करनाल: करनाल सहित पूरे हरियाणा में पिछले करीब 2 सप्ताह से रुक-रुक कर बरसात हो रही है. जिसमें किसानों को फसलों में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस बरसात के साथ कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है. जिसके कारण सब्जियां पशुओं का चारा, सरसों और गेहूं की फसल खराब हो चुकी है. बरसात के साथ हवाएं भी ज्यादा तेज चलने के कारण गेहूं का खेत में ही बिछोना बन गया है. जिसमें किसानों को गेहूं की फसल में लगभग 50% नुकसान है. तो वहीं सरसों की फसल में करीब 70 से 80% नुकसान हो चुका है. लेकिन बड़ी बात यह है कि बारिश के साथ इतनी ज्यादा ओलावृष्टि होने के कारण भी कोई कृषि विभाग का कर्मचारी या अधिकारी किसानों के खेत में गिरदावरी करने के लिए अभी तक नहीं पहुंचा.
बारिश से गेहूं-सरसों बर्बाद: करनाल के किसान पवन ने बताया कि किसानों की गेहूं की फसल में दाना बन रहा है और कुछ ही समय में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो जाती. लेकिन एकदम मौके पर बरसात के कारण किसानों के पूरे 6 महीने की मेहनत पर पानी फिर गया. आलम यह है कि पिछली बरसात का पानी किसान अपने खेत से निकाल नहीं पाते तो आगे दोबारा फिर बरसात हो जाती है. ज्यादातर किसानों के खेतों में अभी पानी खड़ा हुआ है. जिसे किसानों का कहना है कि उनकी गेहूं की फसल 50% से ज्यादा ही खराब हो चुकी है.
फसल खराब, किसान परेशान: किसानों ने कहा कि इस समय खेत में नमी बनी रहेगी, जिससे गेहूं की फसल पीली पड़ने शुरू हो जाती है और उसका दाना पिचक जाता है. कुछ किसानों के तो अभी से गेहूं की फसल पीली होनी शुरू हो गई है. जिसकी तस्वीरें भी आप देख सकते हैं. जिन किसानों के खेत ज्यादा नीचे में है, उनको ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि उनको पानी निकालने के लिए भी कोई जगह नहीं मिल रही है. ऐसे में उनको ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है. फसल पूरी तरह से खेतों में बिछ गई है. खेतों में खड़ा पानी इन फसलों को बर्बाद कर रहा है. किसान इस वजह से इन दिनों काफी परेशान है और सरकार से मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.
लगातार दूसरी बार किसानों को भारी नुकसान: किसानों ने कहा कि पिछले सप्ताह की बारिश ज्यादा थी. जिसके चलते गेहूं की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है. वहीं उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसान मौजूदा समय में दूसरे किसानों से खेत ठेके पर लेकर खेती कर रहे हैं. ऐसे में उनको ज्यादा नुकसान हो रहा है. अगर पिछले सीजन की धान की बात करें तो धान में भी बरसात के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अब यह लगातार दूसरी फसल है, जिसमें किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि उन्होंने मुआवजे के लिए अप्लाई किया है. लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि उनको मुआवजा कब मिल पाता है.
किसान जल्दी से मुआवजे के लिए करें अप्लाई: जब हमने कृषि विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि बरसात के कारण करनाल का काफी क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वहीं, बरसात के 72 घंटे के अंदर किसान इस मुआवजे के लिए अप्लाई कर सकते थे. लेकिन कुछ दिन पहले ही सरकार ने 72 घंटे की समय सीमा को हटा दिया है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. वहीं अगर अभी तक की बात करें तो करीब 1700 किसानों ने कृषि विभाग में मुआवजे के लिए अप्लाई किया है. कृषि अधिकारी का कहना है कि जिस भी किसान की फसल प्रभावित हुई है और उन्होंने अभी तक अप्लाई नहीं किया. तो वह दो दिन के अंदर अप्लाई करें. ताकि समय पर उनकी गिरदावरी करवाकर उनके नुकसान की भरपाई मुआवजा देकर की जा सके.
किसान ऐसे कर सकते हैं अप्लाई: जिस किसान भाई की फसल खराब हुई है, वह मुआवजा लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर जाकर अपनी फसल की जानकारी दें. उसके बाद विभाग के पास उसकी रिपोर्ट चली जाती है और वह है जिसके सामने अपनी फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हुआ है. वह भी उसकी जानकारी क्षति पूर्ति पोर्टल पर अवश्य दें.
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'नुकसान झेल रहे सभी किसानों को मिलेगा मुआवजा': हालांकि पहले सरकार सिर्फ उन लोगों को ही मुआवजा देती थी, जिन्होंने अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ है. लेकिन कुछ दिन पहले ही सरकार का बयान आया है कि जिस भी किसान की हरियाणा में फसल खराब हुई है, उसको मुआवजा दिया जाएगा. चाहे उसने बीमा करवाया हो या नहीं. लेकिन अगर ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो ज्यादातर किसान कम पढ़े-लिखे हैं. ऐसे में वह इस पोर्टल की जानकारी को नहीं जानते. तो वह मांग करते हैं, कि खेत में जाकर ही किसान की खराब फसल की गिरदावरी करवाएं और उनको मुआवजा दे.
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