करनाल: हरियाणा में बागवानी खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादकता और गुणवत्ता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि निर्यात के साथ-साथ किसानों की आय दोगनी की जा सके. इसको लेकर सरकार और बागवानी विभाग किसानों के बीच जाकर उनको खेती को तकनीक से करने के गुर सिखाने शुरू कर दिए हैं. इसके लिए करनाल में आलू एक्सपो का आयोजन किया गया.
आलू एक्सपो में आए हरियाणा बागवानी निदेशक अर्जुन सैनी ने कहा कि जिला में शामगढ़ स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र की ओर से आयोजित प्रथम आलू एक्स्पो में आए किसानों को आलू की खेती की नई जानकारियां दी. दो दिवसीय आलू मेले में करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला के साथ दूसरे राज्यों से आए किसानों ने मेले में हिस्सा लिया.
शानदार किस्म के आलू की फसल
हरियाणा बागवानी निदेशक अर्जुन सैनी ने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्र शामगढ़ में आलू के उम्दा किस्म के बीज तैयार किए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश की जरूरत पूरी करके आलू उत्पादन बढ़ाया जाएगा. इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, ओडिशा ,असम और कर्नाटक जैसे राज्य जहां बीज तैयार करने संभव नहीं है, वहां के किसानों को आलू का बीज पहुंचाए जाएंगे.
हरियाणा में आलू की फसल
आलू, गन्ना और मक्का की तरह आलू एक मुख्य खाद्यान फसल है. पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा आलू के मुख्य उत्पादक राज्य हैं. हरियाणा में कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में आलू का उत्पादन अधिक होता है. एक अनुमान के अनुसार करनाल में 40 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल उगाई जा रही है. अब किसानों को मोटिवेट कर इसका रकबा बढ़ाने की और जोर दिया जा रहा है.
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आलू एक्सपो में भिन्न-भिन्न खरपतवार और कीटनाशक बनाने वाली कंपनियां तथा उम्दा कृषि यंत्र निर्माताओं की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई गई. किसानों ने इस का प्रदर्शनी आनंद लिया और प्रोडक्ट भी खरीदे.