करनाल: पहले ये जान लीजिए कि करनाल के टोल प्लाजा पर हुआ क्या. दरअसल वहां से एक वीडियो आया जिसमें दिख रहा है कि पुलिस किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट (karnal farmer lathi charge) रही है. इसके बाद पूरे हरियाणा में किसान भड़क गए और उन्होंने प्रदेशभर में रोड जाम करना शुरू कर दिये, लेकिन एक और वीडियो इस बीच वायरल हुआ जिसमें करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (karnal SDM video) पुलिसकर्मियों को आदेश देते दिख रहे हैं कि मैं किसी भी हाल में किसानों को यहां नहीं देखना चाहता. अगर कोई अंदर आता है तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ये वो जगह थी जहां सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम होना था.
ये वीडियो जैसे ही वायरल हुआ किसान और ज्यादा भड़क गए. किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी भी टोल प्लाजा पर किसानों के बीच पहुंच गए और उन्होंने कहा कि इस तरह का आदेश देने वाले एसडीएम पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो लंबा आंदोलन करेंगे, उससे पहले गुरनाम चढ़ूनी ने गिरफ्तार किए गए किसानों को छोड़ने के लिए प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया था. हालांकि इसके बाद एसडीएम आयुष सिन्हा की ओर से कहा गया कि पहले किसानों ने पत्थरबाजी की थी उसके बाद ही लाठीचार्ज किया गया.
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इस पूरे मामले पर अब विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी लाठीचार्ज को लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं. उधर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे जनरल डायर जैसी कार्रवाई बताया है. पुलिस की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर किसान पुलिस पर पत्थरबाजी करेंगे और हाइवे रोकेंगे तो उन पर कार्रवाई होगी.
सीएम के इस बयान के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि मनोहर लाल ने पुलिस को पूरी छूट दे दी है कि अगर किसान कहीं भी कार्यक्रम में बाधा डालें तो उनसे सख्ती से निपटा जाये. यही वजह है कि हमेशा की तरह शांति से प्रदर्शन कर रहे करनाल टोल प्लाजा पर किसानों को बुरी तरह पीटा गया. आपको ये भी बताते चलें कि किसान हर उस जगह जाकर प्रदर्शन करते हैं जहां बीजेपी का कोई कार्यक्रम होता है. शनिवार को करनाल में भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ भी इस कार्यक्रम में शामिल थे. जिसका विरोध करने के लिए किसान टोल प्लाजा पर इकट्ठा हुए थे, लेकिन इस बार पुलिस ने किसानों पर सीधे लाठियां भांज दी. जिसके विरोध में किसानों ने पूरे प्रदेश में रोड जाम कर दिये.
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हालांकि शाम होते-होते गुरनाम चढ़ूनी ने किसानों से अपील की, कि अब सारे रोड खोल दिये जाएं और प्रशासन ने भी उन किसानों को रिहा कर दिया जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी लग रहा है कि ये बात यहीं नहीं रुकेगी क्योंकि किसान भी काफी मुखर दिख रहे हैं और सरकार भी डंडा चलाने के मूड में है.