करनाल: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां किसान कृषि के साथ पशुपालन भी बड़े स्तर पर करते हैं. जिसके चलते पूरे विश्व में दूध उत्पादन में भारत नंबर वन पर शुमार है. लेकिन नंबर वन बनने के लिए जहां पशुपालक दिन रात मेहनत करते हैं, तो वही सरकार के साथ मिलकर पशुपालन विभाग भी इसके ऊपर काम कर रहा है. इसी कड़ी में पशुपालन विभाग की तरफ से हरियाणा में मुखुर और गलघोटू की बीमारी की वैक्सीन (animal vaccination in haryana) लगानी शुरू की गई है.
करनाल के पशुपालन विभाग के वेटरनरी सर्जन डॉक्टर तरसेम राणा ने कहा कि करनाल जिले के लिए 3 लाख 50 हजार वैक्सीन के टीके पहुंच चुके हैं. करनाल में लगभग 4 लाख से ऊपर पशु हैं. जिनको मुंह-खुर और गलघोंटू की वैक्सीन लगाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि वैक्सीन अभियान आज से शुरू हो चुका है. केंद्र और हरियाणा सरकार के संयुक्त प्रयास से ये वैक्सीन अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में मुंह-खुर और गलघोंटू बीमारी के लिए दो अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं.
जबकि हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर मुंह खुर और गलघोटू बीमारी (venereal disease in karnal) का एक ही टीका इजाद किया गया है. जो हमारे हरियाणा के लिए काफी गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि मुंह खुर एक ऐसी बीमारी है. जिसमें पशु के मुंह में छाले पड़ जाते हैं और जो पशु के पैरों के खुर होते हैं वो भी खराब हो जाते हैं. जिसके चलते वो खा पी नहीं पाते. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं हुआ तो पशु के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
अगर कोई दुधारू पशु इसकी चपेट में आ जाए तो उसके दूध की काफी औसत कम हो जाती है. डॉक्टर तरसेम राणा ने गलघोंटू बीमारी पर कहा कि गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है. अगर समय रहते पशुपालक अपने पशुओं का इलाज ना कराएं तो उसमें पशु की मौत तक हो जाती है, तो ऐसे में इन दोनों गंभीर बीमारियों के लिए पशुपालन विभाग की तरफ से वैक्सीन अभियान शुरू किया गया है. पूरे हरियाणा में हर एक पशु को ये टीका लगाया जाएगा, ताकि इन बीमारियों से हमारे पशु को बचाया जा सके.
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