कैथल: तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को कैथल जिले के कैलरम गांव में एक किसान ने अपनी हरी भरी गेहूं की डेढ़ एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसान ने कहा कि पिछले 90 दिनों से किसान कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है.
दरअसल कैलरम गांव के किसान विरेंद्र कुंडू के पास दो एकड़ जमीन है. जिसमें उन्होंने गेहूं की फसल की बुआई कर रखी थी. मंगलवार को उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में अपनी हरी भरी गेहूं की डेढ़ एकड़ फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. अब उन्होंने परिवार के खाने के लिए आधा एकड़ ही फसल बचाकर रखी है.
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन का विरेंद्र और उनका परिवार समर्थन करता है. तीनों कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर विरेंद्र अपने भाई के साथ दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने दो महीने तक धरना दिया.
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बता दें कि, किसान नेता राकेश टिकैत ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो किसान विरोध स्वरूप गेहूं की फसल को आग के हवाले कर देंगे या खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला देंगे. विरेंद्र कुंडू ने इसी बयान का अनुसरण करते हुए बालियां निकाल चुकी फसल ट्रैक्टर चलाकर जोत दी.
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गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में हरियाणा के कई जिलों में किसानों ने विरोध जताने के लिए अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाया है. हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से किसानों से ऐसा नहीं करने की अपील भी की जा चुकी है, लेकिन अब भी कई ऐसे किसान हैं जो अपनी फसल को बर्बाद करने से पीछे नहीं हट रहे हैं.
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