कैथल: हरियाणा में 21 सितंबर (सोमवार) से 9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल रहे हैं. शिक्षा विभाग ने इसके लिए एसओपी यानि स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी कर दिया है. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा ने कैथल के सरकारी स्कूल का जायजा लिया और ये जानने की कोशिश की क्या स्कूलों में हैंड सैनिटाइटर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था है. क्या सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर स्कूल की तरफ से कोई तैयारी की गई है.
स्कूलों ने नहीं की कोई तैयारी
ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में पता चला कि स्कूल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है. स्कूल के कमरों की अभी तक साफ सफाई भी नहीं हुई है. बैंचों पर धूल जमी है और वो बिखरे पड़े हैं. ना तो सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई व्यवस्था है और ना ही साफ सफाई की. कैथल जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिरोही से जब इस बारे में पूछा गया तो वो डैमेज कंट्रेल करते नजर आए.
80 प्रतिशत अभिभावकों ने किया मना
शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूल के सभी प्रिंसिपल को सरकार की गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दे दिए हैं. इनका सख्ती से पालन किया जाएगा. बता दें कि सरकारी अध्यापकों को स्कूलों में फैमिली आईडी बनाने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. जिससे उनके पास अभिभावक फैमिली आईडी बनवाने के लिए आ रहे हैं. अभी तक तो ये काम भी पूरा नहीं हो पाया है. वहीं जब अभिभावकों से स्कूलों को लेकर बात की गई तो 80 प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जबतक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक वो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.
सरकार की तरफ से कहा गया है कि जो बच्चे स्कूल में आएंगे उनकी मुख्य गेट पर थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. हाथों को सैनिटाइज किया जाएगा. सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जाएगा. ईटीवी भारत हरियाणा ने जब ग्राउंड पर जाकर देखा तो पता चला कि स्कूलों में अभी तक इस तरह की कोई तैयारी नहीं की गई है.
अध्यापक भी नहीं तैयार
जब अभिभावकों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोजाना बढ़ रहा है. इसलिए वो नहीं चाहते कि उनका बच्चा स्कूल में जाए. अभिभावकों ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस एकदम से खत्म नहीं होता या इसकी कोई दवाई नहीं आती. तब तक वो अपने बच्चों को स्कूल में नहीं भेजेंगे.
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कैथल में 9वीं से 12वीं तक के 192 प्राइवेट और 150 सरकारी स्कूल हैं. इन सरकारी स्कूलों में 1236 पीजीटी टीचर्स हैं. जो अब सरकार के स्कूल खोलने के फैसले से असहमत नजर आए. अध्यापकों ने ये भी माना कि ये वक्त अभी स्कूलों को खोलने के लिए सही नहीं है. भले ही सरकार ने स्कूल खोलने के लिए एसओपी जारी कर दिया हो, लेकिन ना तो इसके लिए स्कूल प्रशासन तैयार है. ना अध्यापक तैयार हैं, ना अभिभावक तैयार हैं और ना ही बच्चे तैयार हैं. फिलहाल तो स्कूल प्रशासन की तरफ से ही नियमों को ताक पर रखा जा रहा है.