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कैथल से कुरुक्षेत्र के बीच बने 4 हाल्ट पर 5 महीने से बंद पड़े टिकट काउंटर

कैथल जिले से कुरुक्षेत्र के बीच पड़ने वाले चार हाल्ट पर टिकट काउंटर बंद पड़े हैं. इससे रेलवे को काफी घाटा हो रहा है साथ ही आम लोगों को भी परेशानी हो रही है.

no ticket counter on four halt in kaithal
no ticket counter on four halt in kaithal
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Published : Jan 1, 2020, 8:44 PM IST

कैथल: जिले से कुरुक्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव ग्योंग, टीक, पबनावा और पिण्डारसी में बने रेलवे हाल्ट पर पिछले 5 महीने से टिकट काउंटर बंद पड़े हैं. चारों हाल्ट से सीधे तौर पर करीब 20 गांव जुड़े हुए हैं. सैकड़ों यात्री रोजाना कुरुक्षेत्र से जींद और जींद से कुरुक्षेत्र जाने के लिए सफर करते हैं चारों हाल्ट पर ही रेलवे को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

अधिकारियों को नुकसान के बारे में जानकारी होने के बाद भी वे पिछले 5 महीने से समस्या के समाधान में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इन हाल पर टिकट काउंटर बंद होने से रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अधिकतर यात्री तो बिना टिकट यात्रा करते हैं और कुछ यात्री रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों से टिकट लेते हैं लेकिन कई बार टिकट के चक्कर में यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है.

कैथल से कुरुक्षेत्र के बीच बने 4 हाल्ट पर 5 महीने से बंद पड़े टिकट काउंटर, देखें वीडियो

गांव टीक स्टेशन पर खड़े यात्री ब्रोट निवासी मामू राम का कहना है कि उनके साथ 8 सवारियां हैं. उनको उचाना जाना है. हाल्ट पर टिकट नहीं मिलने से अब वे कैथल या कलायत से टिकट लेने को मजबूर हैं, लेकिन टिकट मिलेगा या नहीं ये भी भीड़ और ट्रेन के रुकने पर निर्भर करता है.

टिकट न मिलने से परेशान यात्री

एक बार तो उनकी टीटी के साथ झड़प भी हो गई थी. हाल्ट पर टिकट काउंटर नहीं होना उनका दोष नहीं है. टीक निवासी सुनील दत्त का कहना है कि पिछले कई महीने से टिकट काउंटर नहीं है और उन्हें रोजाना यात्रा के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है. अब बिना टिकट यात्रा करनी पड़ेगी और टिकट नहीं होने से रास्ते में चेकिंग होने का भी डर बना रहता है.

यात्रियों की कम संख्या है रेलवे हाल्ट बंद होने का कारण

रेलवे की ओर से हाल्ट पर टिकट वितरण का कार्य तीन-तीन सास के ठेके पर दिया जाता है. ठेकेदार को नियम और शर्तें माननी पड़ती है और उनका टिकट बिक्री पर निर्धारित कमीशन दिया जाता है लेकिन चारों हाल्ट पर यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ठेकेदार को कमीशन के रूप में अच्छी आए नहीं होने से वे ठेका बीच में छोड़ देते हैं या फिर टिकट वितरण अपनी मनमर्जी से करते हैं. चारों हाल्ट पर ठेकेदारों ने समय से पहले ठेका छोड़ दिया था और जिसके कारण टिकट काउंटर बंद पड़े हैं.

कुरुक्षेत्र से टिकट लाना भी बड़ी समस्या है

ठेकेदारों को हर्ट पर टिकट वितरण के लिए कुरुक्षेत्र कार्यालय से टिकट लाने पड़ते हैं ठेकेदार ज्यादा आय नहीं होने से एडवांस में टिकट नहीं खरीदे और कई बार कार्यालय में 1 दिन से ज्यादा टिकट छापने में भी देरी हो जाती है ठेकेदारों को कई कई घंटों तक कार्यालय में टिकट के लिए इंतजार करना पड़ता है.

टिकट नहीं होने के कारण कैथल हाल्ट पर बंद काउंटर

कैथल बस स्टैंड के पास बने नए हाल्ट के टिकट काउंटर पर कई बार टिकते नहीं होती. टिकट नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण टिकटें कुरुक्षेत्र से लेकर आनी पड़ती है. ठेकेदार मनदीप गोयत ने का कहना है कि वे रोजाना सुबह टिकट लाने के लिए पहले बाइक पर कुरुक्षेत्र जाते हैं, टिकट छापने में लगने वाले समय के कारण उन्हें टिकट देने में देरी हो जाती है और कई बार टिकट मिल नहीं पाते टिकट नहीं मिलने के कारण कई बार काउंटर बंद रहता है.

ये भी पढ़ें:-बिना सब्सिडी के सिलिंडर की कीमतों में 19 रुपये की बढ़ोतरी

जब रेलवे के अधिकारी विनोद कुमार से फोन पर बात की गई उन्होंने कहा कि हाल्ट पर रेलवे को आय काम होने से ये समस्या हो रही है. ठेकेदार भी यात्री कम होने से ठेके बीच में ही छोड़ रहे हैं. इससे रेलवे को भी नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. दोबारा नए सिरे से ठेके देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. इसी सप्ताह ठेके अलॉट कर चारों हाल्ट पर टिकट काउंटर खोल दिए जाएंगे.

कैथल: जिले से कुरुक्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव ग्योंग, टीक, पबनावा और पिण्डारसी में बने रेलवे हाल्ट पर पिछले 5 महीने से टिकट काउंटर बंद पड़े हैं. चारों हाल्ट से सीधे तौर पर करीब 20 गांव जुड़े हुए हैं. सैकड़ों यात्री रोजाना कुरुक्षेत्र से जींद और जींद से कुरुक्षेत्र जाने के लिए सफर करते हैं चारों हाल्ट पर ही रेलवे को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

अधिकारियों को नुकसान के बारे में जानकारी होने के बाद भी वे पिछले 5 महीने से समस्या के समाधान में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इन हाल पर टिकट काउंटर बंद होने से रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अधिकतर यात्री तो बिना टिकट यात्रा करते हैं और कुछ यात्री रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों से टिकट लेते हैं लेकिन कई बार टिकट के चक्कर में यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है.

कैथल से कुरुक्षेत्र के बीच बने 4 हाल्ट पर 5 महीने से बंद पड़े टिकट काउंटर, देखें वीडियो

गांव टीक स्टेशन पर खड़े यात्री ब्रोट निवासी मामू राम का कहना है कि उनके साथ 8 सवारियां हैं. उनको उचाना जाना है. हाल्ट पर टिकट नहीं मिलने से अब वे कैथल या कलायत से टिकट लेने को मजबूर हैं, लेकिन टिकट मिलेगा या नहीं ये भी भीड़ और ट्रेन के रुकने पर निर्भर करता है.

टिकट न मिलने से परेशान यात्री

एक बार तो उनकी टीटी के साथ झड़प भी हो गई थी. हाल्ट पर टिकट काउंटर नहीं होना उनका दोष नहीं है. टीक निवासी सुनील दत्त का कहना है कि पिछले कई महीने से टिकट काउंटर नहीं है और उन्हें रोजाना यात्रा के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है. अब बिना टिकट यात्रा करनी पड़ेगी और टिकट नहीं होने से रास्ते में चेकिंग होने का भी डर बना रहता है.

यात्रियों की कम संख्या है रेलवे हाल्ट बंद होने का कारण

रेलवे की ओर से हाल्ट पर टिकट वितरण का कार्य तीन-तीन सास के ठेके पर दिया जाता है. ठेकेदार को नियम और शर्तें माननी पड़ती है और उनका टिकट बिक्री पर निर्धारित कमीशन दिया जाता है लेकिन चारों हाल्ट पर यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ठेकेदार को कमीशन के रूप में अच्छी आए नहीं होने से वे ठेका बीच में छोड़ देते हैं या फिर टिकट वितरण अपनी मनमर्जी से करते हैं. चारों हाल्ट पर ठेकेदारों ने समय से पहले ठेका छोड़ दिया था और जिसके कारण टिकट काउंटर बंद पड़े हैं.

कुरुक्षेत्र से टिकट लाना भी बड़ी समस्या है

ठेकेदारों को हर्ट पर टिकट वितरण के लिए कुरुक्षेत्र कार्यालय से टिकट लाने पड़ते हैं ठेकेदार ज्यादा आय नहीं होने से एडवांस में टिकट नहीं खरीदे और कई बार कार्यालय में 1 दिन से ज्यादा टिकट छापने में भी देरी हो जाती है ठेकेदारों को कई कई घंटों तक कार्यालय में टिकट के लिए इंतजार करना पड़ता है.

टिकट नहीं होने के कारण कैथल हाल्ट पर बंद काउंटर

कैथल बस स्टैंड के पास बने नए हाल्ट के टिकट काउंटर पर कई बार टिकते नहीं होती. टिकट नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण टिकटें कुरुक्षेत्र से लेकर आनी पड़ती है. ठेकेदार मनदीप गोयत ने का कहना है कि वे रोजाना सुबह टिकट लाने के लिए पहले बाइक पर कुरुक्षेत्र जाते हैं, टिकट छापने में लगने वाले समय के कारण उन्हें टिकट देने में देरी हो जाती है और कई बार टिकट मिल नहीं पाते टिकट नहीं मिलने के कारण कई बार काउंटर बंद रहता है.

ये भी पढ़ें:-बिना सब्सिडी के सिलिंडर की कीमतों में 19 रुपये की बढ़ोतरी

जब रेलवे के अधिकारी विनोद कुमार से फोन पर बात की गई उन्होंने कहा कि हाल्ट पर रेलवे को आय काम होने से ये समस्या हो रही है. ठेकेदार भी यात्री कम होने से ठेके बीच में ही छोड़ रहे हैं. इससे रेलवे को भी नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. दोबारा नए सिरे से ठेके देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. इसी सप्ताह ठेके अलॉट कर चारों हाल्ट पर टिकट काउंटर खोल दिए जाएंगे.

Intro:कैथल से कुरुक्षेत्र के बीच गांव गेहूं टीक पबनावा विपिन डार्सी में बने हालत पर पिछले 5 महीने से बंद पड़े हैं टिकट काउंटर
रेलवे में बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्री
रेलवे को हर महीने हो रहा लाखों का नुकसान


Body:कैथल से कुरुक्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव ग्योंग, टीक, पबनावा व पिण्डारसी मैं बने रेलवे हाल्ट पर पिछले 5 महीने से टिकट काउंटर बंद पड़े हैं और चारों हाल्ट से सीधे तौर पर करीब 20 गांव जुड़े हुए हैं। सैकड़ों यात्री रोजाना कुरुक्षेत्र से जींद व जींद से कुरुक्षेत्र जाने के लिए सफर करते हैं चारों हाल्ट पर ही रेलवे को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। अधिकारियों को नुकसान के बारे में जानकारी होने के बाद भी वे पिछले 5 महीने से समस्या के समाधान में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। इन हाल पर टिकट काउंटर बंद होने से रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है । अधिकतर यात्री तो बिना टिकट यात्रा करते हैं और कुछ यात्री रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों से टिकट लेते हैं लेकिन कई बार टिकट के चक्कर में यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है। गांव टीक स्टेशन पर खड़े यात्री ब्रोट निवासी मामू राम ने बताया उनके साथ 8 सवारियां हैं और उचाना जाना है हाल्ट पर टिकट नहीं मिलने से अब वे कैथल या कलायत से टिकट लेने को मजबूर है। लेकिन टिकट मिलेगा या नहीं यह भी भीड़ और ट्रेन के रुकने पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया एक बार तो चेकर कि उनके साथ झड़प भी हो गई थी। टीक से कुरुक्षेत्र तक उनका पूरा किराया देने को तैयार थे लेकिन वह जुर्माना लेने पर अड़े थे। जबकि हाल्ट पर टिकट काउंटर नहीं होना उनका दोष नहीं है। टीक निवासी सुनील दत्त ने बताया कि पिछले कई महीने से टिकट काउंटर नहीं है और उन्हें रोजाना यात्रा के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है। अब बिना टिकट यात्रा करनी पड़ेगी और टिकट नहीं होने से रास्ते में चेकिंग होने का भी डर बना रहता है।


Conclusion:यात्रियों की कम संख्या है रेलवे हाल्ट बंद होने का कारण

रेलवे द्वारा हाल्ट पर टिकट वितरण का कार्य तीन-तीन वर्ष के लिए ठेके पर दिया जाता है। ठेकेदार को नियम व शर्तें माननी पड़ती है और उनका टिकट बिक्री पर निर्धारित कमीशन दिया जाता है लेकिन चारों हाल्ट पर यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ठेकेदार को कमीशन के रूप में अच्छी आए नहीं होने से वे ठेका बीच में छोड़ देते हैं या फिर टिकट वितरण अपनी मनमर्जी से करते हैं। चारों हाल्ट पर बी ठेकेदारों ने समय से पहले ठेका छोड़ दिया था और जिसके कारण टिकट काउंटर बंद पड़े हैं।

कुरुक्षेत्र से टिकट लाना भी बड़ी समस्या है।

ठेकेदारों को हर्ट पर टिकट वितरण के लिए कुरुक्षेत्र कार्यालय से टिकट लाने पड़ते हैं ठेकेदार ज्यादा आय नहीं होने से एडवांस में टिकट नहीं खरीदे और कई बार कार्यालय में 1 दिन से ज्यादा टिकट छापने में भी देरी हो जाती है ठेकेदारों को कई कई घंटों तक कार्यालय में टिकट के लिए इंतजार करना पड़ता है।

टिकट नहीं होने के कारण कैथल हाल्ट पर भी बंद रहता है काउंटर

कैथल बस स्टैंड के पास बने नए हाल्ट के टिकट काउंटर पर कई बार टिकते नहीं होती। टिकट नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण टिकटें कुरुक्षेत्र से लेकर आनी पड़ती है । ठेकेदार मनदीप गोयत ने बताया कि वे रोजाना सुबह टिकट लाने के लिए पहले बाइक पर कुरुक्षेत्र जाते हैं टिकट छापने में लगने वाले समय के कारण उन्हें टिकट देने में देरी हो जाती है और कई बार टिकट मिल नहीं पाते टिकट नहीं मिलने के कारण कई बार काउंटर बंद रहता है।

जब रेलवे के अधिकारी विनोद कुमार से फोन पर बात की गई उन्होंने बताया कि हाल्ट पर रेलवे को आय काम होने से यह समस्या आ रही है । ठेकेदार भी यात्री कम होने से ठेके बीच में ही छोड़ रहे हैं । इससे रेलवे को भी नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। दोबारा नए सिरे से ठेके देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इसी सप्ताह ठेके अलॉट कर चारों हाल्ट पर टिकट काउंटर खोल दिए जाएंगे।
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