कैथल: भारतीय जनता पार्टी ने जब से तीन नए कृषि कानून बनाए हैं तब से ही देश भर में इन कानूनों का विरोध हो रहा है. किसानों के साथ मिलकर विभिन्न किसान संगठन धरने प्रदर्शन से लेकर अन्य कई तरह के आंदोलन कर इन तीन नए कृषि कानून का विरोध करते आ रहे हैं. वहीं आज यानि दशहरे के दिन किसान यूनियन ने पीएम का पुतला जलाया है.
देशभर में दशहरे का त्यौहार मनाया जा रहा है. दशहरे के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. वहीं भारतीय किसान यूनियन ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अहंकारी बताते हुए उनका पुतला फूंका. किसान नेता कंवरपाल करोड़ा ने कहा कि आज जैसे बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए रावण जलाया जाता है इसी तरह से हम बुराई रूपी प्रधानमंत्री का पुतला फूंक कर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को लिखित रूप में एमएसपी नहीं दिया जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा और साथ ही जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं वे भी सरकार वापस ले.
करोड़ा ने कहा कि आज हरियाणा भर में जिला स्तर पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की कॉल थी, लेकिन आज के दिन ही हमारे भारतीय किसान यूनियन के कई नेताओं को पुलिस के द्वारा उठाकर थानों में बिठाया गया है ताकि प्रधानमंत्री का पुतला ना फूखा जाए, लेकिन फिर भी हम लोग यहां पहुंचे हैं और विरोध जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका है. ये प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा और भविष्य में ये प्रदर्शन बड़े आंदोलन के रूप में दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर दर्ज मुकदमे खारिज नहीं किए गए तो 29 अक्टूबर को अंबाला की मोहड़ा मंडी में एक बड़ी रैली करके भविष्य की रणनीति का फैसला किया जाएगा.
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