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सरकारी रेट नहीं मिलने से पंजाब में धान बेचने को मजबूर हरियाणा के किसान

सरकारी खरीद नहीं होने से परेशान कैथल के किसान पंजाब जाकर धान बेचने को मजबूर हो गए हैं. किसानों की मानें तो कैथल की मंडियों में उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है.

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सरकारी रेट नहीं मिलने से पंजाब में धान बेचने को मजबूर हरियाणा के किसान
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Published : Oct 1, 2020, 7:34 AM IST

कैथल: एक तरफ दूसरे राज्य के किसान हरियाणा में अपनी फसल बेच रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसल का अच्छा मूल्य मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ अब हरियाणा के किसान दूसरे राज्यों में अपनी फसल बेचने को मजबूर हो गए हैं. कारण है सरकार की धान खरीद की नई नीति.

सरकार ने किसानों के लिए जो तीन नए कानून लागू किए हैं उनसे कई किसान हताश और निराश हैं, क्योंकि पहले किसानों की धान या अन्य फसल हाथों हाथ बिक जाती थी, लेकिन अब किसान पिछले 10 दिनों से अनाज मंडी में बैठकर व्यापारियों की राह देख रहे हैं और उनको उनकी धान का खरीदार कोई नहीं मिल रहा है. जिस वजह से अब मजबूरन किसान अनाज मंडियों से अपनी धान उठाकर पंजाब की तरफ रुख करने लगे हैं, क्योंकि उनको उम्मीद है कि पंजाब राज्य में जाकर उनकी फसल को वहां की सरकार अच्छे दामों पर खरीदेगी.

सरकारी रेट नहीं मिलने से पंजाब में धान बेचने को मजबूर हरियाणा के किसान

किसान विकास ने कहा कि हम यहां से लगभग 30 लोग अपनी धान कैथल की कई मंडियों से उठाकर अब पंजाब जा रहे हैं, क्योंकि यहां पर सरकारी रेट पर उनकी धान नहीं खरीदी जा रही है. अगर वो अपनी धान बेचना चाहते हैं तो उसको 1200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदार खरीद रहे हैं. जिससे उनको काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए वो दूसरे राज्यों की तरफ रुख करने लगे हैं.

ये भी पढ़िए: पीएम का 'एक देश, एक मंडी' का सपना पूरा होने में कितने पेंच? देखिए रिपोर्ट

हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में जाना उन्हें काफी महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर यही हालत रहे तो किसान के पास सिर्फ एकमात्र विकल्प रहेगा वो है आत्महत्या, क्योंकि वो पहले ही कर्जदार हैं और इस सीजन में अगर उसकी धान की खरीद सरकारी रेट पर नहीं हुई तो वो आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.

कैथल: एक तरफ दूसरे राज्य के किसान हरियाणा में अपनी फसल बेच रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसल का अच्छा मूल्य मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ अब हरियाणा के किसान दूसरे राज्यों में अपनी फसल बेचने को मजबूर हो गए हैं. कारण है सरकार की धान खरीद की नई नीति.

सरकार ने किसानों के लिए जो तीन नए कानून लागू किए हैं उनसे कई किसान हताश और निराश हैं, क्योंकि पहले किसानों की धान या अन्य फसल हाथों हाथ बिक जाती थी, लेकिन अब किसान पिछले 10 दिनों से अनाज मंडी में बैठकर व्यापारियों की राह देख रहे हैं और उनको उनकी धान का खरीदार कोई नहीं मिल रहा है. जिस वजह से अब मजबूरन किसान अनाज मंडियों से अपनी धान उठाकर पंजाब की तरफ रुख करने लगे हैं, क्योंकि उनको उम्मीद है कि पंजाब राज्य में जाकर उनकी फसल को वहां की सरकार अच्छे दामों पर खरीदेगी.

सरकारी रेट नहीं मिलने से पंजाब में धान बेचने को मजबूर हरियाणा के किसान

किसान विकास ने कहा कि हम यहां से लगभग 30 लोग अपनी धान कैथल की कई मंडियों से उठाकर अब पंजाब जा रहे हैं, क्योंकि यहां पर सरकारी रेट पर उनकी धान नहीं खरीदी जा रही है. अगर वो अपनी धान बेचना चाहते हैं तो उसको 1200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदार खरीद रहे हैं. जिससे उनको काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए वो दूसरे राज्यों की तरफ रुख करने लगे हैं.

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हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में जाना उन्हें काफी महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर यही हालत रहे तो किसान के पास सिर्फ एकमात्र विकल्प रहेगा वो है आत्महत्या, क्योंकि वो पहले ही कर्जदार हैं और इस सीजन में अगर उसकी धान की खरीद सरकारी रेट पर नहीं हुई तो वो आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.

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