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करनाल: सरकार के खिलाफ आशा वर्कर्स ने खोला मोर्चा, बीजेपी की रैली में डालेंगे बाधा - karnal asha workers protest

करनाल में आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. आशा वर्कर्स का कहना है कि सरकार सिर्फ आश्वासन देती है वादा पूरा नहीं करती है.

asha workers protest against haryana govt in karnal
asha workers protest against haryana govt in karnal
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Published : Oct 8, 2020, 10:53 PM IST

करनाल: जिले की पुरानी सब्जी मंडी में इकठ्ठे होकर आशा वर्कर्स ने अपनी आवाज सरकार के खिलाफ बुलंद की. पूरे हरियाणा से इस आक्रोश रैली में आशा वर्कर्स की पदाधिकारी वहां पहुंचे और चेतावनी दी कि यदि मांगों पर सरकार ने धयान नहीं दिया तो सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

बता दें कि सरकार के खिलाफ आशा वर्कर्स करनाल और उसके आसपास के जिलों से करनाल स्थित पुरानी सब्जी मंडी में पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारियों में जुटे. आशा वर्कर्स का कहना है कि उनकी मांगों पर सरकार लंबे वक्त से विचार नहीं कर रही हैं. सरकार और स्वास्थ्य मंत्री महज आश्वासन देते हैं. लेकिन उस पर कुछ अमल नहीं करते.

हरियाणा सरकार के खिलाफ आशा वर्कर्स ने खोला मोर्चा, देखें वीडियो

इसलिए सरकार को नींद से जगाने के लिए आज करनाल में आशा वर्कर्स इक्कठी हुई है. आशा वर्कर्स की मांगें हैं कि आशा वर्कर्स और एनएचएम को स्थाई किया जाए, न्यूनतम वेतन और जोखिम भत्ता लागू किया जाए. प्रोत्साहन राशि में कटौती वापस करें, स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत की जाएं और ऐसी तमाम मांगें हैं जिसको लेकर सरकार के सामने कई बार आवाज उठा चुकी है.

रोष प्रदर्शन स्थल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रतिनिधि संजय बठला आशा वर्कर्स से मिलने और उन्हें समझाने पहुंचे. संजय बठला की तरफ से आशा वर्कर्स के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने का समय 20 अक्टुबर को मिल गया है.

ये भी पढ़ें- पलवल: अधर में एलिवेटिड पुल का निर्माण, 10 महीनों से बंद पड़ा है काम

गौरतलब है कि कोविड के दौरान सबसे ज़्यादा काम करती हुई नजर आशा वर्कर्स ही आ रही थी जिनको कोरोना यौद्धा का नाम भी दिया गया. अब आशा वर्कर्स ने चेतावनी दे दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो 22 अक्तूबर को गोहाना में रैली करेंगे और बरोदा उपचुनाव में जाकर सरकार के खिलाफ भी जाकर प्रचार करेगी.

करनाल: जिले की पुरानी सब्जी मंडी में इकठ्ठे होकर आशा वर्कर्स ने अपनी आवाज सरकार के खिलाफ बुलंद की. पूरे हरियाणा से इस आक्रोश रैली में आशा वर्कर्स की पदाधिकारी वहां पहुंचे और चेतावनी दी कि यदि मांगों पर सरकार ने धयान नहीं दिया तो सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

बता दें कि सरकार के खिलाफ आशा वर्कर्स करनाल और उसके आसपास के जिलों से करनाल स्थित पुरानी सब्जी मंडी में पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारियों में जुटे. आशा वर्कर्स का कहना है कि उनकी मांगों पर सरकार लंबे वक्त से विचार नहीं कर रही हैं. सरकार और स्वास्थ्य मंत्री महज आश्वासन देते हैं. लेकिन उस पर कुछ अमल नहीं करते.

हरियाणा सरकार के खिलाफ आशा वर्कर्स ने खोला मोर्चा, देखें वीडियो

इसलिए सरकार को नींद से जगाने के लिए आज करनाल में आशा वर्कर्स इक्कठी हुई है. आशा वर्कर्स की मांगें हैं कि आशा वर्कर्स और एनएचएम को स्थाई किया जाए, न्यूनतम वेतन और जोखिम भत्ता लागू किया जाए. प्रोत्साहन राशि में कटौती वापस करें, स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत की जाएं और ऐसी तमाम मांगें हैं जिसको लेकर सरकार के सामने कई बार आवाज उठा चुकी है.

रोष प्रदर्शन स्थल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रतिनिधि संजय बठला आशा वर्कर्स से मिलने और उन्हें समझाने पहुंचे. संजय बठला की तरफ से आशा वर्कर्स के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने का समय 20 अक्टुबर को मिल गया है.

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गौरतलब है कि कोविड के दौरान सबसे ज़्यादा काम करती हुई नजर आशा वर्कर्स ही आ रही थी जिनको कोरोना यौद्धा का नाम भी दिया गया. अब आशा वर्कर्स ने चेतावनी दे दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो 22 अक्तूबर को गोहाना में रैली करेंगे और बरोदा उपचुनाव में जाकर सरकार के खिलाफ भी जाकर प्रचार करेगी.

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