कैथल: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी कैथल के नजदीक गांव थाना के टोल प्लाजा पर पहुंचे. यहां उन्होंने हजारों किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को लगातार तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब किसान जाग चुका है. अब ये करो या मरो की लड़ाई है. जीत कर ही वापस आएंगे.
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन को चलते 2 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. अब ये आंदोलन पूरे देश में फैल चुका है और जनआंदोलन बन चुका है, क्योंकि इसमें अब हरियाणा की भूमिका बढ़ गई है. हरियाणा के नौजवान इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों के जागने से सरकार बौखला गई है जिस वजह से हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और जहां धरने चल रहे हैं उनके आगे गहरे खड्डे खोद दिए हैं और बैरिकेडिंग कर दी गई है. साथ ही सीमेंट की दीवारें खड़ी कर दी गई हैं और जमीन में कील गाड़ दी गई हैं.
बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि उनकी सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार है और वो किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं. पीएम के इस बयान पर चढूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि सिर्फ एक टेलीफोन की दूरी है लेकिन वो टेलीफोन कब करेंगे किसे करेंगे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. केवल जनता को गुमराह किया जा रहा है.
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26 जनवरी को हुए उपद्रव पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वो सरकार का एक षड्यंत्र था, लेकिन हमारे किसान बहुत ही सूझबूझ वाले थे. लाखों किसान दिल्ली के अंदर गए और एक पत्ता तक नहीं तोड़ा लेकिन सरकार के लोगों ने षड्यंत्र करके इसे धार्मिक रंग देना चाहा और वो उसमें कामयाब नहीं हो सके.
पत्रकारों ने पूछा की धरनास्थल की किलेबंदी हो चुकी है. चारों तरफ से रास्ते बंद कर दिए गए हैं. इस तरह आपका आंदोलन कैसे चलेगा? इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जितने मर्जी गतिरोध खड़े कर ले. जितना ये उल्टा काम करेंगे उतना ही हमारा आंदोलन बढ़ता जाएगा.
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