कैथल: कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान पिछले 43 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के इस आंदोलन को आम लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इस बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. अब कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के किसान जगह-जगह ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं.
गुरुवार को गुहला चीका के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली. ये रैली हरियाणा-पंजाब बॉर्डर स्थित टोल प्लाजा से शुरू होकर गुहला चीका के कई गावों से होकर निकली. जो चीका हलके के तमाम गावों से होते हुए अनाज मंडी पहुंचेगी. इस रैली में सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाते नजर आए. किसानों के ट्रैक्टर रैली को लेकर प्रशासन भी पूरी तरीके से सतर्क नजर आई.
इस दौरान किसान नेता हरदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन नए कृषि कानून पारित किए हैं. ये किसान विरोधी हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है. इसलिए वो ये ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं. किसान नेता ने कहा कि उन्होंने इस रैली के दौरान लोगों से अपील की कि जो लोग आंदोलन में भाग नहीं ले सकते. वो सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर प्रहार करें. ताकि सरकार पर कुछ दबाव बन सके. उन्होंने कहा कि ये रैली बिल्कुल शांतिप्रिय ढंग से निकाली गई.
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सरकार का रवैया खड़ा कर रहा सवालिया निशान: किसान नेता
वहीं किसान नेता चमकोर सिंह ने बताया कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार का रवैया सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. आने वाले गणतंत्र दिवस पर किसी भी नेता को तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा. क्योंकि नेता गद्दार हैं. इसलिए एक उच्च अधिकारी को ही तिरंगा फहराने का हक है.