कैथल में चल रहा राजपूत और गुर्जर विवाद पर अब हाई कोर्ट पहुंच चुका है. इस पूरे विवाद को लेकर राजपूत समाज ने चंडीगढ़ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिका में राजपूत समाज ने सम्राट मिहिर भोज को अपना वंशज बताया है. अब इस केस की सुनवाई 3 अगस्त को होनी है. जिसमें हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर गुर्जर समाज को भी तलब किया है. इस मुद्दे पर बुधवार को कैथल की धर्मशाला में सैकड़ों की संख्या में गुर्जर समाज के लोगों ने बैठक की.
गुर्जर समाज ने की बैठक: गुर्जर समाज के नेता राव गौतम ने बताया कि गुर्जर समाज ने कैथल की गुर्जर धर्मशाला में बैठक का आयोजन किया था. जिसमें कैथल जिले के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में फैसला किया गया है कि दो समुदाय के बीच जो विवाद हुआ. उस पर विराम लगाने के लिए अब कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. गुर्जर समाज की तरफ से संबंधित तथ्य कोर्ट के सामने रखे जाएंगे. आखिर में कोर्ट जो फैसला करेगा, वहीं मंजूर होगा.
दो समितियों का गठन: इसके साथ ही गुर्जर समाज ने दो कमेटियों का गठन किया है. पहली कमेटी का नाम "समन्वय समिति" रखा गया है जिसमें कुल 11 सदस्य रहेंगे. इस कमेटी की अध्यक्षता कैथल से बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी रहे राव सुरेंद्र करेंगे. जिसका काम राजपूत समाज के साथ समन्वय बना और आपसी भाईचारे के साथ विवाद को निपटाने का रहेगा. ये समिति जल्द ही राजपूत समाज के प्रतिनिधित्व कर रहे मौजीज व्यक्तियों के साथ बैठक करेगी.
वहीं दूसरी कमेटी का नाम "कानूनी समिति" रखा गया है. जिसमें कुल 6 सदस्य होंगे. इसकी अध्यक्षता प्रेम सिंह ढांड (पूर्व एचसीएस) करेंगे. इस समिति का काम इस विवाद को कानूनी रूप से निपटने का रहेगा. जो केस चंडीगढ़ हाई कोर्ट में चल रहा है. उसमें तथ्यों के साथ केस की पैरवी करेगी. राव गौतम ने बताया कि राजपूत समाज ने पूरे विवाद को लेकर चंडीगढ़ हाई कोर्ट में याचिका डाली है. जिस पर 3 अगस्त को सुनवाई होनी है.
'हाई कोर्ट का फैसला होगा सर्वमान्य': अब गुर्जर समाज के अधिवक्ता कोर्ट में अपने तथ्य पेश करेगा और उसके बाद हाई कोर्ट द्वारा इस मूर्ति अनावरण विवाद में जो निर्णय दिया जाएगा. वो पूरे समाज को सर्वमान्य होगा. राव गौतम ने कहा कि दोनों समाज में से जो कोई भी शरारती तत्व सोशल मीडिया पर समाज को भड़काने या एक दूसरे को नीचा दिखाने वाली वीडियो या अन्य सामग्री डालेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि 20 जुलाई को कैथल में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. कैथल के ढांड चौक पर लगी मिहिर भोज की प्रतिमा के आगे गुर्जर प्रतिहार सम्राट लिखा हुआ है. गुर्जर समाज के लोगों का दावा है कि मिहिर भोज उनके पूर्वज थे. वहीं दूसरी तरफ राजपूत समाज के लोग मिहिर भोज पर अपना दावा ठोंक रहे हैं. राजपूत नेताओं का कहना है कि मिहिर भोज राजपूत राजा थे. इसलिए उनके नाम के आगे केवल हिंदू लिखा जाए.