कैथल: शुगर मिल कैथल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों से मिलने पहुंचे और कुरुक्षेत्र में होने वाली किसानों की बैठक के बारे में राय मशवरा किया. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो किसान नेताओं की बैठक बुलाई, उसमें हमको कोई निमंत्रण नहीं दिया गया. चढ़ूनी ने कहा कि हमे शायद इसलिए नहीं बुलाया गया कि हम ज्यादा रेट की बात करेंगे.
किसान नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने चहेतों को बुलाकर मीटिंग करने के बाद गोलमोल फैसला करके यह कह देंगे कि किसानों ने हमारी बात मान ली है और आंदोलन को खत्म किया जाए. लेकिन हम कुरुक्षेत्र में होने वाली मीटिंग के बाद ही कोई फैसला लेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री के चीनी के दाम पर दिये बयान पर कहा कि गर्मी से केवल चीनी ही नहीं बनती है, एथेनॉल भी बनता है और बिजली पैदा होती है. गन्ने से महंगी तो गन्ने की खोई बिक जाती है. चीनी के दामों का नियंत्रण केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है क्योंकि चीनी की बिक्री 65 प्रतिशत कमर्शियल यूज में जाती है.
गुरनाम सिंह चढूनी से जब ये पूछा गया कि कहीं वो आंदोलन की आड़ में राजनीति तो नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि राजनीति करना कोई अपराध नहीं है. एतराज सिर्फ उन लोगों को है जिनकी सत्ता छिनेगी. इसमें किसानों को कोई एतराज नहीं है. किसानों के घर में सत्ता आती है तो उन्हें एतराज क्यों होगा. उन्होंने बिना नाम लिए कुछ संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने आपको कुछ लोग अराजनीति कहते हैं और जाकर नेताओं के तलवे चाटते हैं.
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अमित शाह की रैली में किसानों का अगर टकराव होता है तो इस पर किसान क्या करेंगे, इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गुरनाम सिंह ने कहा कि किसानों ने पहले कई टकराव झेले हैं और हम मरने से नहीं डरते. लेकिन अभी हम सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.