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सरकारी नर्सरी ने बढ़ाए पौधों के दाम, सामाजिक संस्थाओं की बढ़ी चिंता

कैथल जिले में सामाजिक संस्थाओं को इस बार वृक्षा रोपण करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. जिसका कारण पौधों को रेट बढ़ जाना है. वन विभाग की नर्सरियों ने पौधों के रेट बढ़ा दिए हैं.

government nursery increased prices of plants
कैथल सरकारी नर्सरी
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Published : Jul 21, 2020, 10:26 PM IST

कैथल: वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए हरियाली का होना बहुत ज्यादा जरूरी है. इसीलिए सरकार के आदेश पर जिला स्तर पर वन विभाग की ओर से पौधों की नर्सरी बनाई गई हैं. जिससे कोई भी इंसान सस्ते रेट पर पौधे खरीदकर लगा सके.

हर साल वन विभाग की ओर से लोगों को 1 रुपये प्रति पौधा दिया जाता था. साथ ही कुछ ऐसी भी योजानाएं भी होती हैं, जिनमें उनको मुफ्त पौधे भी दिए जाता है, लेकिन वन विभाग की तरफ से अबकी बार सामाजिक संस्थाओं को मिलने वाले पौधे का रेट बढ़ा दिया गया है. जिसका विरोध सभी सामाजिक संस्थाएं कर रही हैं. जो पौधा एक रुपये का मिलता था, अब उसका रेट बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है.

सरकारी नर्सरी ने बढ़ाए पौधों के दाम, सामाजिक संस्थाओं की बढ़ी चिंता

इस पर समाजसेवी राजू ढोहर ने कहा कि हम हर साल सामाजिक संस्थाओं की ओर से हजारों पौधे जिले में लगाते हैं, ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ बना रहे. कम रेट पर मिलने वाले पौधों में हमें सिर्फ मेहनत करनी होती है और जो खर्च होता है, वो बहुत थोड़ा होता है, लेकिन अगर हम हजारों पौधे 15 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से लेंगे तो हमारा बजट बढ़ जाएगा और इतना बजट सामाजिक संस्थाएं वहन नहीं कर सकती हैं.

वहीं राजू ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला उपयुक्त को सौंपेंगे और अपील करेंगे कि जो सामाजिक संस्थाओं को सरकारी नर्सरी से पौधे दिए जाते हैं, उनका रेट पहले की तरह किया जाए, ताकि जिले में ज्यादा से ज्यादा सामाजिक संस्थान के द्वारा पौधे लगाए जा सकें.

ये भी पढे़ं:-फरीदाबादः 'पार्षद ने कहा वोट नहीं तो पानी नहीं', महिलाएं डंडा लेकर पहुंच गई जलघर

हम निस्वार्थ भाव से काम करते हैं, ताकि हमारा जिला साफ और स्वच्छ बना रहे, लेकिन वन विभाग की तरफ से पौधों का रेट बढ़ा देना जायज नहीं है. कहीं ना कहीं समाजिक संस्थाओं के द्वारा वातावरण को स्वच्छ करने में वन विभाग एक दीवार बनकर खड़ा हो रहा है.

कैथल: वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए हरियाली का होना बहुत ज्यादा जरूरी है. इसीलिए सरकार के आदेश पर जिला स्तर पर वन विभाग की ओर से पौधों की नर्सरी बनाई गई हैं. जिससे कोई भी इंसान सस्ते रेट पर पौधे खरीदकर लगा सके.

हर साल वन विभाग की ओर से लोगों को 1 रुपये प्रति पौधा दिया जाता था. साथ ही कुछ ऐसी भी योजानाएं भी होती हैं, जिनमें उनको मुफ्त पौधे भी दिए जाता है, लेकिन वन विभाग की तरफ से अबकी बार सामाजिक संस्थाओं को मिलने वाले पौधे का रेट बढ़ा दिया गया है. जिसका विरोध सभी सामाजिक संस्थाएं कर रही हैं. जो पौधा एक रुपये का मिलता था, अब उसका रेट बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है.

सरकारी नर्सरी ने बढ़ाए पौधों के दाम, सामाजिक संस्थाओं की बढ़ी चिंता

इस पर समाजसेवी राजू ढोहर ने कहा कि हम हर साल सामाजिक संस्थाओं की ओर से हजारों पौधे जिले में लगाते हैं, ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ बना रहे. कम रेट पर मिलने वाले पौधों में हमें सिर्फ मेहनत करनी होती है और जो खर्च होता है, वो बहुत थोड़ा होता है, लेकिन अगर हम हजारों पौधे 15 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से लेंगे तो हमारा बजट बढ़ जाएगा और इतना बजट सामाजिक संस्थाएं वहन नहीं कर सकती हैं.

वहीं राजू ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला उपयुक्त को सौंपेंगे और अपील करेंगे कि जो सामाजिक संस्थाओं को सरकारी नर्सरी से पौधे दिए जाते हैं, उनका रेट पहले की तरह किया जाए, ताकि जिले में ज्यादा से ज्यादा सामाजिक संस्थान के द्वारा पौधे लगाए जा सकें.

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हम निस्वार्थ भाव से काम करते हैं, ताकि हमारा जिला साफ और स्वच्छ बना रहे, लेकिन वन विभाग की तरफ से पौधों का रेट बढ़ा देना जायज नहीं है. कहीं ना कहीं समाजिक संस्थाओं के द्वारा वातावरण को स्वच्छ करने में वन विभाग एक दीवार बनकर खड़ा हो रहा है.

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