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करनाल में फर्जी कीटनाशक बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा, कृषि विभाग ने की लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश - करनाल के बीड़ नारायणा गांव

करनाल कृषि विभाग की टीम ने मंगलवार को कीटनाशक बनाने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मारा. कृषि विभाग की टीम के मुताबिक छापेमारी के दौरान पता चला कि फैक्ट्री फर्जी तरीके से कीटनाशक का निर्माण कर रही थी. कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग और अधिकारियों के पास रिपोर्ट भेज दी गई है.

Pesticide factory raided in Karnal
Pesticide factory raided in Karnal
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Published : Aug 1, 2023, 8:15 PM IST

करनाल: कृषि विभाग की टीम ने मंगलवार को तरावड़ी में फर्जी तरीके से कीटनाशक बना रही एक कंपनी को पकड़ा है. करनाल के बीड़ नारायणा गांव स्थित पेस्टीसाइड बनाने वाली कंपनी पर कृषि विभाग की टीम ने छापा मारा. छापेमारी के दौरान टीम ने पाया कि फैक्ट्री खाद व खरपतवार नाशक वो पेस्टिसाइड नहीं बना रही है, कृषि विभाग द्वारा जिसका लाइसेंस दिया गया है. बल्कि फैक्ट्री में दूसरे नाम का पेस्टीसाइड बनाने का काम चल रहा था, इनकी कोई वैधता नहीं है.

ये भी पढ़ें- विश्वस्तरीय बनेगा हरियाणा का कृषि उद्योग, 22 देशों के साथ हुए MOU

कंपनी द्वारा तीन ऐसी दवाइयों का भी निर्माण किया जा रहा था, जिनके निर्माण संबंधी कंपनी के पास कोई भी लाइसेंस नहीं हैं. छापेमारी के दौरान कृषि विभाग की टीम ने पाया कि फर्जी नाम वाले उत्पादों को पैक किया जा रहा था. इस संबंध में जब कृषि विभाग की टीम द्वारा कंपनी से जानकारी मांगी गई तो कोई भी जानकारी नहीं दी गई. जिसके बाद कृषि अधिकारी ने सम्बधित थाने में सूचना देकर कार्रवाई की सिफारिश की है.

Pesticide factory raided in Karnal
फैक्ट्री से लिए गया पेस्टिसाइड का सैंपल.

करनाल कृषि उप निदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान मिला है कि दवा उत्पादों पर निर्माता कंपनी का लिखा नाम फर्जी था. जिनको सील करके सैंपल लिए गए हैं. फैक्ट्री में चल रही भारी अनियमितताओं को देखते हुए कृषि विभाग को सिफारिश की जाएगी कि फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द किया जाए. इसके अलावा पुलिस को सूचना दी गई है ताकि आगामी कानूनी कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- Karnal Basmati Rice: जानिए बासमती धान रोपाई का वैज्ञानिक तरीका व सावधानियां, होगी बंपर कमाई

कृषि अधिकारी ने कहा कि फैक्ट्री में दूसरी कंपनी के नाम की दवा बनाने काम कब से चल रहा था, कितनी सप्लाई अब तक जारी की गई, इन सबका पता लगाया जा रहा है. क्योंकि फैक्ट्री में दूसरे निर्माता के नाम के जो उत्पाद मिले हैं, उनकी वैधता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, और ना ही फैक्ट्री उन उत्पादों का निर्माण कर रही थी जिसके लिए लाइसेंस जारी किया गया है. जितने भी फर्जी पेस्टिसाइड मिले हैं, उसे कब्जे में ले लिया गया है.

आपको बता दें कि जिले में बहुत से किसानों के द्वारा शिकायत की जा रही थी कि उनको पेस्टिसाइड के नाम पर नकली दवा दी जा रही है. जिसके चलते उन्हें पैसे का भी नुकसान हो रहा है और फसल भी खराब हो रही है. ऐसी ही शिकायतें मिलने के बाद कृषि विभाग ने कार्रवाई शुरू की. इसी कार्रवाई के दौरान मंगलवार को इस फैक्ट्री को पकड़ा गया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में समय से पहले अचानक बढ़ा तापमान, गेहूं की फसल पर पड़ सकता है असर, बरतें ये सावधानियां

करनाल: कृषि विभाग की टीम ने मंगलवार को तरावड़ी में फर्जी तरीके से कीटनाशक बना रही एक कंपनी को पकड़ा है. करनाल के बीड़ नारायणा गांव स्थित पेस्टीसाइड बनाने वाली कंपनी पर कृषि विभाग की टीम ने छापा मारा. छापेमारी के दौरान टीम ने पाया कि फैक्ट्री खाद व खरपतवार नाशक वो पेस्टिसाइड नहीं बना रही है, कृषि विभाग द्वारा जिसका लाइसेंस दिया गया है. बल्कि फैक्ट्री में दूसरे नाम का पेस्टीसाइड बनाने का काम चल रहा था, इनकी कोई वैधता नहीं है.

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कंपनी द्वारा तीन ऐसी दवाइयों का भी निर्माण किया जा रहा था, जिनके निर्माण संबंधी कंपनी के पास कोई भी लाइसेंस नहीं हैं. छापेमारी के दौरान कृषि विभाग की टीम ने पाया कि फर्जी नाम वाले उत्पादों को पैक किया जा रहा था. इस संबंध में जब कृषि विभाग की टीम द्वारा कंपनी से जानकारी मांगी गई तो कोई भी जानकारी नहीं दी गई. जिसके बाद कृषि अधिकारी ने सम्बधित थाने में सूचना देकर कार्रवाई की सिफारिश की है.

Pesticide factory raided in Karnal
फैक्ट्री से लिए गया पेस्टिसाइड का सैंपल.

करनाल कृषि उप निदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा निरीक्षण के दौरान मिला है कि दवा उत्पादों पर निर्माता कंपनी का लिखा नाम फर्जी था. जिनको सील करके सैंपल लिए गए हैं. फैक्ट्री में चल रही भारी अनियमितताओं को देखते हुए कृषि विभाग को सिफारिश की जाएगी कि फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द किया जाए. इसके अलावा पुलिस को सूचना दी गई है ताकि आगामी कानूनी कार्रवाई की जाए.

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कृषि अधिकारी ने कहा कि फैक्ट्री में दूसरी कंपनी के नाम की दवा बनाने काम कब से चल रहा था, कितनी सप्लाई अब तक जारी की गई, इन सबका पता लगाया जा रहा है. क्योंकि फैक्ट्री में दूसरे निर्माता के नाम के जो उत्पाद मिले हैं, उनकी वैधता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, और ना ही फैक्ट्री उन उत्पादों का निर्माण कर रही थी जिसके लिए लाइसेंस जारी किया गया है. जितने भी फर्जी पेस्टिसाइड मिले हैं, उसे कब्जे में ले लिया गया है.

आपको बता दें कि जिले में बहुत से किसानों के द्वारा शिकायत की जा रही थी कि उनको पेस्टिसाइड के नाम पर नकली दवा दी जा रही है. जिसके चलते उन्हें पैसे का भी नुकसान हो रहा है और फसल भी खराब हो रही है. ऐसी ही शिकायतें मिलने के बाद कृषि विभाग ने कार्रवाई शुरू की. इसी कार्रवाई के दौरान मंगलवार को इस फैक्ट्री को पकड़ा गया.

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