कैथल: खेड़ी गुलाम अली गांव में बीते दो-तीन दशकों से पानी की समस्या बनी हुई है. इस गांव की आबादी करीब 8 हजार है और 3 हजार के करीब वोटर हैं. पूरे गांव में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा पानी की पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन काफी समय बीत गया और पाइप लाइन का नामोनिशान नहीं है. हालात ये हैं कि ग्रामीणों को दूर-दराज के इलाकों से पीने का पानी लाना पड़ता है.
गांव की महिला संतोष का कहना है कि जब से वो गांव में आई हैं वो पीने के पानी की समस्या से जूझ रही हैं. हालांकि उनके घर के बाहर मोहल्ले में ग्राम पंचायत के द्वारा एक ट्यूबवेल जरूर लगाया गया है, लेकिन उसमें भी पब्लिक हेल्थ, गांव के सरपंच और बिजली विभाग की लापरवाही दिखाई देती है. क्योंकि ट्यूबवेल को चलाने के लिए कोई कनेक्शन नहीं दिया गया है.
गांव में पानी की पाइप लाइन का नामोनिशान नहीं
गेहर सिंह प्रतिनिधि ब्लॉक समिति मेंबर का कहना है कि गांव में आधा हिस्सा ऐसा है जहां पर पब्लिक हेल्थ के द्वारा पीने के पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई ही नहीं गई. कई बार वो अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं. अपनी समस्या को बता चुके हैं, लेकिन फिर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए रोजाना दो-चार होना पड़ता है.
गुलाम अली गांव की सरपंच ने भी माना कि गांव में पीने के पानी की समस्या काफी समय से बनी हुई है. सरपंच सीमा देवी का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए एस्टीमेट भेजा था और कुछ गांव के हिस्से में हमने पाइप लाइन बिछाई थी, लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा गांव में पीने के पानी की समस्या है.
ना सरकार और ना प्रशासन ने ली गांव की सुध
इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट का रुख किया तो अधिकारी कर्मवीर सिंह ने कहा कि कैथल में पानी की कोई समस्या नहीं है. सिर्फ गर्मियों में थोड़ी समस्या होती है, लेकिन अभी सब कुछ ठीक है. हरियाणा सरकार आए दिन विकास का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सरकार का दावा है कि हर घर तक पानी और बिजली पहुंचाई गई है, लेकिन यहां तो आधे से ज्यादा गांव ही पीने के पानी के लिए तरस रहा है.
ये भी पढ़ें- गोहाना: गांव रूखी में 10 दिनों से नहीं मिल रहा पीने का पानी