करनाल: भारत दूध उत्पादन में दुनिया में अग्रणी देश माना जाता है. इसका मुख्य कारण है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां किसान खेती के साथ पशुपालन भी बड़े स्तर पर करते हैं. इस दूध क्रांति में डेयरी उद्योग की प्रमुख भूमिका है, लेकिन हरियाणा में डेयरी उद्योग (dairy industry in haryana) इन दिनों चारे और महंगाई की मार से जूझ रहा है. इस बार हरियाणा में चारे की कमी के चलते पशुपालक घाटे में जा रहे हैं. चारे का भाव पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ चुका है.
आलम ये है कि हरियाणा में डेयरी उद्योग बंद होने की कगार पर है. कई डेयरी संचालक तो काम छोड़ चुके हैं और कई छोड़ने की तैयारी में हैं. हरियाणा के करनाल और कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 300 पशुओं की डेयरी है. कुरुक्षेत्र में इस साल 20 दूध की डेयरी बंद हो चुकी है. वहीं करनाल में ये आंकड़ा 30 से 35 तक पहुंच गया है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है चारे का महंगा (animal feed shortage in haryana) होना.
पशुओं का चारा हुआ महंगा: ईटीवी भारत से बातचीत में करनाल के पशु पालक ने बताया कि जो पशुओं की सूखी तूड़ी उन्हें पहले ₹500 प्रति क्विंटल मिलती थी वो अब ₹1500 प्रति क्विंटल भी नहीं मिल रही. अगर चोकर की बात करें, तो पहले चोकर ₹3000 प्रति क्विंटल मिलता था. आज ये ₹5000 क्विंटल हो गया है. इसके अलावा बिनौला खल पिछले साल 1800 रुपये प्रति क्विंटल थी. जो अब 5000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. मतलब ये कि अब पशुओं के लिए चारे को खरीदना मुश्किल हो चुका है.
लागत ज्यादा मुनाफा ना के बराबर: अब बात अगर मुनाफे की करें तो दूध का भाव कई सालों से ₹60 से लेकर ₹65 प्रति किलो है और चारे के भाव अब सातवें आसमान पर पहुंच चुके हैं. जिससे कि पशुपालकों को बचत की जगह नुकसान हो रहा है. इसी के चलते पशुपालक डेयरियां बंद करने के मजबूर हैं. पशु पालकों ने कहा कि अगर दूध 100 रुपये प्रति लीटर हो जाए तो उन्हें कुछ फायदा हो सकता है, लेकिन ऐसा होता अभी तक को दिखाई नहीं दे रहा.
डेयरी संचालक सुमेर सिंह ने कहा कि वो पिछले 15 सालों से कुरुक्षेत्र में रहकर दूध की डेयरी चलाते आ रहे हैं, लेकिन अबकी बार उनको काफी नुकसान हुआ, जिसे उन्होंने अपने सभी पशु बेच दिए, उनके पास लगभग 2 से 3 लाख तक की भैंस थी, जिनको उन्होंने दूध के अच्छे भाव ना मिलने और पशुओं के खाने का समान महंगा होने के चलते बेच दिया. उन्होंने ही बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 100 दूध डेयरी हैं. जिनमें से 20 डेयरी बंद हो चुकी है. हरियाणा में तो सैकड़ों डेयरी बंद हो चुकी हैं.
डेयरी संचालक धर्मवीर ने कहा कि वो 5 साल से डेयरी का काम कर रहे हैं. अब की बार उन्होंने डेयरी बंद कर दी है, क्योंकि भैंसों को डालने का सारा चारा और फीड महंगी हो गई है. जिसके चलते उन्होंने ये फैसला लिया. क्योंकि वो काफी समय से घाटे में जा रहे थे. जब दूध बढ़ाने की बात करते हैं तो उस पर ग्राहक आपत्ति जाहिर करते हैं. जिसके चलते वो दूध का रेट भी नहीं बढ़ा पा रहे थे. जो सही और शुद्ध दूध ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं. उनको अब इस काम में पैसा नहीं बच रहा.
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