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बैलगाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान, तेल की बढ़ी कीमतों से हैं परेशान

कैथल में किसानों ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ोतरी के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान बैलगाड़ी पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे.

kaithal farmers protest against increase of petrol and diesel price
बैलगाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान
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Published : Jul 1, 2020, 9:37 AM IST

कैथलः कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते पहले ही आम जनता पर भारी मार पड़ रही है. उसी बीच लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों ने भी लोगों का बजट खराब किया है. जिसका विरोध विपक्ष तो कर ही रहा है लेकिन अब भारतीय किसान यूनियन भी सरकार के सामने आ खड़ा हुआ है. मंगलवार को किसान पेट्रोल और डीजल की बढ़ोतरी के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बैलगाड़ी पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे.

किसानों की खरीफ की फसल बुआई का सीजन है. ऐसे में किसानों को इस वक्त सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल की जरुरत है. ऐसे में लगातार बढ़ रहे इनके दामों को लेकर भाकियू में रोष है. किसान नेता ढिलोवाली ने कहा कि किसानों ने सोचा था कि जब बीजेपी की सरकार राज्य और केंद्र में बनेगी तो किसानों के हित में काम करेगी लेकिन अब उसका बिल्कुल उल्टा हो गया है.

बैलगाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान

किसानों पर दोहरी मार

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है, उससे किसानों पर दोगुनी मार पड़ी है. किसान नेता ने कहा कि ये समय किसान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. किसानों के लिए ये समय धान रोपाई का है. धान की फसल किसानों के मुख्य फसल होती है और इस समय किसानों पर डीजल के रेट बढ़ाने की मार डालना सही नहीं है. जिसका भारतीय किसान यूनियन विरोध करती है.

ये भी पढ़ेंः डीजल के बढ़े दाम से किसान परेशान, कहा- फिर से बैल गाड़ी चलाने पर मजबूर कर रही सरकार

खेती भी छोड़ देगा किसान- भाकियू नेता

भाकियू नेता का कहना है कि एक ओर तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन जो मौजूदा हालात है. उससे तो ये लगता है कि किसान 2022 तक इन हालातों में खेती करना भी छोड़ देगा. जिसके विरोध में किसान बैलगाड़ी से लघु सचिवालय पहुंचे और और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम कमलप्रीत कौर को सौंपा. साथ ही तेल के दामों में कटौती करने की अपील की.

कैथलः कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते पहले ही आम जनता पर भारी मार पड़ रही है. उसी बीच लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों ने भी लोगों का बजट खराब किया है. जिसका विरोध विपक्ष तो कर ही रहा है लेकिन अब भारतीय किसान यूनियन भी सरकार के सामने आ खड़ा हुआ है. मंगलवार को किसान पेट्रोल और डीजल की बढ़ोतरी के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बैलगाड़ी पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे.

किसानों की खरीफ की फसल बुआई का सीजन है. ऐसे में किसानों को इस वक्त सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल की जरुरत है. ऐसे में लगातार बढ़ रहे इनके दामों को लेकर भाकियू में रोष है. किसान नेता ढिलोवाली ने कहा कि किसानों ने सोचा था कि जब बीजेपी की सरकार राज्य और केंद्र में बनेगी तो किसानों के हित में काम करेगी लेकिन अब उसका बिल्कुल उल्टा हो गया है.

बैलगाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुंचे किसान

किसानों पर दोहरी मार

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है, उससे किसानों पर दोगुनी मार पड़ी है. किसान नेता ने कहा कि ये समय किसान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. किसानों के लिए ये समय धान रोपाई का है. धान की फसल किसानों के मुख्य फसल होती है और इस समय किसानों पर डीजल के रेट बढ़ाने की मार डालना सही नहीं है. जिसका भारतीय किसान यूनियन विरोध करती है.

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खेती भी छोड़ देगा किसान- भाकियू नेता

भाकियू नेता का कहना है कि एक ओर तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन जो मौजूदा हालात है. उससे तो ये लगता है कि किसान 2022 तक इन हालातों में खेती करना भी छोड़ देगा. जिसके विरोध में किसान बैलगाड़ी से लघु सचिवालय पहुंचे और और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम कमलप्रीत कौर को सौंपा. साथ ही तेल के दामों में कटौती करने की अपील की.

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