कैथल: जिले से कुरुक्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव ग्योंग, टीक, पबनावा और पिण्डारसी में बने रेलवे हाल्ट पर पिछले 5 महीने से टिकट काउंटर बंद पड़े हैं. चारों हाल्ट से सीधे तौर पर करीब 20 गांव जुड़े हुए हैं. सैकड़ों यात्री रोजाना कुरुक्षेत्र से जींद और जींद से कुरुक्षेत्र जाने के लिए सफर करते हैं चारों हाल्ट पर ही रेलवे को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
अधिकारियों को नुकसान के बारे में जानकारी होने के बाद भी वे पिछले 5 महीने से समस्या के समाधान में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इन हाल पर टिकट काउंटर बंद होने से रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अधिकतर यात्री तो बिना टिकट यात्रा करते हैं और कुछ यात्री रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों से टिकट लेते हैं लेकिन कई बार टिकट के चक्कर में यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है.
गांव टीक स्टेशन पर खड़े यात्री ब्रोट निवासी मामू राम का कहना है कि उनके साथ 8 सवारियां हैं. उनको उचाना जाना है. हाल्ट पर टिकट नहीं मिलने से अब वे कैथल या कलायत से टिकट लेने को मजबूर हैं, लेकिन टिकट मिलेगा या नहीं ये भी भीड़ और ट्रेन के रुकने पर निर्भर करता है.
टिकट न मिलने से परेशान यात्री
एक बार तो उनकी टीटी के साथ झड़प भी हो गई थी. हाल्ट पर टिकट काउंटर नहीं होना उनका दोष नहीं है. टीक निवासी सुनील दत्त का कहना है कि पिछले कई महीने से टिकट काउंटर नहीं है और उन्हें रोजाना यात्रा के दौरान परेशानी उठानी पड़ती है. अब बिना टिकट यात्रा करनी पड़ेगी और टिकट नहीं होने से रास्ते में चेकिंग होने का भी डर बना रहता है.
यात्रियों की कम संख्या है रेलवे हाल्ट बंद होने का कारण
रेलवे की ओर से हाल्ट पर टिकट वितरण का कार्य तीन-तीन सास के ठेके पर दिया जाता है. ठेकेदार को नियम और शर्तें माननी पड़ती है और उनका टिकट बिक्री पर निर्धारित कमीशन दिया जाता है लेकिन चारों हाल्ट पर यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ठेकेदार को कमीशन के रूप में अच्छी आए नहीं होने से वे ठेका बीच में छोड़ देते हैं या फिर टिकट वितरण अपनी मनमर्जी से करते हैं. चारों हाल्ट पर ठेकेदारों ने समय से पहले ठेका छोड़ दिया था और जिसके कारण टिकट काउंटर बंद पड़े हैं.
कुरुक्षेत्र से टिकट लाना भी बड़ी समस्या है
ठेकेदारों को हर्ट पर टिकट वितरण के लिए कुरुक्षेत्र कार्यालय से टिकट लाने पड़ते हैं ठेकेदार ज्यादा आय नहीं होने से एडवांस में टिकट नहीं खरीदे और कई बार कार्यालय में 1 दिन से ज्यादा टिकट छापने में भी देरी हो जाती है ठेकेदारों को कई कई घंटों तक कार्यालय में टिकट के लिए इंतजार करना पड़ता है.
टिकट नहीं होने के कारण कैथल हाल्ट पर बंद काउंटर
कैथल बस स्टैंड के पास बने नए हाल्ट के टिकट काउंटर पर कई बार टिकते नहीं होती. टिकट नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण टिकटें कुरुक्षेत्र से लेकर आनी पड़ती है. ठेकेदार मनदीप गोयत ने का कहना है कि वे रोजाना सुबह टिकट लाने के लिए पहले बाइक पर कुरुक्षेत्र जाते हैं, टिकट छापने में लगने वाले समय के कारण उन्हें टिकट देने में देरी हो जाती है और कई बार टिकट मिल नहीं पाते टिकट नहीं मिलने के कारण कई बार काउंटर बंद रहता है.
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जब रेलवे के अधिकारी विनोद कुमार से फोन पर बात की गई उन्होंने कहा कि हाल्ट पर रेलवे को आय काम होने से ये समस्या हो रही है. ठेकेदार भी यात्री कम होने से ठेके बीच में ही छोड़ रहे हैं. इससे रेलवे को भी नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है. दोबारा नए सिरे से ठेके देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. इसी सप्ताह ठेके अलॉट कर चारों हाल्ट पर टिकट काउंटर खोल दिए जाएंगे.