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करनाल एग्रो मॉल में पहुंचे राकेश टिकैत, गृहमंत्री विज पर निशाना साधते हुए सरकार को दी चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) सोमवार को करनाल के एग्रो मॉल (karnal agro mall) में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार को इस मॉल को ना बेचने की चेतावनी दी.

Rakesh Tikait in karnal
Rakesh Tikait in karnal
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Published : Nov 15, 2021, 9:56 PM IST

करनाल: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) सोमवार को करनाल के एग्रो मॉल (karnal agro mall) में पहुंचे. इस दौरान राकेश टिकैत वहां किसानों से मिले और एग्रो मॉल के बारे में जानकारी ली. उन्होंने ऐलान किया कि अगर सरकार ने एग्रो मॉल और मंडी बेचे तो बेचने व खरीदने वाले दोनों के खिलाफ आंदोलन करेंगे. विरोध में जिला सचिवालय के गेट को वेल्डिंग करके ताला लगा देंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसे नीलाम करती है तो किसी को कब्जा नहीं लेने देंगे.

टिकैत ने कहा कि अगर एक एग्रो मॉल बिकता है तो धीरे-धीरे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश की मंडियां बिकेंगी. बता दें कि करनाल में ये एग्रो मॉल सरकार ने किसानों के लिए बनाया था, लेकिन अब सरकार इसकी नीलामी करने की बात कह रही है. इसी का विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को एग्रो मॉल में पहुंचे. टिकैत ने इस दौरान हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अनिल विज हमारी सलाहकार समिति के सदस्य तो है नहीं, ऐसे में हम उनके कहने से मोर्चा नेतृत्व नहीं बदलेंगे. वो तो आईओ हैं, अपनी लिखत-पढ़त का काम करें. हम अपना काम कर रहे हैं.

करनाल एग्रो मॉल में पहुंचे राकेश टिकैत, गृहमंत्री विज पर निशाना साधते हुए सरकार को दी चेतावनी

ये भी पढ़ें- हड़ताल के बीच पेट्रोल पंप पर पहुंचे नीरज चोपड़ा, फिर हुआ कुछ ऐसा

किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा के किसी भी नेता के द्वारा इलेक्शन या किसी पार्टी की तरफ जाना या खुद की पार्टी तैयार करना सही नहीं है. इससे किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. हम सभी से कहते हैं कि इन बातों में ना पड़कर किसान आंदोलन जो चल रहा है, उसको मजबूत करने का काम करें.

जब उनसे सवाल किया गया कि कुछ नेताओं की किसानों नेताओं के साथ फोटो हैं, तो इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से कोई नेता मिलता है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन उनको अपने गंतव्य से ना भटक कर अपने किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए लगातार काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आंदोलन के एक साल पूरा होने पर मोर्चा ने फैसला लिया कि 29 नवंबर से दोनों बॉर्डर से 500-500 किसान ट्रैक्टरों के साथ संसद घेराव के लिए जाएंगे. आंदोलन कितना लंबा चलेगा, ये अभी नहीं पता है.

ये भी पढ़ें- 29 नवंबर को किसान ट्रैक्टर पर करेंगे संसद कूच, 26 से दिल्ली की सीमाओं पर जुटने लगेगी भीड़

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2020 को हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे और उनको दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के विरोध में विरोध करने जाना था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सोनीपत में कुंडली सिंघु बॉर्डर, झज्जर जिले के टिकरी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोक दिया. इसके बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया कि दिल्ली की सीमाओं पर ही किसान अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे, तब से आज तक किसान संगठन मोर्चे पर डटे हुए हैं.

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करनाल: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) सोमवार को करनाल के एग्रो मॉल (karnal agro mall) में पहुंचे. इस दौरान राकेश टिकैत वहां किसानों से मिले और एग्रो मॉल के बारे में जानकारी ली. उन्होंने ऐलान किया कि अगर सरकार ने एग्रो मॉल और मंडी बेचे तो बेचने व खरीदने वाले दोनों के खिलाफ आंदोलन करेंगे. विरोध में जिला सचिवालय के गेट को वेल्डिंग करके ताला लगा देंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसे नीलाम करती है तो किसी को कब्जा नहीं लेने देंगे.

टिकैत ने कहा कि अगर एक एग्रो मॉल बिकता है तो धीरे-धीरे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश की मंडियां बिकेंगी. बता दें कि करनाल में ये एग्रो मॉल सरकार ने किसानों के लिए बनाया था, लेकिन अब सरकार इसकी नीलामी करने की बात कह रही है. इसी का विरोध करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को एग्रो मॉल में पहुंचे. टिकैत ने इस दौरान हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अनिल विज हमारी सलाहकार समिति के सदस्य तो है नहीं, ऐसे में हम उनके कहने से मोर्चा नेतृत्व नहीं बदलेंगे. वो तो आईओ हैं, अपनी लिखत-पढ़त का काम करें. हम अपना काम कर रहे हैं.

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किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा के किसी भी नेता के द्वारा इलेक्शन या किसी पार्टी की तरफ जाना या खुद की पार्टी तैयार करना सही नहीं है. इससे किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. हम सभी से कहते हैं कि इन बातों में ना पड़कर किसान आंदोलन जो चल रहा है, उसको मजबूत करने का काम करें.

जब उनसे सवाल किया गया कि कुछ नेताओं की किसानों नेताओं के साथ फोटो हैं, तो इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से कोई नेता मिलता है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन उनको अपने गंतव्य से ना भटक कर अपने किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए लगातार काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आंदोलन के एक साल पूरा होने पर मोर्चा ने फैसला लिया कि 29 नवंबर से दोनों बॉर्डर से 500-500 किसान ट्रैक्टरों के साथ संसद घेराव के लिए जाएंगे. आंदोलन कितना लंबा चलेगा, ये अभी नहीं पता है.

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गौरतलब है कि 26 नवंबर 2020 को हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे और उनको दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के विरोध में विरोध करने जाना था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सोनीपत में कुंडली सिंघु बॉर्डर, झज्जर जिले के टिकरी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोक दिया. इसके बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया कि दिल्ली की सीमाओं पर ही किसान अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे, तब से आज तक किसान संगठन मोर्चे पर डटे हुए हैं.

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