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करनाल: सरकार का चावल वापस ना लौटाने पर 16 राइस मिलों की होगी कुर्की

करनाल जिले में 34 डिफॉल्टर राइस मिलर्स में से 32 राइस मिलर्स की प्रोपर्टी अटैच करवाई जा चुकी है. जिले में 34 राइस मिलरों पर लगभग 200 करोड़ रुपये बकाया खड़ा है. इनमें से 16 राइस मिलों के कुर्की के ऑर्डर निकाल दिए गए हैं.

Karnal Rice Mill Attachment Order
Karnal Rice Mill Attachment Order
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Published : Dec 21, 2020, 4:46 PM IST

करनाल: जिले में करोड़ों रुपये के चावल घोटाले को लेकर पहली बार बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. सीएमआर का चावल नहीं लौटाने वाले 15 राइस मिलों की कुर्की के ऑर्डर निकाल दिए गए हैं. डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) को नीलामी करवाने की फाइल भेजी गई है. ये मिलर सरकार का करीब 60 करोड़ 48 लाख 58 हजार रुपये का चावल डकार गए हैं. इनसे रिकवरी नहीं होने के चलते प्रशासन की तरफ से इनकी प्रोपर्टी बेचकर राशि पूरी करने की कार्रवाई की जाएगी.

34 राइस मिलों पर 200 करोड़ रुपये बकाया

करनाल जिले में राइस मिलर्स को डिफॉल्टर करवाने में संबंधित अधिकारियों की संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जिन मिलों की वो 15 से 20 दिन में फिजिकल वेरिफिकेशन करके रिपोर्ट देते थे. ऐसे में सरकार से अलॉट किया गया धान अचानक कैसे गायब हो गया. सरकार ने इस घोटाले को गंभीरता से नहीं लिया और राइस मिल डिफॉल्टर होते गए. 34 राइस मिलरों पर 200 करोड़ रुपये का चावल बकाया.

सरकार का चावल वापस ना लौटाने पर 16 राइस मिलों की होगी कुर्की, देखें वीडियो

साल 2013-14 में 16 मिलर्स, साल 2014-15 में 6 मिल, साल 2015-16 में 4 मिल, वर्ष 2016-17 में एक मिल, वर्ष 2017-18 में 3 मिल, वर्ष 2019-20 में 4 मिलर्स डिफॉल्टर हुए हैं. जिन्होंने सीएमआर का चावल नहीं लौटाया है. जिले में 34 डिफॉल्टर राइस मिलर्स में से 32 राइस मिलर्स की प्रोपर्टी अटैच करवाई जा चुकी है. जिले में 34 राइस मिलरों पर लगभग 200 करोड़ रुपये बकाया खड़ा है. इनमें से 16 राइस मिलों के कुर्की के ऑर्डर निकाल दिए गए हैं.

ये भी पढे़ं- करनाल में साढ़े 3 करोड़ रुपये का चावल घोटाला, 5 राइस मिलों पर कसा शिकंजा

सरकार की तरफ से जो धान खरीदा जाता है, उसको चिन्हित राइस मिलों को चावल उपलब्ध करवाने के लिए अलॉट किया जाता है. धान अलॉट का 67 प्रतिशत चावल देना होता है यानि 100 किलोग्राम धान लेने पर 67 किलोग्राम चावल देना होता है. जो ये चावल नहीं देते उनको डिफॉल्टर किया जाता है.

इन मिलों की हुई कुर्की

  • गणपति एग्रो फूड निसिंग
  • जीआर इंटरनेशनल निसिंग
  • गोयल ओवरसिज निसिंग
  • अक्षर ओवरसिज तरावड़ी
  • एलआर इंटरनेशनल निसिंग
  • शर्मा एग्रो फूड जुंडला
  • डीएम फूड निसिंग
  • भगवती एग्रो फूड निसिंग
  • मैं. कृष्णा फूड काछवा
  • अपूर्णा एग्रो फूड करनाल
  • आशीर्वाद फूड करनाल
  • दीपक राइस मिल काछवा
  • महाबीर सीरियल नीलोखेड़ी
  • अक्षर ओवरसीज तरावड़ी
  • रामदेव इंटरनेशनल करनाल

डीसी निशांत कुमार यादव करनाल ने कहा कि 15 राइस मिलरों की कुर्कीकी गई है. इनकी नीलामी करने के लिए जिला राजस्व अधिकारी के पास फाइल भेजी गई है. सीएमआर का चावल नहीं लौटाने वाले मिलरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डिफॉल्टर्स मिलों को नोटिस जारी करके रिकवरी जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. जो रिकवरी जमा नहीं करवाएगा, उनके मिलों पर भी नियमों के तहत कुरकी की जाएगी.

करनाल: जिले में करोड़ों रुपये के चावल घोटाले को लेकर पहली बार बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. सीएमआर का चावल नहीं लौटाने वाले 15 राइस मिलों की कुर्की के ऑर्डर निकाल दिए गए हैं. डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) को नीलामी करवाने की फाइल भेजी गई है. ये मिलर सरकार का करीब 60 करोड़ 48 लाख 58 हजार रुपये का चावल डकार गए हैं. इनसे रिकवरी नहीं होने के चलते प्रशासन की तरफ से इनकी प्रोपर्टी बेचकर राशि पूरी करने की कार्रवाई की जाएगी.

34 राइस मिलों पर 200 करोड़ रुपये बकाया

करनाल जिले में राइस मिलर्स को डिफॉल्टर करवाने में संबंधित अधिकारियों की संलिप्ता से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि जिन मिलों की वो 15 से 20 दिन में फिजिकल वेरिफिकेशन करके रिपोर्ट देते थे. ऐसे में सरकार से अलॉट किया गया धान अचानक कैसे गायब हो गया. सरकार ने इस घोटाले को गंभीरता से नहीं लिया और राइस मिल डिफॉल्टर होते गए. 34 राइस मिलरों पर 200 करोड़ रुपये का चावल बकाया.

सरकार का चावल वापस ना लौटाने पर 16 राइस मिलों की होगी कुर्की, देखें वीडियो

साल 2013-14 में 16 मिलर्स, साल 2014-15 में 6 मिल, साल 2015-16 में 4 मिल, वर्ष 2016-17 में एक मिल, वर्ष 2017-18 में 3 मिल, वर्ष 2019-20 में 4 मिलर्स डिफॉल्टर हुए हैं. जिन्होंने सीएमआर का चावल नहीं लौटाया है. जिले में 34 डिफॉल्टर राइस मिलर्स में से 32 राइस मिलर्स की प्रोपर्टी अटैच करवाई जा चुकी है. जिले में 34 राइस मिलरों पर लगभग 200 करोड़ रुपये बकाया खड़ा है. इनमें से 16 राइस मिलों के कुर्की के ऑर्डर निकाल दिए गए हैं.

ये भी पढे़ं- करनाल में साढ़े 3 करोड़ रुपये का चावल घोटाला, 5 राइस मिलों पर कसा शिकंजा

सरकार की तरफ से जो धान खरीदा जाता है, उसको चिन्हित राइस मिलों को चावल उपलब्ध करवाने के लिए अलॉट किया जाता है. धान अलॉट का 67 प्रतिशत चावल देना होता है यानि 100 किलोग्राम धान लेने पर 67 किलोग्राम चावल देना होता है. जो ये चावल नहीं देते उनको डिफॉल्टर किया जाता है.

इन मिलों की हुई कुर्की

  • गणपति एग्रो फूड निसिंग
  • जीआर इंटरनेशनल निसिंग
  • गोयल ओवरसिज निसिंग
  • अक्षर ओवरसिज तरावड़ी
  • एलआर इंटरनेशनल निसिंग
  • शर्मा एग्रो फूड जुंडला
  • डीएम फूड निसिंग
  • भगवती एग्रो फूड निसिंग
  • मैं. कृष्णा फूड काछवा
  • अपूर्णा एग्रो फूड करनाल
  • आशीर्वाद फूड करनाल
  • दीपक राइस मिल काछवा
  • महाबीर सीरियल नीलोखेड़ी
  • अक्षर ओवरसीज तरावड़ी
  • रामदेव इंटरनेशनल करनाल

डीसी निशांत कुमार यादव करनाल ने कहा कि 15 राइस मिलरों की कुर्कीकी गई है. इनकी नीलामी करने के लिए जिला राजस्व अधिकारी के पास फाइल भेजी गई है. सीएमआर का चावल नहीं लौटाने वाले मिलरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डिफॉल्टर्स मिलों को नोटिस जारी करके रिकवरी जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. जो रिकवरी जमा नहीं करवाएगा, उनके मिलों पर भी नियमों के तहत कुरकी की जाएगी.

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