चंडीगढ़: नगर निगम चंडीगढ़ में मेयर चुनाव 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में आदेश दिया कि चंडीगढ़ नगर निगम के लिए मेयर का चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होगा. ये आदेश चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार की ओर से गुरुवार को दायर की गयी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद जारी किया.
3 मुद्दे पर हाईकोर्ट गये थे मेयरः बता दें कि चंडीगढ़ के मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार ने अधिसूचना जारी होने के बाद हाईकोर्ट में तीन मुद्दों को आधार बनाकर याचिका डाला था. याचिका में कहा गया कि 2024 में मेयर चुनाव के दौरान हुई धांधली को देखते हुए वे कुछ मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. कुलदीप कुमार ने हाईकोर्ट में मेयर चुनाव के दौरान सीसीटीवी कैमरे के तहत रिकॉर्डिंग करने का मुद्दा उठाया, दूसरा मुद्दा गुप्त चुनाव यानी बैलेट पेपर से होने वाली वोटिंग की जगह हाथ खड़े करके वोट करने का अधिकार देना और तीसरा मेयर के कार्यकाल को पूरा होने देने के बाद चुनाव कराने का था.
हाईकोर्ट के आदेश पर 24 जनवरी का चुनावी कार्यक्रम रद्दः चंडीगढ़ के मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार द्वारा हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ में महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के लिए 24 जनवरी को होने वाले चुनाव कार्यक्रम को रद्द कर दिया.
29 जनवरी के बाद होगा मेयर का चुनावः हाईकोर्ट के जज सुरेश्वर ठाकुर और जज विकास सूरी की बेंच ने आदेश दिया कि चुनाव 29 जनवरी के बाद ही कराए जाएं, क्योंकि वर्तमान महापौर कुलदीप कुमार का कार्यकाल उस तिथि तक जारी है. कुलदीप कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील गुरमिंदर सिंह द्वारा दायर रिट याचिका के जवाब में जारी किया गया. न्यायालय ने इस तर्क में योग्यता पाई कि मौजूदा महापौर का कार्यकाल पूरा होने से पहले चुनाव कराना कानूनी रूप से गलत है. इस कारण 29 जनवरी तक महापौर का कार्यकाल बढ़ाया गया.
मेयर का कार्यकाल 29 जनवरी बढ़ाः वहीं हाई कोर्ट ने 20 जनवरी को याचिका की सुनवाई करते हुए 24 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव को रद्द कर दिया. इसके साथ ही मौजूदा मेयर कुलदीप कुमार का कार्यकाल बढ़कर 29 जनवरी तक कर दिया गया. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया कि डिप्टी कमिश्नर चुनाव को लेकर दोबारा अधिसूचना जारी करेंगे.
कैमरे की निगरानी में होगा चुनावः 20 जनवरी को ही हाईकोर्ट ने सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि चुनाव कैमरा की निगरानी में कराए जाएंगे. इसके साथ ही गुप्त तौर पर होने वाले चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का कहना था कि यह फैसला एडमिनिस्ट्रेशन लेवल का है. अगर एडमिनिस्ट्रेशन ही नहीं चाहता हाथ खड़े कर चुनाव करवाए जाएं तो ऐसे फैसले में हाईकोर्ट कुछ नहीं कर सकता. इस मुद्दे को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया गया.
27 जनवरी को पर्यवेक्षक के लिए जारी होगा नोटिफिकेशनः वहीं हाईकोर्ट से निराश होकर आम आदमी पार्टी के मेयर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके संबंध में 23 जनवरी को सुनवाई करते हुए याचिका दायर की गई. मेयर के वकील ने पारदर्शिता और निष्पक्षता के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए चंडीगढ़ प्रशासन को चुनाव के दौरान मतदान के लिए "हाथ उठाकर मतदान" पद्धति का उपयोग करने पर विचार करने की याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि वे 30 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक रिटायर्ड HC जज को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने के लिए भी नोटिस जारी करेंगे. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 27 जनवरी, 2025 को नोटिस जारी करेगा.