कैथल: नौकली बहाली की मांग को लेकर कैथल के लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे पीटीआई टीचर्स को समर्थन देने कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला धरनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान सुरजेवाला ने सरकार से टीचर्स की बहाली की मांग की, साथ ही सरकार पर जमकर निशाना साधा.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल, 2020 के निर्णय के बाद 1,983 पीटीआई टीचर्स को नौकरी से बर्खास्त करना 2,000 परिवारों के पेट पर असंवेदनशील तरीके से लात मारना है. इन पीटीआई टीचर्स ने 10 साल से ज्यादा प्रदेश में निस्वार्थ सेवा की है. 30 शिक्षक पूर्व सैनिक हैं, जिनमें गैलेंट्री अवार्ड प्राप्त दिलबाग जाखड़ भी शामिल हैं. जिन्होंने पूंछ में 7 उग्रवादियों को मार गिराया था. 34 टीचर कैंसर, ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारी से पीड़ित हैं, जबकि 39 शिक्षकों की मृत्यु तक हो चुकी है.
सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में न तो पीटीआई चयन प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार पाया गया और न ही किसी भी चयपित पीटीआई टीचर द्वारा कोई द्वेषपूर्ण किया गया कार्य पाया गया, लेकिन इस निर्णय के बाद 1,983 पीटीआई टीचर्स की बर्खास्तगी से इनके और इनके परिवारों के सपने और भविष्य पूरी तरह से धराशायी हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार का काम नौकरी देना है, नौकरी छीनना नहीं. खासतौर से तब, जब चयन प्रक्रिया में न तो कोई भ्रष्टाचार पाया गया और न ही चयनित पीटीआई अध्यापकों का कोई कसूर पाया गया. ऐसे में चयन प्रक्रिया संपूर्ण करने वाली एजेंसी की खामियों की सजा जिंदगी के इस पड़ाव पर पहुंचे इन 1983 पीटीआई अध्यापकों को क्यों मिले?
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सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि फौरन अध्यादेश लाकर इन पीटीआई टीचर्स को नौकरी में रखा जाए और इस अध्यादेश को विधानसभा से बाद में पारित करवाकर कानून की शक्ल दी जाए.