन-चार दिनों से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर तकनीकी कारण के चलते रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा. ऐसे में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
करनाल के बड़थल गांव में ईटीवी भारत ने कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक और ऑपरेटर संजीव चौधरी से बात की. उन्होंने बताया कि हरियाणा के किसानों से संबंधित सभी योजनाओं के लिए इस पोर्टल को बनाया गया है. पहले इस पर सिर्फ मेरी फसल मेरा ब्यौरा में फसल का पंजीकरण ही करना होता था, अब इस पर अन्य जानकारियों को भी अपलोड कर दिया गया है. मौजूदा समय में किसानों की धान की फसल पंजीकरण का काम चल रहा है. फसल का पंजीकरण करने के साथ-साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर क्षतिपूर्ति के लिए खराब फसल का ब्यौरा भी दर्ज कराया जा रहा है. लेकिन, पोर्टल सही से काम नहीं कर रहा, जिसके चलते किसानों फसल का पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं.
सभी किसान इस समय पंजीकरण करवा रहे हैं, ऐसे में ज्यादा लोड होने के चलते पोर्टल सही से काम नहीं कर रहा. पिछले दो-तीन दिन से तो पोर्टल बिल्कुल बंद पड़ा है. मंगलवार को पोर्टल थोड़ा चला. पोर्टल सुबह शाम ही एक घंटा ही चल रहा है. पोर्टल पर कोई काम बहुत धीरे-धीरे हो रहा है. किसान काफी ज्यादा संख्या में अपनी फसल का पंजीकरण करवाने के लिए आ रहे हैं. अगर यह साइट ऐसे ही चलती रही तो 31 जुलाई तक सभी किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाएगा.- ंजीव चौधरी, कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक
हम पिछले तीन-चार दिन से अपनी फसल का पंजीकरण करवाने के लिए आ रहे हैं. लेकिन, पोर्टल काम न करने के चलते बिना पंजीकरण के लौटना पड़ रहा है, किसानों के अन्य भी काम होते हैं. अपने जरूरी काम छोड़कर वह पंजीकरण करवाने के लिए आते हैं, लेकिन कई घंटे बैठने के बाद भी उनकी फसल का पंजीकरण नहीं होता. फसल पंजीकरण के लिए अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, ताकि सभी किसान अपनी फसल का पंजीकरण करवा सके.- शिवकुमार, करनाल के गांव बड़थल के किसान
ये भी पढ़ें: बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी राहत, 31 जुलाई तक खेत में बिजाई नहीं हो पाई तो अलग से मुआवजा देगी सरकार
मौजूदा समय में पोर्टल काम नहीं कर रहा तो ऐसे 31 जुलाई तक सभी किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाएगा. हालात ऐसे हो गए हैं कि अब किसानों को कॉमन सर्विस सेंटर पर एक पेज पर नंबर वाइज अपने नंबर लगवा कर जाना पड़ रहा है. जैसे ही कुछ देर के लिए साइट चलती है तो उनको फोन करके बुलाया जाता है और उनकी फसल का तब पंजीकरण होता है. ईटीवी भारत मंगलवार शाम के करीब 5:30 बजे इसी मुद्दे पर किसानों की राय जानने के लिए गया तो वहां पर काफी संख्या में किसान बैठे हुए थे. इनमें से सिर्फ 2 किसानों की फसल का ही पंजीकरण हो पाया और साइट एक बार फिर से रुक गई. इन हालातों से लगता है कि 31 जुलाई तक हरियाणा के सभी किसानों की फसलों का पंजीकरण होना मुश्किल है.